कुछ ऐसे Imam-Ul-Haq का दर्द छलका पक्षपात और भाई-भतीजावाद के आरोपों पर

कुछ ऐसे Imam-Ul-Haq का दर्द छलका पक्षपात और भाई-भतीजावाद के आरोपों पर

Imam Ul HaQ ही नहीं, कई और हस्तियों को ऐसे दर्द से दो-चार होना पड़ा है.

खास बातें

  • सालों से दर्द झेल रहे हैं इमाम-उल-हक
  • मुझे लोगों की बातों से पीड़ा होती है-इमाम
  • लोग कुछ भी कहें, मैं स्वीकार करूंगा
इस्लामाबाद:

पाकिस्तान के मिड्ल ऑर्डर लेफ्टी बल्लेबाज इमाम-उल-हक ने एक इंटरव्यू में अपना दर्द के दिल बयां किया है. इमाम (Imam ul Haq)ने कहा कि हालिया सालों में उनकी एक छवि गढ़ दी गई है, जिसने भाई-भतीजावाद की गलत अवधारणा और एक जटिल या मुश्किल चरित्र को समझने में कमी के पहलुओं को बल प्रदान किया है. इमाम ने कहा कि छवि ऐसी गढ़ दी गई है कि महत्वकांक्षा और भावनाओं को गलती से अहंकार समझ लिया गया है. इमाम-उल-हक की सामान्य तौर पर आलोचना इस पहलू को लेकर ज्यादा होती रही है कि जो कुछ भी पोजीशन उन्हें मिली है, वह उन्हें अपने अंकल और पूर्व चीफ सेलेक्टर इंजमाम उल हक (Inzmam Ul Haq) के कारण मिली है. 

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इमाम-उल-हक की कहानी बहुत ही दिलचस्प है. उनके अंतरराष्ट्रीय करियर पर आलोचक लगातार उंगली उठाते रहे हैं, तो उन्हें पक्षपात के आरोप सहने पड़ते हैं, लेकिन व्हाइट-बॉल क्रिकेट में उनके रिकॉर्ड को लेकर यदा-कदा ही चर्चा होती है. इमाम कहते हैं कि यह बात मुझे बहुत ही सालती है. इमाम-उल-हक ने कहा कि मैं चाहता हूं कि लोग या मेरी आलोचना करने वाले जानें कि असल इमाम-उल-हक कौन हैं. यह एक ऐसा उद्देश्य है, जिसे इमाम बार-बार दोहराते रहते हैं.


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इमाम ने कहा कि जब मैं बल्लेबाजी के लिए मैदान पर जाता हूं, तो बहुत सी बातें मेरे जहन में रहती हैं. मैं एक भावनात्मक इंसान हूं. मैं एक आक्रामक शख्सियत हूं, जो लोगों को जवाब देना चाहता हूं.  उन्होंने कहा कि जब पाकिस्तान हारता है, तो वह बहुत ज्यादा रोते हैं. अगर लोग बाबर आजम, यासिर शाह या मोहम्मद आमिर की आलोचना करते हैं, तो उन्हें बहुत ही पीड़ा होती है. मुझे पीड़ा होती है, जब यह कहा जाता है कि मैं अपने अंकल इंजाम के कारण इतनी क्रिकेट खेल पाया. 

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इमाम ने कहा कि मैं जानता हूं कि इस टीम में होना कितना ज्यादा मुश्किल है और कितनी मुश्किलें हमें टीम में बने रहने के लिए सहनी पड़ती हैं. मैं जानता हूं कि लोग हमें प्यार करते हैं. जब हम जीते हैं, तो प्रशंसक दुनिया से बाहर के लोग दिखाई पड़ते हैं, लेकिन हमें इस तथ्य पर ध्यान केंद्रित करना होता है कि यह सिर्फ खेल है. यह युद्ध नहीं है. मैं पाकिस्तानी लोगों से कहना चाहता हूं कि मैं उनसे प्यार करता हूं

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इमाम ने कहा कि लोग कुछ भी कहें, मैं इसे स्वीकार करूंगा और उन्हें खुश करने की कोशिश करूंगा.