राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) के मुखिया राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई, BCCI) के कर्मचारी मयंक पारिख को 'हितों के टकराव' के मुद्दों के संबंध में बीसीसीआई के एथिक्स अधिकारी डी.के. जैन के सामने वीरवार को को पेश होना है. मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ (एमपीसीए) के आजीवन सदस्य संजीव गुप्ता ने भारतीय टीम के पूर्व कप्तान को एनसीए का अध्यक्ष बनाए जाने पर हितों के टकराव का मुद्दा उठाया था और कहा था कि द्रविड़ इंडिया सीमेंट्स के कर्मचारी हैं, लेकिन अब COA के चेयरमैन Vinod Rai और इंडिया सीमेंट्स का बयान द्रविड़ को मुसीबत में डालता दिखाई पड़ रहा है.
One is Rahul Dravid. Who is the other one ?@BCCI https://t.co/kYb4YL8HCe
— Shobhit Agarwal (@shobhitgkp) September 20, 2019
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प्रशासकों की समिति (सीओए) के अध्यक्ष विनोद राय ने कहा था कि द्रविड़ ने कंपनी से इस्तीफा दिया है जबकि आधिकारिक कागजों में यह साफ पता चल रहा है कि बीसीसीआई के काम के कारण कंपनी ने उन्हें सिर्फ छुट्टी दी है. पत्र में कंपनी के वरिष्ठ महाप्रबंधक जी. विजयन ने साफ तौर पर लिखा है कि द्रविड़ को दो साल के लिए छुट्टी दी गई है ताकि वह एनसीए के मुखिया का पद संभाल सकें.
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पत्र में लिखा है, "हम इस बात की पुष्टि करते हैं कि हमें आपको बीसीसीआई द्वारा एनसीए के मुखिया बनाए जाने से कोई आपत्ति नहीं है. बीसीसीआई से आपके कार्यकाल के दौरान हम आपको दो साल की शुरुआती छुट्टी देते हैं." वहीं राय ने हाल ही में एक अखबार को दिए गए इंटरव्यू में कहा था कि द्रविड़ ने इंडिया सीमेंट्स से इस्तीफा दे दिया है और इसलिए उनके खिलाफ हितों के टकराव का मुद्दा नहीं बनता
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अब देखना दिलचस्प होगा कि जैन इस मुद्दे को किस तरह से लेते हैं और बीसीसीआई किस तरह से इस मुद्दे का बचाव करती है.
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