इसलिए सुरेश रैना हो गए परिदृश्य से बाहर, समर्थकों ने की सोशल मीडिया पर वापसी की मांग

इसलिए सुरेश रैना हो गए परिदृश्य से बाहर, समर्थकों ने की सोशल मीडिया पर वापसी की मांग

सुरेश रैना की फाइल फोटो

खास बातें

  • रणजी सेशन में पूरे सत्र उपलब्ध नहीं रहे रैना
  • विजय हजारे ट्रॉफी में भी प्रभावी प्रदर्शन नहीं
  • क्या अब दिखी नीली जर्सी में रनों की बरसात?
नई दिल्ली:

न्यूजीलैंड (#INDvNZ #INDvsNZ) के खिलाफ ऑकलैंड में दूसरे टी-20 मुकाबले (मैच रिपोर्ट) में भारत ने मेजबान को आसानी  से सात विकेट से मात दी, लेकिन पता नहीं क्या वजह रही मैच के बाद सोशल मीडिया पर अचानक से ही टीम से बाहर चल रहे सुरेश रैना (#SureshRaina) के चाहने वालों को उनकी याद आ गई है. और इन प्रशंसकों ने सुरेश रैना (#SureshRainaTazaKhabar) को टीम में  वापस लाने की मांग की. अपने चहेते खिलाड़ी के लिए यह सवाल कर पूछ रहे थे कि सुरेश रैना टीम से क्यों बाहर चल रहे हैं. 

वैसे एक बाद साफ है कि टीम के हालिया संयोजन को देखते हुए यह साफ है कि सुरेश रैना और युवराज सिंह टीम इंडिया के वर्ल्ड कप प्लान से पूरी तरह से बाहर हैं. युवराज के बारे में तो काफी पहले ही स्पष्ट हो गया था, लेकिन सुरेश रैना को लेकर एक हल्की सी उम्मीद थी. लेकिन हालिया मैचों में रैना को चयनकर्ताओं  ने बिल्कुल भी किसी मैच के लिए याद नहीं किया, तो वहीं घोषित शेष भारत और भारत ए जैसी टीमों में भी रैना को जगह न मिलना यह संदेश दे गया कि अब टीम इंडिया में उनके लिए वापसी की उम्मीद खत्म हो चुकी है. 

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इसी बीच सेलेक्टरों की नीति बदली और उन्हें ऋषभ पंत, केदार जाधव और क्रुणाल पंड्या पर ज्यादा फोकस किया. यहां सेलेक्टरों का जोर ऐसे खिलाड़ियों पर रहा, जो ऑलराउंड भूमिका निभाने में सक्षम हों. हालांकि, रैना अपनी तेज-तर्रार फील्डिंग के लिए जाने जाते रहे हैं. साथ ही वह पार्ट टाइम गेंदबाजी भी कर लेते हैं.

लेकिन इसके बावजूद सेलेक्टरों ने भविष्य की योजनाओं से उन्हें बाहर कर दिया. वैसे इसके अलावा एक और बड़ा कारण रहा, जो सुरेश रैना की वापसी में बड़ा रोड़ा बन गया. 

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वास्तविक हाल यह है कि उत्तर प्रदेश की टीम खत्म हुए रणजी ट्रॉफी सेशन में क्वार्टरफाइनल तक पहुंची. लेकिन रैना पांचदिनी टीम का हिस्सा नहीं रहे. उन्होंने सिर्फ 5 ही मैच खेले. और इन मैचों में वह 48.60 के औसत से सिर्फ 243 रन ही बना सके.

बड़ी पारियों के नाम पर दो अर्धशतक ही उनके हिस्से आए. वहीं, विजय हजारे में रैना का प्रदर्शन थोड़ा बेहतर रहा था. रैना ने 6 मैचों में 3 अर्धशतकों से 41.50 के औसत से 208 रन बटोरे, लेकिन इस प्रदर्शन को चयनकर्तओं ने स्वीकार नहीं किया. 

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कारण यह था कि ऋषभ पंत जैसे युवा बल्लेबाज बल्ले से आग उगल रहे थे. और टीम का संयोजन कुछ और ही डिमांड कर रहा था. पार्टटाइमर केदार जाधव अच्छा विकल्प मैनेजमेंट को दे चुके थे. और अब रैना के चाहने वालों को यह मान लेना चाहिए कि टीम के पास रैना से बेहतर विकल्प हैं. इसीलिए रैना टीम मैनेजमेंट और सेलेक्टरों की प्लानिंग से बाहर हो ग