रवि शास्त्री की फाइल फोटो
खास बातें
- कोच पद की रेस में हैं कई दिग्गज नाम
- कपिल देव की अध्यक्षता वाली कमेटी लेगी साक्षात्कार
- ...तो फिर साक्षात्कार के क्या मायने ?
नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने भले ही कोच पद के लिए आवदेन आमंत्रित किए हों, लेकिन आवेदनों की छंटनी और साक्षात्कार से पहले ही बोर्ड ने इशारा कर दिया है टीम इंडिया के कोच तो रवि शास्त्री ही होंगे. ध्यान दिला दें कि कोच और स्टॉफ के अन्य पदों के लिए आवेदन भेजने की अंतिम तिथि 31 जुलाई शाम पांच बजे है. इसके बाद करीब दस से पंद्रह दिनों के भीतर कपिल देव की अध्यक्षता वाली तीन सदस्य कमेटी कोच पद के तमाम आवेदनकर्ताओं का साक्षात्कार लेकर किसी एक नाम पर अंतिम मुहर लगाएगी.
यह भी पढ़ें: इसलिए पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को नहीं भाया विंडीज दौरे के लिए टीम चयन
वहीं, बीसीसीआई के अधिकारियों का मानना है कि यह जरूरी है कि मुख्य कोच रवि शास्त्री इस पद पर बने रहें ताकि कप्तान विराट कोहली को आगे बढ़ने में मदद मिले. बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि टीम के इस बदलाव के दौर में शास्त्री और कोहली का अपने पद पर बने रहना महत्वपूर्ण है क्योंकि टीम 2020 के टी-20 विश्व कप को देखते हुए युवाओं को मौका देना चाहती है. अधिकारी ने कहा, "बदलाव के इस दौर में लंबे समय तक कुछ भी स्थायी नहीं होना चाहिए, लेकिन शास्त्री और कोहली एक-दूसरे के पूरक हैं और इस सफल टीम के आधे हिस्से को बदलना सही नहीं होगा"
यह भी पढ़ें: कप्तानी बचाने नहीं, इस वजह से विराट कोहली गए वेस्टंडीज दौरे पर, सूत्र का खुलासा
अधिकारी ने कहा कि टीम में निरंतरता बनाए रखना महत्वपूर्ण था क्योंकि कोच के बदलाव का मतलब यह हो सकता है कि नए कोच खिलाड़ियों को शुरूआत से अपने तरीकों से ढालें. उन्होंने कहा, "कोच का बदलाव उस समीकरण को बिगाड़ने वाला साबित हो सकता है जो मौजूदा खिलाड़ियों को बाहर निकालने के लिए मानसिक स्थान की अनुमति देता है. अगर इस समय बदलाव किया जाता है तो यह अगले पांच वर्षों के लिए रणनीति और योजना का बदलाव होगा"
VIDEO: धोनी के संन्यास पर युवाओं की राय जान लीजिए.
बता दें कि टीम के मौजूदा कोच रवि शास्त्री और उनके सहयोगियों को हालांकि आवेदन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. उन्हें इंटव्यू में सीधे प्रवेश मिलेगा. विश्व कप समाप्त होने के बाद मौजूदा कोचिंग स्टाफ का कार्यकाल समाप्त हो गया था, लेकिन इनके कार्यकाल को 45 दिन का विस्तार दिया गया था.