कप्तानी बचाने नहीं, इस वजह से विराट कोहली गए वेस्टंडीज दौरे पर, सूत्र का खुलासा
भारत की हार के बाद से ही मीडिया के कई हल्कों में यह चर्चा चल रही है टीम में सबकुछ सही नहीं हैं. खिलाड़ी बंटे हुए हैं, टीम दो ग्रुपों में बंटी हुई है, वगैरह-वगैरह. वहीं. एक खबर यह भी आई कि बीसीसीआई अब वडन और टेस्ट के लिए अलग-अलग कप्तान की नियुक्ति पर विचार कर रहा है
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- Updated: July 24, 2019 03:28 PM IST

वर्ल्ड कप से पहले से ही इस बात को लेकर चर्चा थी कि विंडीज दौरे के लिए विराट कोहली (Virat Kohli) को आराम दिया जाएगा, लेकिन जब वर्ल्ड कप में सेमीफाइनल से ही विदाई के बाद जब विराट ने विंडीज दौरे के लिए खुद को उपलब्ध बताया, तो एक बार को बीसीसीआई और सेलेक्टर्स भी हैरान रह गए. चयन समिति की मीटिंग एक दिन के लिए टाल गई. तरह-तरह की चर्चाएं होने लगीं कि विराट कोहली (Virat Kohli) ने कप्तानी बचाने के लिए विंडीज जाने का फैसला किया है, लेकिन अब टीम से जुड़े सूत्र ने खुलासा किया है असल वजह कुछ और ही है.
Hard work has no substitute.
— Virat Kohli (@imVkohli) July 19, 2019
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भारत की हार के बाद से ही मीडिया के कई हल्कों में यह चर्चा चल रही है टीम में सबकुछ सही नहीं हैं. खिलाड़ी बंटे हुए हैं, टीम दो ग्रुपों में बंटी हुई है, वगैरह-वगैरह. वहीं. एक खबर यह भी आई कि बीसीसीआई अब वडन और टेस्ट के लिए अलग-अलग कप्तान की नियुक्ति पर विचार कर रहा है. और इस खबर के आने के बाद ही जब कोहली ने खुद विंडीज दौरे के लिए उपलब्ध बताया, तो फिर यह कहा गया कि कोहली ने कप्तान बचाने के लिए विंडीज जाने का फैसला किया है, लेकिन जब बीसीसीआई ने विराट को सभी फॉर्मेटों में कप्तान बनाने का फैसला किया, तो अलग-अलग कप्तान की थ्योरी भी दम तोड़ गई. बहरहाल, अब टीम से जुड़े नजदीकी सूत्र कोहली के फैसले की असल वजह बतायी है.
Hard work has no substitute.
— Virat Kohli (@imVkohli) July 19, 2019
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टीम से जुड़े सूत्र ने अलग कप्तानों की थ्योरी को बकवास बताते हुए कहा कि विराट ने टीम का मनोबल बढ़ाने के लिए विंडीज दौरे पर जाने का फैसला किया क्योंकि वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में हार के बाद सभी खिलाड़ी बहुत ही ज्यादा दुखी थे. और ऐसे समय विराट टीम को अकेले नहीं छोड़ना चाहते थे. वे खिलाड़ियों का मनोबल ठीक वैसा ही रखना चाहते थे, जैसा वर्ल्ड कप के दौरान था, लेकिन सेमीफाइनल में हार के बाद यह बुरी तरह से टूट गया था. सूत्र ने कहा कि भारतीय कप्तान बिल्कुल भी नहीं चाहते थे कि खिलाड़ी गिरे हुए मनोबल के साथ विंडीज के खिलाफ खेलें. ऐसे में उन्होंने टीम में फिर से सकारात्मकता पैदा करने की पूरी जिम्मेदारी अपने ऊपर ली.
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सूत्र ने कहा कि विराट की सोच यह रही कि वर्ल्ड कप की हार ने प्रत्येक खिलाड़ी के मनोबल को प्रभावित किया था. ऐसे में इस मुश्किल समय में टीम से दूर रहना सही नहीं होगा. इसलिए विराट ने टीम को अकेले छोड़ने के बजाय विंडीज दौरे पर जाने का फैसला किया.