शाहिद अफरीदी की टिप्‍पणी पर गौतम गंभीर को आया गुस्‍सा, बोले-मैं खुद तुम्‍हें मनोचिकित्‍सक के पास ले जाऊंगा

शाहिद अफरीदी की टिप्‍पणी पर गौतम गंभीर को आया गुस्‍सा, बोले-मैं खुद तुम्‍हें मनोचिकित्‍सक के पास ले जाऊंगा

Gautam Gambhir और Shahid Afridi के बीच मैदान के अंदर और बाहर संबंध तल्‍ख रहे हैं

खास बातें

  • ‘गेम चेंजर’में गंभीर के खिलाफ खुलकर बोले थे अफरीदी
  • कहा था-उनके साथ एटिट्यूड प्रॉब्लम जबकि कोई व्यक्तित्व नहीं है
  • मैदान पर एक-दूसरे से भिड़ चुके हैं गंभीर और अफरीदी
नई दिल्‍ली:

Shahid Afridi vs Gautam Gambhir: क्रिकेट के मैदान पर एक-दूसरे के जबर्दस्‍त प्रतिद्वंद्वी रहे भारत (Indian cricket team) के पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर और पाकिस्‍तान के पूर्व क्रिकेटर शाहिद अफरीदी (Shahid Afridi) अब मैदान के बाहर आमने-सामने हैं. दरअसल, पाकिस्‍तान (Pakistan cricket team) के पूर्व क्रिकेटर शाहिद अफरीदी ने हाल में अपनी आत्मकथा में गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) के बारे में नकारात्मक बातें लिखी हैं जिनका जवाब देते हुए गौती ने खुद पाकिस्तान के पूर्व कप्तान अफरीदी को ‘मनोचिकित्सक' के पास ले जाने की पेशकश की है. गंभीर इस समय दिल्‍ली की पूर्वी दिल्‍ली सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. गंभीर की पहचान दोटूक अंदाज में अपनी बात कहने वाले शख्‍स के रूप में है. शाहिद अफरीदी ने अपनी आत्मकथा ‘गेम चेंजर' में व्‍यंग्यात्मक रूप में गंभीर (Gautam Gambhir) के बारे में लिखा कि वह ‘इस तरह का व्यवहार करते हैं जैसे वह डॉन ब्रैडमैन और जेम्स बांड दोनों की काबिलियत' रखने वाला है और उसका रवैया भी अच्छा नहीं है और न ही उसके कोई महान रिकॉर्ड हैं. पूर्व भारतीय क्रिकेटर गंभीर ने अफरीदी (Shahid Afridi)को टैग करते हुए अपने अधिकारिक ट्विटर पर इसका जवाब दिया. उन्होंने ट्वीट किया, ‘...तुम मजाकिया व्यक्ति हो!! कोई नहीं, हम अब भी पाकिस्तानी लोगों को चिकित्सा के लिये वीजा दे रहे हैं. मैं खुद तुम्हें मनोचिकित्सक के पास लेकर जाऊंगा..'

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गंभीर (Gautam Gambhir) और अफरीदी (Shahid Afridi) के बीच मैदान के अंदर और बाहर अच्छा तालमेल नहीं रहा है और अफरीदी की इस तरह की टिप्पणी में यह साफ झलकता है. वर्ष 2007 में कानपुर में द्विपक्षीय वनडे सीरीज में दोनों के बीच बहस हो गयी थी (हालांकि अफरीदी की किताब में एशिया कप मैच बताया गया है जो गलत है). अफरीदी ने हाल में स्वीकार किया कि उन्होंने उम्र से संबंधित धोखाधड़ी की थी और जब उन्होंने अपने पर्दापण मैच में शतक जड़ा था तो वह 16 के नहीं बल्कि 21 साल के थे. जबकि वर्षों से माना जा रहा था कि वह तब 16 साल के थे.


गौरतलब है कि किताब 'गेमचेंजर' में गंभीर पर हमला बोलते हुए शाहिद अफरीदी (Shahid Afridi)  ने लिखा था, कि कुछ प्रतिद्वंद्विता निजी होती है, तो कुछ पेशेवर. इनमें से ही एक रोचक मामला गौतम गंभीर से जुड़ा है. उनके साथ एटिड्यूड प्रॉब्लम है, जबकि उनका कोई व्यक्तित्व नहीं है. क्रिकेट में गंभीर जैसा व्यक्तित्व आपको बमुश्किल ही मिलता है. वह एक ऐसे खिलाड़ी हैं, जिनका कोई शानदार रिकॉर्ड नहीं है, लेकिन उनमें एटिट्यूड बहुत ही ज्यादा है.

अफरीदी (Shahid Afridi) ने आगे लिखा था, हम कराची में ऐसे लोगो को जला हुआ कहकर बुलाते हैं. बात यह है कि मुझे खुशमिजाज और सकारात्मक लोग पसंद हैं. फिर इसका कोई मतलब नहीं कि वे बहुत ही आक्रमक हैं या प्रतिस्पर्धी, लेकिन आपको सकारात्‍मक होना पड़ता है, पर गंभीर  कभी सकारात्मक नहीं थे.साल 2007 में कानपुर में खेले गए वनडे मुकाबले के दौरान दोनों खिलाड़ी मैदान पर भिड़ गए थे. इसके लिए आईसीसी ने दोनों को आचार संहिता तोड़ने के लिए आरोपित किया था. (इनपुट: एजेंसी)

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