एक बार ध्यान दिला दें पिछले साल जुलाई में खेले गए टी20 वर्ल्ड कप के बाद से धोनी टीम इंडिया से दूर चल रहे हैं. धोनी ने कई अलग-अलग तरह के कार्यक्रमों में भी हिस्सा लिया और इस दौरान हालिया समय में उनके संन्यास को लेकर भी तरह-तरह की अटकलें लगाई गईं.
Indian Premier League 2020: अधिकारी ने कहा, "अगर हम दिन में दो मैचों के लिए गए होते तो हमारे पास टूर्नामेंट की शुरुआत में ही विदेशी खिलाड़ी होते. चूंकि यह सप्ताह के अंत में भी विकल्प नहीं है, इसलिए हमें जल्दी शुरुआत करनी होगी ताकि टूर्नामेंट मई के आखिरी तक चले.
IPL AUction:हेटमायर आईपीएल के 2020 की नीलामी में बिके छठे सबसे महेंगे खिलाड़ी रहे. खास बात यह है कि उनकी बेस प्राइस केवल 50 लाख रुपये थी. हेटमायर ने इसका जश्न बिंदास अंदाज में डांस करके मनाया.
Abid Ali: श्रीलंका क्रिकेट टीम पर आतंकी हमले के 10 साल बाद पाकिस्तानी सरजमीं पर हुए पहले टेस्ट में मेजबान टीम के लिए सब कुछ निराशाजनक रहा लेकिन आबिद के रूप में उसे नया सितारा जरूर मिल गया.
Shafali Verma: दिल्ली से 70 किलोमीटर दूर हरियाणा के छोटे से शहर रोहतक से अपना सफर शुरू करके शेफाली आज भारतीय महिला टीम की खास सदस्य बन गई हैं. इसी माह 10 नवंबर को वेस्टइंडीज के खिलाफ सेंट लुसिया में T20 मैच में शेफाली ने धूम मचाई.
Shikhar Dhawan: दिल्ली कैपिटल्स के प्रदर्शन के बारे में शिखर धवन कहते हैं कि टीम का सफलता का राज तीनों क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन है और इसी कारण टीम अंकतालिका में मजबूत स्थिति में बैठी है. उन्होंने कहा, "टीम काफी संतुलित है. टीम की बल्लेबाजी तथा गेंदबाजी दोनों में अच्छे खिलाड़ी हैं.
कल के मैच के दौरान रोहित शर्मा और शिखर धवन की जोड़ी 12 रन के अंतर से एक बड़ा रिकॉर्ड अपने नाम करने से चूक गई. इन दोनों बल्लेबाजों ने पहले विकेट के लिए 160 रन जोड़े. यदि ये दोनों 12 रन और बना लेते तो टी20 की सबसे बड़ी साझेदारी का रिकॉर्ड स्थापित कर लेते. यह रिकॉर्ड इस समय न्यूजीलैंड के मार्टिन गप्टिल और केन विलियमसन के नाम पर है. इन दोनों ने वर्ष 2016 में हेमिल्टन में पाकिस्तान के खिलाफ 171 रन की साझेदारी की थी.
वर्ल्डकप 1983 की बड़ी जीत के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) टीम के खिलाड़ियों को सम्मानित करने और 'बड़ा' पुरस्कार देने के बारे में सोच रहा था लेकिन समस्या यह थी कि उसके पास ज्यादा धनराशि नहीं थी. क्रिकेट का खेल उस समय तक पेशेवर रूप नहीं ले पाया था और उस समय बीसीसीआई आज की तरह 'धनकुबेर' नहीं था. स्वरकोकिला लता मंगेशकर ऐसे में बीसीसीआई और खिलाड़ियों की मदद के लिए आगे आई थीं.
क्रिकेट की बाइबल मानी जाने वाली पत्रिका विज्डन ने मोहिंदर अमरनाथ को साल के 5 सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में चुना था. कह सकते हैं कि कपिल देव और मोहिन्दर अमरनाथ भारतीय क्रिकेट में बदलाव के सूत्रधार थे. 1983 वर्ल्ड कप के बाद भारतीय क्रिकेट हमेशा के लिए बदल गया.हमेशा अपनी ट्राउंजर के पॉकेट में लाल रुमाल रखने वाले "मास्टर ऑफ़ कम बैक" मोहिन्दर अमरनाथ को तेज़ गेंदबाज़ों के समक्ष बेहतरीन बल्लेबाज़ माना जाता था.