Asia Cup: तीसरी बार फाइनल में पहुंची बांग्‍लादेश टीम क्‍या बन पाएगी चैंपियन...?

Asia Cup: तीसरी बार फाइनल में पहुंची बांग्‍लादेश टीम क्‍या बन पाएगी चैंपियन...?

बांग्‍लादेश की टीम तीसरी बार एशिया कप के फाइनल में पहुंची है (फाइल फोटो)

खास बातें

  • 2012 और 2016 में भी फाइनल में पहुंच चुका है बांग्‍लादेश
  • दोनों ही बार उसे फाइनल में हार का सामना करना पड़ा था
  • फाइनल में कल अच्‍छे प्रदर्शन के साथ भाग्‍य की भी जरूरत होगी
दुबई:

एशिया कप-2018 के फाइनल मुकाबले में रोहित शर्मा की कप्‍तानी वाली भारतीय टीम कल बांग्‍लादेश के सामने होगी. कांबिनेशन और  अब तक के प्रदर्शन के आधार पर टीम इंडिया को खिताब का प्रबल दावेदार माना जा रहा है. भारतीय टीम यदि कल फाइनल जीतती है तो एशिया कप चैंपियन बनने का उसका सातवां मौका होगा. भारतीय टीम इससे पहले वर्ष 1984, 1988, 1990-91, 1995, 2010 और 2016 में एशिया कप जीत चुकी है. वर्ष 2016 में एशिया कप टी20 फॉर्मेट में आयोजित किया गया था. दूसरी ओर बांग्‍लादेश के लिए यह फाइनल में पहुंचने का तीसरा मौका है हालांकि बांग्‍लादेश को अब तक चैंपियन बनने का मौका नहीं मिला है. बांग्‍लादेश वर्ष 2012 और 2016 में फाइनल में पहुंचा था, पहली बार उसे पाकिस्‍तान के हाथों हार का सामना करना पड़ा था जबकि वर्ष 2016 (टी20 फॉर्मेट) में टीम इंडिया ने उसका खिताब जीतने का सपना चूर-चूर कर दिया था.

फाइनल में भारत-बांग्‍लादेश के इन दो खिलाड़ि‍यों के बीच होगा अलग तरह का 'मुकाबला'

यह तय है कि तीसरी बार फाइनल में पहुंची बांग्‍लादेश की टीम कल खिताब जीतने में कोई कसर बाकी नहीं रखेगी. हालांकि कागज पर भारतीय टीम को बांग्‍लादेश के मुकाबले बेहद मजबूत माना जा सकता है. बल्‍लेबाजी और गेंदबाजी, दोनों ही क्षेत्रों में भारतीय टीम में गजब का संतुलन है और टूर्नामेंट में उसके अब तक के प्रदर्शन में यह दिखा भी है. एशिया कप 2018 में भारतीय टीम ने अब तक कोई मैच नहीं हारा है. इसके अलावा बांग्‍लादेश की टीम चोटिल खिलाड़ि‍यों के समस्‍या से भी जूझ रही है. दो प्रमुख खिलाड़ी ओपनर तमीम इकबाल और हरफनमौला शाकिब अल हसन की सेवाएं फाइनल में बांग्‍लादेश को नहीं मिल सकेंगी. तमीम को टूर्नामेंट के उद्घाटन मैच में श्रीलंका के खिलाफ मैच के दौरान कलाई  में फ्रैक्‍चर के कारण बाहर होना पड़ा था, वहीं शाकिब अल हसन उंगली की चोट की वजह से फाइनल में नहीं खेल पाएंगे. उन्हें ऑपरेशन करवाना पड़ सकता है जिससे वह जिम्बाब्वे के खिलाफ 30 सितंबर से होने वाली घरेलू सीरीज में भी नहीं खेल पाएंगे. दो प्रमुख खिलाड़‍ियों की गैरमौजूदगी में बांग्‍लादेश के लिए कल भारत को हराना आसान नहीं होगा. लेकिन टीम ने जिस तरह कल पाकिस्‍तान को हराकर फाइनल में स्‍थान बनाया है, उससे मुर्तजा ब्रिगेड के हौसले बुलंद हैं. बांग्‍लादेश को इस मैच में मुशफिकुर रहीम से एक और बेहतरीन पारी की उम्‍मीद होगी. गेंदबाजी में मुस्‍तफिजुर भारतीय बल्‍लेबाजों के लिए मुश्किल का सबब बन सकते हैं. बांग्‍लादेश को फाइनल में जीत हासिल करने के लिए अच्‍छे प्रदर्शन के साथ-साथ भाग्‍य के साथ की भी जरूरत होगी. उसे उम्‍मीद करनी होगी कि भारत के लिए कल फाइनल मैच में कुछ भी उम्‍मीद के मुताबिक नहीं हो.


फाइनल में पहुंची दोनों टीमों के मजबूत और कमजोर पक्ष इस प्रकार हैं...

भारतीय टीम
मजबूत पक्ष: शिखर धवन-रोहित शर्मा की ओपनर जोड़ी, दोनों बल्‍लेबाज इस समय बेहतरीन फॉर्म में हैं.
-जसप्रीत बुमराह और भुवनेश्‍वर ने सिर्फ सटीक है बल्कि लगातार विकेट भी ले रहे हैं. चहल, कुलदीप और जडेजा की तिकड़ी ने भी अब तक शानदार प्रदर्शन किया है.
कमजोर पक्ष: हरफनमौला हार्दिक पंड्या का टूर्नामेंट से बाहर होना. मध्‍यक्रम की बल्‍लेबाजी कमजोर कड़ी साबित हो रही.
इन खिलाड़‍ियों के प्रदर्शन पर होगी नजर : रोहित शर्मा, शिखर धवन, जसप्रीत बुमराह, रवींद्र जडेजा और कुलदीप यादव.

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बांग्‍लादेश टीम
मजबूत पक्ष: मुशफिकुर रहीम का शानदार फॉर्म में होना.
-गेंदबाजी में मुस्‍तफिजुर भारतीय बल्‍लेबाजों की कड़ी परीक्षा ले सकते हैं. स्पिनर मेहदी हसन ने भी अब तक शानदार प्रदर्शन किया है.

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कमजोर पक्ष: तमीम इकबाल और शाकिब अल हसन का चोट के कारण उपलब्‍ध न होना. रहीम के अलावा अन्‍य बल्‍लेबाज प्रभावी योगदान नहीं दे पा रहे.
इन खिलाड़‍ियों के प्रदर्शन पर होगी नजर : मुशफिकुर रहीम, मेहदी हसन और मुस्‍तफिजुर रहमान.