फवाद एशियाई खेलों की घुड़सवारी इवेंट में 36 वर्षों में व्यक्तिगत पदक पाने वाला पहले भारतीय हैं
खास बातें
- घुड़सवारी में 36 वर्षों में निजी पदक पाने वाले पहले भारतीय
- टीम को रवाना होने के एक दिन पहले मिले थे मान्यता कार्ड
- घुड़सवारी महासंघ की आपसी कलह के कारण हुआ था ऐसा
जकार्ता: फवाद मिर्जा ने रविवार को यहां रजत पदक जीतकर एशियाई खेलों की घुड़सवारी प्रतियोगिता में पिछले 36 वर्षों से व्यक्तिगत पदक पाने वाला पहला भारतीय बनने का गौरव हासिल किया जबकि उनके प्रयासों से टीम भी दूसरा स्थान हासिल करने में सफल रही. ‘सिगनोर मेदिकोट’ नाम के घोड़े पर सवार मिर्जा ने ड्रेसेज और क्रास कंट्री क्वालीफायर्स में 22.40 के स्कोर के साथ पहले स्थान पर रहते हुए जंपिंग फाइनल्स में प्रवेश किया. उन्होंने जंपिग फाइनल्स में 26.40 के स्कोर के साथ रजत पदक जीता. जापान के ओइवा योशियाकी ने 22.70 के स्कोर के साथ स्वर्ण जबकि चीन के अलेक्स ह्यून तियान (27.10) ने कांस्य पदक जीता. फवाद ने ऐसे समय में यह उपलब्धि हासिल की जब भारतीय घुड़सवारी टीम के लिये इंडोनेशिया की राजधानी तक की राह आसान नहीं रही. भारतीय टीम को रवाना होने से केवल एक दिन पहले मान्यता कार्ड मिले थे. ऐसा भारतीय घुड़सवारी महासंघ की अंदरूनी कलह के कारण हुआ था क्योंकि ईएफआई ने चयन को अमान्य घोषित कर दिया था.
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मिर्जा के के शानदार प्रदर्शन के सहारे भारत ने टीम स्पर्धा में भी रजत पदक हासिल किया. इस टीम में मिर्जा के अलावा जितेंदर सिंह, आकाश मलिक और राकेश कुमार शामिल थे. भारतीय टीम का कुल स्कोर 121.30 रहा. जापान (82.40) ने स्वर्ण और थाईलैंड (126.70) ने कांस्य पदक जीता. फवाद जर्मन ओलिंपियन बेटिना हाय से प्रशिक्षण ले रहे थे. उन्होंने पिछले साल इटली के मोंटेलब्रेटी में एशियाई खेल सीसीआई घुड़सवारी प्रतियोगिता के पहले दो ट्रायल्स में जीत दर्ज करके भारतीय टीम में जगह बनायी थी. इटली में जीत दर्ज करने के बाद उन्होंने फ्रांस और जर्मनी में भी अपने हुनर का प्रदर्शन करके जीत हासिल की थी.
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भारत ने इससे पहले एशियाई खेलों की घुड़सवारी में तीन स्वर्ण सहित दस पदक जीते हैं लेकिन इस खेल में भारत की तरफ से मिर्जा से पहले आखिरी व्यक्तिगत पदक 1982 में दिल्ली एशियाई खेलों में जीते गये थे. तब रघुवीर सिंह ने स्वर्ण पदक जीता था जबकि भारत के गुलाम मोहम्मद खान ने रजत और प्रहलाद सिंह ने कांस्य पदक हासिल किया था.