खास बातें
- युवराज सिंह का सभी फॉर्मेटों से संन्यास
- इस खेल ने मुझे लड़ना सिखाया
- 17 साल के इंटरनेशनल करियर में कई उतार-चढ़ाव देखे
नई दिल्ली: युवराज सिंह (yuvraj Singh) ने सोमवार को क्रिकेट के सभी फॉर्मेटों से संन्यास ले लिया. प्रेस कॉन्फ्रेंस में युवराज (yuvraj Singh) अपनी मां शबनम और पत्नी हेजल कीच के साथ आए. और बहुत भावुक दिखाई पड़ रहे युवराज (yuvraj Singh is retired) ने इस दौरान अपने करियर से जुड़ी कई बातों का खुलासा किया. इस दौरान उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने उनसे फेयरवेल मैच देने वादा किया था, लेकिन वह बोर्ड की शर्त पर खरे नहीं उतरे!
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आपको याद दिला दें कि करीब डेढ़ साल पहले युवराज सिंह और सुरेश रैना दोनों ही बोर्ड के नए फिटनेस यो-यो टेस्ट में फेल हो गए थे. ये दोनों ही इस टेस्ट के मुश्किल मानकों पर खरे नहीं उतरे थे. और कुछ दिन बाद इनका एक बार फिर से यो-यो टेस्ट हुआ, तो दोबारा कोशिश में युवराज और रैना दोनों ही पास हो गए. और फेयरवेल मैच का रिश्ता भी युवराज के यो-यो टेस्ट से जुड़ा हुआ है.
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एक समय वीरेंद्र सहवाग ने फेयरवेल मैच की पीड़ा के बारे में कहा था, लेकिन युवराज को इसको लेकर कोई दुख नहीं है. उन्होंने कहा कि वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ जैसे महान खिलाड़ियों को भी फेयरवेल नहीं मिला, जबकि वे इसके पूर्ण हकदार थे. लेकिन युवराज ने खुलासा करते हुए बताया कि बोर्ड ने एक शर्त के साथ मुझे फेयरवेल मैच देने का वादा किया था.
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युवराज ने कहा कि बीसीसीआई ने कहा कि अगर मैं दोबारा से य़ो-यो टेस्ट में पास नहीं होता हूं, तो मुझे विदाई मैच दिया जाएगा, लेकिन मैंने दूसरी बारी में टेस्ट पास कर लिया और फिर फेयरवेल मैच की नौबत ही नहीं आई.