विराट कोहली ने नीतिगत मामले में कभी दबाव नहीं बनाया: COA प्रमुख विनोद राय

विराट कोहली ने नीतिगत मामले में कभी दबाव नहीं बनाया: COA प्रमुख विनोद राय

विनोद राय ने कहा, व्यक्तिगत स्तर पर विराट का मेरे साथ व्यवहार बहुत अच्छा रहा है (फाइल फोटो)

खास बातें

  • कहा, विराट कोहली का मेरे साथ व्‍यवहार बहुत अच्‍छा रहा है
  • विराट ने कभी मुझ पर किसी चीज के लिए दबाव नहीं बनाया
  • टीम प्रबंधन-सिलेक्‍टर्स ने भी उनको लेकर कभी शिकायत नहीं की
नई दिल्ली:

पिछले कुछ वर्षों में भारतीय क्रिकेट में विराट कोहली का आभामंडल तेजी से चमका है लेकिन प्रशासकों की समिति (COA) के प्रमुख विनोद राय के अनुसार आम राय के विपरीत वह नीतिगत फैसलों में कभी ‘असंगत प्रभाव’नहीं डालते हैं. विनोद राय का कोहली के साथ नीतिगत फैसलों को लेकर पहला अनुभव 16 महीने पुराना है और उनका भारतीय कप्तान को लेकर अपना आकलन है.राय ने एक इंटरव्‍यू में कहा, ‘कोई भी कप्तान टीम पर कुछ निश्चित प्रभाव डालता है. मैं एक निश्चित सीमा तक इस तरह की छूट और अधिकार देने के पक्ष में हूं. आखिरकार कप्तान को ही खास जिम्मेदारी निभानी होती है.लेकिन मैं यह भी स्पष्ट कर देना चाहूंगा कि कोई भी मेरे पास यह शिकायत लेकर नहीं आया कि विराट ने इस तरह से प्रभाव डाला जो कि कप्तान को मिले अधिकारों से इतर हो.’

राय ने कहा कि कप्तान ने किसी नीतिगत मामले में उन पर कभी दबाव नहीं डाला. सीओर प्रमुख ने कहा, ‘व्यक्तिगत स्तर पर विराट का मेरे साथ व्यवहार बहुत अच्छा रहा है. विराट ने कभी किसी चीज के लिये मुझ पर दबाव नहीं बनाया. इसके अलावा न तो टीम प्रबंधन और न ही चयनकर्ताओं ने कभी विराट को लेकर किसी तरह की शिकायत की.’अनिल कुंबले के मुख्य कोच पद से इस्तीफा देने के कारण कयास लगाये जा रहे थे कि कोहली नीतिगत फैसलों पर जरूरत से ज्यादा प्रभाव डाल रहे हैं. खबरों में यही कहा गया कि कोहली के दबाव के कारण कुंबले को अपना पद छोड़ना पड़ा.

एमएसके प्रसाद की अगुवाई वाली चयनसमिति ने कुल मिलाकर 13 टेस्ट मैच खेले हैं और कभी-कभी लगता है कि उस पर दबाव बनाया जाता है लेकिन सीओए प्रमुख का मानना है कि यह पूर्व विकेटकीपर उन लोगों में शामिल नहीं है जिस पर आसानी से दबाव बनाया जा सके. उन्होंने कहा, ‘मुझे ऐसी कोई जानकारी नहीं है कि चयनकर्ता किसी तरह के दबाव में है. मैं एमएसके का बहुत सम्मान करता हूं. ’राय ने विस्तार से बताने के बजाय बताया कि सीओए के जिम्मेदारी संभालने के बाद प्रसाद ने किस तरह से चयन का दबाव अच्छी तरह से संभाला. उन्होंने कहा, ‘एमएसके झुक नहीं सकता और वह काफी सीनियर है जो स्टार खिलाड़ियों को संभाल सके. जब उन्होंने अफगानिस्तान टेस्ट के लिये टीम का चयन किया तो उन्हें विराट के बिना खिलाड़ियों की सूची सौंप दी गई थी. मैं और डायना (एडुल्जी) भी चयन बैठकों में शिरकत नहीं करते हैं.’

राय ने कोहली को अफगानिस्तान टेस्ट के बजाय सरे की ओर से काउंटी क्रिकेट में खेलने की अनुमति देने को भी सही ठहराया. उन्होंने कहा, ‘मैं शुरू से ही नीतिगत फैसलों में शामिल रहा हूं. दक्षिण अफ्रीका दौरे में हमें टेस्ट सीरीज में 1-2 से हार झेलनी पड़ी और इसको लेकर काफी आलोचना हुई कि टीम को वहां की परिस्थितियों से सामंजस्य बिठाने का पर्याप्त समय नहीं मिला.’उन्होंने कहा, ‘टीम प्रबंधन के साथ इसको लेकर चर्चा हुई जिसमें भारत 'ए' के कोच राहुल द्रविड़ भी थे। इसमें विस्तृत योजना तैयार की गयी ताकि हमारे खिलाड़ी वहां जल्दी पहुंचकर मैच खेलें और सीरीज के लिये तैयार रहें.
राय ने इसके साथ ही साफ किया कि डे-नाइट टेस्ट मैच नहीं खेलने का फैसला ‘प्राथमिक हितधारकों’ जो कि खिलाड़ी हैं, से मशविरा करने के बाद लिया गया. उन्होंने कहा कि इस मामले में खिलाड़ियों के विचार जानने जरूरी थे.

राय ने कहा, ‘पूरी दुनिया मैच जीतने के लिये खेलती है. हो सकता है कि 50 साल पहले भारतीय टीम ड्रॉ के लिए खेलती हो. हमारे पास बेहतरीन टीम है और वे अपने तात्कालिक लक्ष्य (इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज तथा इंग्लैंड में 2019 वर्ल्‍डकप जीतना) पर ध्यान देना चाहते हैं. ’उन्होंने कहा कि मुख्य कोच रवि शास्त्री ने सीओए को खिलाड़ियों की राय से अवगत कराया. राय ने कहा, ‘रवि 12 अप्रैल को हमसे मिले और उन्होंने कहा कि टीम अभी दूसरी चीज (वर्ल्‍डकप) पर ध्यान दे रही है और वह अभी गुलाबी गेंद से अभ्यास करने के लिये तैयार नहीं है. जब हमने रवि से पूछा कि क्या उन्होंने सीनियर खिलाड़ियों से बात की, उन्होंने जवाब दिया कि उन्होंने विराट और रोहित शर्मा (वनडे टीम का उप कप्तान) से फीडबैक लिया.’



(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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