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This Article is From Oct 07, 2018

यह खिलाड़ी 70 साल से गम में, उनकी वजह से सर डॉन ब्रेडमैन नहीं हासिल कर सके सौ का औसत

यह खिलाड़ी 70 साल से गम में, उनकी वजह से सर डॉन ब्रेडमैन नहीं हासिल कर सके सौ का औसत
नील हार्वे का सोमवार को 90वां जन्मदिन है
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
नील हॉर्वे का शुक्रवार को 90वां जन्मदिन
79 टेस्ट में 48.41 का औसत है नॉर्वे का
जन्मदिन की पूर्व संध्या पर खोला राज़
मेलबर्न:

डॉन ब्रैडमैन केवल चार रन से टेस्ट क्रिकेट में 100 का प्रतिशत हासिल नहीं कर पाये थे और उनके साथी नील हार्वे पिछले 70 वर्षों से इस अपराध बोध में जीते रहे हैं कि यह महान बल्लेबाज अगर यह विशिष्ट उपलब्धि हासिल करने से चूक गया तो वह भी इसके लिए उतने ही जिम्मेदार थे जितने कि इंग्लैंड के लेग स्पिनर एरिक होलीज. ध्यान दिला दें कि ब्रेडमैन जब अपनी आखिरी पारी खेलने के लिये उतरे तो उन्हें टेस्ट क्रिकेट में 100 का प्रतिशत हासिल करने के लिए केवल चार रन की दरकार थी. होलीज ने ब्रेडमैन को उनकी अंतिम पारी में शून्य पर बोल्ड कर दिया था और उनका औसत 99.94 पर अटक गया.

हार्वे को भी तब ऐसा कोई आभास नहीं था लेकिन अब लगता है कि उन्होंने ब्रेडमैन को आंकड़ों के लिहाज से महत्वपूर्ण आंकड़ा छूने से वंचित किया. यह ब्रैडमैन के आखिरी मैच से एक मैच पहले की घटना है. लीड्स में खेले गए मैच में तब किशोर हार्वे ने पहली पारी में 112 रन बनाए. वह दूसरी पारी में तब क्रीज पर उतरे जब ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए केवल चार रन की दरकार थी और उन्होंने पहली गेंद पर ही चौका जड़कर टीम को जीत दिला दी. ब्रेडमैन उस समय दूसरे छोर पर 173 रन बनाकर खेल रहे थे और अगर यह विजयी चौका उनके बल्ले से निकला होता तो इस समय उनका औसत 100 होता. हार्वे आठ अक्टूबर को अपना 90वां जन्मदिन मनाएंगे लेकिन उन्हें अब भी वे चार रन कचोटते हैं.

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सिडनी मार्निंग हेरल्ड के अनुसार हार्वे ने कहा कि लीड्स में बनाये गये उन चार रन से मैं आज भी अपराधबोध से ग्रस्त हो जाता हूं. यह पूरी तरह से मेरी गलती थी जो ब्रेडमैन टेस्ट क्रिकेट में 100 का औसत हासिल नहीं कर पाए. अगर वे चार रन मेरे बजाय उन्होंने बनाए होते तो वह यह उपलब्धि हासिल कर लेते. उन्होंने 27 जुलाई 1948 के उस दिन को याद करते हुए कहा कि मैं क्रीज पर उतरा. लंकाशर के तेज गेंदबाज केन क्रैन्सटन ने मेरे लेग स्टंप पर गेंद की और मैंने उसे मिडविकेट पर चार रन के लिए खेल दिया. दर्शक मैदान पर उमड़ पड़े और मुझे अब भी याद है कि ब्रेडमैन जोर से चिल्लाए कि चलो बेटे यहां से निकल जाओ. हार्वे के इस चौके का क्या असर पड़ेगा इसका ऑस्ट्रेलिया की अजेय टीम के 1948 के दौरे के आखिरी टेस्ट तक किसी को आभास नहीं था.

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हार्वे ने कहा कि मैं दोष लेने के लिये तैयार हूं लेकिन मैं नहीं जानता था कि वह अपने अंतिम टेस्ट मैच में शून्य पर आउट हो जाएंगे. किसी को भी पता नहीं था कि लीड्स में ब्रेडमैन को चार रन चाहिएं. वह जब ओवल में अपना आखिरी टेस्ट मैच खेलने के लिए उतरे तब भी किसी को इस बारे में पता नहीं था. उन्होंने कहा कि तब आंकड़ों का जिक्र नहीं होता था. टेलीविजन नहीं था और किसी पत्रकार को भी इसका अहसास नहीं था. जब वह आउट हो गए इसके बारे में तब पता चला. 

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