'इन खासियतों' के चलते अर्जुन तेंदुलकर को मिली इंडिया अंडर-19 टीम में जगह

'इन खासियतों' के चलते अर्जुन तेंदुलकर को मिली इंडिया अंडर-19 टीम में जगह

अर्जुन तेंदुलकर

खास बातें

  • कूच बिहार ट्रॉफी में दो बार चटकाए पांच विकेट
  • ऑस्ट्रेलिया में टी-20 मैच में लोकल मीडिया ने सराहा
  • मुंबई का सभी आयु (अंडर-14, 16, 19) में प्रतिनिधित्व
नई दिल्ली:

अर्जुन तेंदुलकर का भारतीय अंडर-19 टीम में चयन हुआ, तो सोशल मीडिया पर ऐसी प्रतिक्रियाओं की बाढ़ भी आ गई कि अर्जुन का भारतीय जूनियर टीम में चयन सचिन तेंदुलकर के बेटे होने की वजह से हुआ है. वास्तव में ऐसे तथाकथित आलोचकों को भारतीय क्रिकेट के सिस्टम और चयन व्यवस्था को अभी भी समझना बाकी है. इन लोगों को जानना है कि अर्जुन तेंदुलकर कैसे पायदान दर पायदान चढ़ते हुए भारतीय जूनियर टीम तक पहुंचे हैं. चलिए हम आपको अर्जुन तेंदुलकर के परफॉरमेंस और उनके बाकी प्रदर्शन और उनसे जुड़ी खास बातों के बारे में बताते हैं.

दमदार परफॉरमेंस बना आधार
*अर्जुन ने मुंबई अंडर-14, अंडर-16 और अंडर-19 में मुंबई का प्रतिनिधित्व किया
*कूच बिहार ट्रॉफी (अंडर-19) के साल 2017-18 सत्र में अर्जुन ने 5 मैचों में 18 विकेट चटकाए. इसमें दो बार उन्होंने पारी में पांच विकेट लिए
* पिछले साल अर्जुन उस एमसीसी टीम का हिस्सा थे, जिसने इंग्लैंड में नामीबिया अंडर-19 टीम के खिलाफ मैच खेला. नामीबिया की टीम 49 रन पर आउट हुई. अर्जुन ने 4 विकेट चटकाए.
* इस साल जनवरी में सिडनी में एक क्लब स्तर के टी-20 मुकाबले में अर्जुन ने 4 विकेट लिए. साथ ही उन्होंने 27 गेंदों पर 48 रन बनाए. ऑस्ट्रेलिया मीडिया ने सराहा

दिग्गजों पर छोड़ा असर
* अर्जुन कई मौकों पर टीम इंडिया के नेट पर गेंदबाजी करते दिखाई पड़े. उन्होंने साल 2017 में इंग्लैंड टीम के नेट पर गेंदबाजी की. और अर्जुन की तीखी यॉर्कर से जॉनी बैर्स्टो चोटिल होने से बच. गेंद उनके पैर के अंगूठे पर लगी, पर गंभीर चोट नहीं आई. 


* अर्जुन ने कुछ समय वसीम अकरम की निगरानी में गुजारा. अकरम ने कहा, अर्जुन में अपनी क्रिकेट को लेकर बहुत ही ज्यादा जिज्ञासा और उत्साह है. अकरम ने अर्जुन को गेंदबाजी के दौरान कलाई की स्थिति, इन स्विंग और यॉर्कर को लेकर टिप्स  दिए

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135/किमी घंटा की रफ्तार!

अर्जुन तेंदुलकर के कोच अतुल गायकवाड़ की मानें, तो अर्जुन नियमित तौर पर 135 किमी प्रति घंटा की रफ्तार को छू सकते हैं. अर्जुन की गति ही वजह रही कि उन्हें धर्मशाला में लगे अंडर-19 खिलाड़ियों के एक महीने के शिविर के लिए देश के 25 खिलाड़ियों में चुना गया.

पहला शतक

साल 2012 में अर्जुन ने एमसीए के गर्मियों की छुट्टियों में होने वाले अंडर-14 टूर्नामेंट में पहला शतक जड़ा. तब अर्जुन सिर्फ 13 साल के थे. अर्जुन ने इस मैच में 14 चौकों और 1 छक्के से 124 रन बनाए. इससे उनक टीम खार जिमखाना को पारी और 21 रन से जीत मिली. अर्जुन की यह पारी सचिन के भारत के लिए बनाए गए 100वें शतक के दो दिन बाद ही आई थी. 

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सचिन ने नियुक्त किया स्पेशल कोच
पुणे के अतुल गायकवाड़ अर्जुन को पिछले तीन साल से कोचिंग दे रहे रहे हैं. अतुल नेशन क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में लेवल-3 कोच हैं. साथ ही उन्होंने बायोमैकेनिक्स में पीएचडी की है. सचिन ने अतुल को तीन साल पहले अर्जुन की कोचिंग की जिम्मेदारी सौंपी. तब अर्जुन का गेंदबाजी एक्शन बहुत ही अटपटा था. अर्जुन को हुए दो फ्रैक्चर के कारण वह 2016-17 में क्रिकेट से दूर रहे. इसके बाद अतुल ने अर्जुन के गेंदबाजी एक्शन में बदलाव कराया और उनकी खामी पर लगातार काम किया.

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VIDEO: जब सचिन तेंदुलकर ने अर्जुन की किसी से तुलना न करने की अपील की.ऊपर बताई गई तमाम बातों से आलोचक समझ सकते हैं कि अंडर-19 टीम तक पहुंचने के लिए न केवल अर्जुन ने बाकी किसी दूसरे खिलाड़ी की ही तरह कड़ी मेहनत की है, बल्कि अलग-अलग आयु वर्गों में मुंबई के लिए परफॉरमेंस भी दी है. राष्ट्रीय सलेक्टरों का भरोसा जीता. और तब जाकर उन्हें भारतीय अंडर-19 टीम में जगह मिली.