पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने महेंद्र सिंह धोनी के संन्यास की अफवाहों पर कहा कि इस बाबत कोई भी अंतिम फैसला संबद्ध खिलाड़ी द्वारा ही लिया जा सकता है. अब यह तो आप जानते ही हैं कि वर्ल्ड कप के बाद से ही महेंद्र सिंह धोनी टीम इंडिया से अलग चल रहे हैं. वर्ल्ड कप में प्रदर्शन के कारण उन्हें खासी आलोचना झेलनी पड़ी थी और क्रिकेट पंडित और पूर्व क्रिकेटर धोनी पर अलग-अलग कारणों से उंगली उठा रहे थे, लेकिन धोनी ने बिना मुंह खोले सैना की ट्रेनिंग से जुड़ने का फैसला किया था.
.@msdhoni at Jaipur Airport earlier today.
— MS Dhoni Fans Official (@msdfansofficial) August 24, 2019
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बहरहाल, गांगुली से धोनी की बाबत सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि किसी न किसी दिन खेल को अलविदा कहना पड़ता है. हर बड़े खिलाड़ी को अपनी किट खूंटी पर टांगनी होती है. और खेल ऐसे ही चलता है. आप फुटबॉल को देखें. माराडोना को भी खेल से अलग होना पड़ा था और अभी तक उनसे बड़ा खिलाड़ी कोई नहीं हुआ है. तेंदुलकर, लारा और ब्रेडमैन...सभी को खेल से अलग होना पड़ा. व्यवस्था कुछ ऐसी ही रही है और आगे भी ऐसी ही रहेगी. मतलब यह है कि गांगुली ने खिलाड़ी के जीवन का सार प्रस्तुत करते हुए धोनी को आत्मचिंतन करने की सलाह दे दी है!!
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गांगुली ने कहा कि धोनी को भी इस हालात से गुजरना होगा. सौरव ने आगे कहा कि धोनी को खुद का मूल्यांकन करना चाहिए कि वह कहां खड़े हैं. उन्हें यह तय करना चाहिए कि क्या वह भारत के लिए मैच जीत सकते हैं. उनसे खुद को पूछना चाहिए कि क्या वह उस एमएस धोनी की तरह योगदान दे सकते हैं, जिसे हम जानते रहे हैं. और जो भारत को मैच जिताता रहा है. उन्होंने कहा कि धोनी, विराट और सचिन जैसे खिलाड़ी जब तक अपना गेम नहीं खेलते, तो ऐसे में हमेशा ही उनसे उनके अंदाज में खेलने की उम्मीदें बनी रहेंगी. मुझे लगता है कि धोनी को फैसला लेना होगा.
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गांगुली ने कहा कि केवल खिलाड़ी ही यह जानता है कि उसके भीतर कितना खेल या ऊर्जा बची हुई है. और उसकी मैच जिताने की कितनी क्षमता बरकरार है. वहीं, भारत को भी यह समझना होगा कि धोनी हमेशा के लिए ही नहीं खेलने जा रहा है और भारतीय क्रिकेट को भी इस तथ्य को स्वीकारना होगा.
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