मोहम्मद हफीज ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट में 126 रन की पारी खेली
खास बातें
- चयनकर्ताओं के उपेक्षापूर्ण व्यवहार से परेशान से हफीज
- इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने का मन बना रहे थे
- शोएब अख्तर ने फोन करके ऐसा नहीं करने को कहा था
दुबई: प्रारंभिक बल्लेबाज मोहम्मद हफीज ने पाकिस्तानी टीम में धमाकेदार अंदाज में वापसी की है. हफीज ने दुबई में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच की पहली पारी में 126 रन बनाए. उनकी बल्लेबाजी ने पाकिस्तान टीम को पहली पारी में सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाने में अहम योगदान दिया. अपनी इस पारी के दौरान हफीज ने इमाम उल हक (76) के साथ पहले विकेट के लिए 205 रन की साझेदारी की. हफीज ने अपनी इस पारी से पाकिस्तान के सिलेक्टर्स को करारा जवाब दिया है जो उम्र (37 वर्ष) के कारण उन्हें इंटरनेशनल क्रिकेट के लायक नहीं मान रहे थे. गौरतलब है कि चयनकर्ताओं के उपेक्षापूर्ण रवैये के कारण हफीज काफी परेशान थे. हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में हुए एशिया कप क्रिकेट टूर्नामेंट की पाकिस्तानी टीम में भी उन्हें स्थान नहीं दिया गया था. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शतक के बाद हफीज ने पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर को खासतौर पर धन्यवाद दिया.
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पाकिस्तान के इस ओपनर ने बताया कि नेशनल टीम में चयन न होने के कारण वे एक समय संन्यास लेने का मन बना चुके थे. हफीज ने कहा, 'पिछले कुछ माह का समय मेरे लिए बेहद परेशानी से भरा रहा है.मैं संन्यास जैसा बेहद कठोर कदम उठाने जा रहा था लेकिन मेरी पत्नी ने मुझे रोका. उस मुश्किल वक्त में शोएब अख्तर भाई ने मुझे फोन करके ऐसा करने से रोका. हफीज के अनुसार, शोएब भाई ने मुझे समझाया कि अभी तुम्हारे अंदर काफी क्रिकेट बाकी है.' मोहम्मद हफीज ने इस सहयोग के लिए ट्वीट करके शोएब को शुक्रिया अदा किया है. हफीज ने कहा, 'लगता है कि अल्लाह ने मेरे लिए कुछ अच्छी चीज़ें प्लान की थी. मैं इस वक्त शायद कुछ और ही होता हालांकि मुझे लगता था कि यही वो जगह है जहां मैं वापसी करना चाहता था. जब मैं टीम में वापस आया तो सभी साथी खिलाड़ियों ने मेरा स्वागत किया और मुझे विश्वास दिया. जिससे मुझमें ऊर्जा आई और मैं इस वापसी से बेहद खुश हूं.'
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मोहम्मद हफीज ने पांचवीं बार पाकिस्तान की टेस्ट टीम में वापसी की है. उनका मानना है कि चुनौतियों के कारण उन्हें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देने में मदद मिली है. चुनौतियों ने मुझे मानसिक रूप से ज्यादा मजबूत बनाया है. उन्होंने कहा-देखिए, यूनुस खान इसी तरह से अपने आप को साबित कर चुके हैं. आपको इसके जरिये चुनौती मिलती है. आपके आपको चुनौती देते हैं, वे आपके खराब प्रदर्शन का इंतजार कर रहे होते हैं और इसे जोरशोर से उठाने से नहीं चूके. इससे आपको चुनौती मिलती है और आपका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन सामने आता है. अल्लाह ने इस मामले में मेरी मदद की. मैं हमेशा से ही सकारात्मक मानसिकता के साथ खेलने में विश्वास करता रहा हूं और इन तमाम चीजों को पीछे छोड़ना चाहता हूं.