IND vs WI: कार्ल हूपर बोले, मौजूदा तकनीक के साथ पृथ्‍वी शॉ का विदेश में कामयाब होना मुश्किल

IND vs WI: कार्ल हूपर बोले, मौजूदा तकनीक के साथ पृथ्‍वी शॉ का विदेश में कामयाब होना मुश्किल

पृथ्‍वी शॉ ने राजकोट में अपने डेब्‍यू टेस्‍ट में बेहतरीन शतक बनाया था (AFP फोटो)

खास बातें

  • कहा-पृथ्‍वी शॉ गेंद को उसकी लाइन में आकर नहीं खेलते
  • उनके बल्‍ले और शरीर के बीच होता है काफी अंतर
  • ऑस्‍ट्रेलिया, इंग्‍लैंड जैसे देशों में पृथ्‍वी को हो सकती है परेशानी

वेस्‍टइंडीज (India vs West Indies) के खिलाफ राजकोट मे हुए पहले टेस्‍ट में युवा पृथ्‍वी शॉ (Prithvi Shaw) ने शतक लगाकर हर किसी को बेहद प्रभावित किया है. मुंबई के 18 वर्षीय छोटे कद के खिलाड़ी पृथ्‍वी ने अपने डेब्‍यू टेस्‍ट में शतक जमाकर भविष्‍य का बड़ा खिलाड़ी बनने के संकेत दिए हैं. पृथ्‍वी विकेट के हर तरफ स्‍ट्रोक लगाने में माहिर हैं और उनकी छवि आक्रामक बल्‍लेबाज की है. इंटरनेशनल क्रिकेट में अपने पहले टेस्‍ट में पृथ्‍वी भले ही अपेक्षाओं पर पूरी तरह से खरे उतरे हों लेकिन कुछ पूर्व क्रिकेटरों का मानना है कि विदेशों की कड़ी चुनौतियों से निबटने के लिए शॉ को अपनी तकनीक में और सुधार करने की जरूरत है.

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वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में पदार्पण करते हुए पृथ्‍वी ने शानदार बल्लेबाजी की और शतक बनाया. हालांकि वेस्‍टइंडीज टीम के मौजूदा आक्रमण को मजबूत नहीं माना जा सकता. वैसे भी राजकोट टेस्‍ट में इंडीज के दो प्रमुख गेंदबाज कीमार रोच और जेसन होल्‍डर नहीं खेल रहे थे. बैकफुट पर लगाए गए पृथ्‍वी के लाजवाब शॉट्स से वेस्टइंडीज के पूर्व आलराउंडर कार्ल हूपर (Carl Hooper) को कैरेबियाई क्रिकेट की याद आ गई हूपर का मानना है कि आक्रामक शैली और मौजूदा तकनीक के साथ 18 वर्षीय पृथ्‍वी के लिये विदेशों में लगातार सफलता हासिल करना आसान नहीं होगा. हूपर ने कहा, ‘देखने से लगता है कि उसके अंदर प्रतिभा छिपी है लेकिन वह गेंद की लाइन में आकर नहीं खेलता. उसे बैकफुट पर जाकर खेलना पसंद है और विकेट के स्‍क्‍वेयर में खेलता है. यहां (भारत में) तो यह चल जाएगा लेकिन बल्ले और शरीर के बीच काफी अंतर होने से इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में उसे परेशानी हो सकती है.’


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वैसे, टीम इंडिया के पूर्व ओपनर और 2003-04 के ऑस्ट्रेलिया दौरे में नई गेंद का अच्छी तरह से सामना करने वाले आकाश चोपड़ा की राय पृथ्‍वी शॉ के बारे में अलग है. चोपड़ा का मानना है कि शॉ को अपने खेल में पैनापन लाने की जरूरत है लेकिन उन्होंने कहा कि अगर वीरेंद्र सहवाग अपरंपरागत तरीके से सफल हो सकता है तो फिर यह किशोर खिलाड़ी भी उसके साथ सफलता हासिल कर सकता है.

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चोपड़ा ने कहा, ‘हमने अभी जो देखा वह अभी केवल ट्रेलर है. वह काफी प्रतिभावान लग रहा है. आप इसमें विपक्ष और पिच के सपाट होने जैसे नुक्स नहीं निकाल सकते. यह सही है कि उसकी परीक्षा विदेशों में होगी और मुझे विश्वास है कि वह इससे अवगत होगा.’उन्होंने कहा, ‘अभी एक दो चीजें और मुझे पूरा विश्वास है कि वह इन पर काम रहा होगा. इनमें से एक उनका मूवमेंट है जो कि अभी आईपीएल से भिन्न लग रहा है. मैं बहुत चिंतित नहीं हूं. उसने शानदार शुरुआत की थी.’ शॉ को बहुत करीब से देखने वाले मुंबई के अमोल मजूमदार का मानना है कि अभी इस युवा बल्लेबाज की तकनीक को लेकर टिप्पणी करना सही नहीं होगा और इसके लिये उनके विदेशों में खेलने तक इंतजार करना चाहिए. मजूमदार ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि उन्हें बहुत अधिक बदलाव करने की जरूरत है. हर खिलाड़ी की खेल की अपनी शैली होती है. उसकी शैली आक्रामक है और उसे इसे जारी रखना चाहिए. हमें उसके इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में खेलने तक इंतजार करना चाहिए तभी हम इस बारे में बात कर सकते हैं.’ (इनपुट: भाषा)