
आईपीएल 2025 की शुरुआत से पहले बीसीसीआई ने मुंबई में सभी कप्तानों के साथ बैठक की थी और इस बैठक में बोर्ड द्वारा यह जानकारी भी दी गई कि उसने लीग की शुरुआत से पहले चौथे अंपायर की ताकत बढ़ा दी है. बता दें, कोलकाता और बेंगलुरु के बीच शानिवार को हुए मुकाबले से लीग के 18वें सीजन की शुरुआत हुई. इस सीजन की शुरुआत से पहले बोर्ड ने सभी खिलाड़ियों के साथ मुंबई में बैठक की थी और इस बैठक के बाद मुंबई में ही कप्तानों का फोटो शूट हुआ था.
क्रिकबज की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने आईपीएल मैचों में चौथे अंपायर के रोल, ड्यूटी और उनकी जिम्मेदारियों को बढ़ा दिया है. हाल ही में क्रिकेट सेंटर में कप्तानों की बैठक के दौरान, बीसीसीआई ने स्पष्ट रूप से इस बात पर जोर दिया कि चौथे अंपायर को टीमों द्वारा परेशान या विचलित नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि वे पूरे मैच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इसके अतिरिक्त, बीसीसीआई ने साफ उदाहरणों से बताया कि कोई भी बल्लेबाज अपने कप्तान के फैसले को कब खारिज कर सकता है.
रिपोर्ट की मानें तो अब चौथा अंपायर, जो मैच के दौरान मुख्य रूप से बाउंड्री लाइन के बाहर से काम करता है, न केवल मैच के दिनों में बल्कि अभ्यास सत्र के दौरान भी बल्ले के साइज की जांच करने के लिए अधिकृत है. इसके अलावा, अंपायर डगआउट में रिटायर होने वाले खिलाड़ियों की निगरानी करेगा, उन गेंदबाजों पर विशेष ध्यान देगा जो अपने ओवरों का कोटा पूरा करने के बाद मैदान छोड़ देते हैं.
रिपोर्ट की मानें तो, बीसीसीआई के नोट के अनुसार,"चौथा अंपायर टीम का एक महत्वपूर्ण सदस्य है, जो सीमा पर पीसीटी की आवाज है. खिलाड़ियों से अनुरोध है कि वे किसी फैसले के खिलाफ किसी भी शिकायत के लिए चौथे अंपायर के पास न जाएं. चौथे अंपायर को मैच के दिन और अभ्यास के दिनों में किसी भी समय बल्ले की जांच करने का अधिकार है. वे उन गेंदबाजों की निगरानी करेंगे जो अपना गेंदबाजी कोटा पूरा करने के बाद मैदान छोड़ चुके हैं और उन खिलाड़ियों पर नजर रखेंगे जो आराम करने के लिए मैदान छोड़ने के आदतन अपराधी हैं."
इसके अलावा चौथा अंपायर आपातकालीन तीसरे अंपायर के रूप में भी कार्य करेगा. वह कम से कम छह नई गेंदों से भरा एक बॉक्स ड्रेसिंग रूम में ले जाएगा, गेंद के चयन की निगरानी करेगा. वह यह भी सुनिश्चित करेगा कि खेल शुरू होने से पहले और किसी भी अंतराल के दौरान, केवल अधिकृत कर्मचारियों, आईपीएल मैच अधिकारियों, खिलाड़ियों, टीम कोच और अधिकृत टेलीविजन कर्मियों को ही पिच एरिया में प्रवेश कर पाएं.
बैठक में लिए और भी कई फैसले लिए गए, जिसमें यह भी शामिल हैं कि दिए गए टाइम में सभी टीमों को अपने 20 ओवर के कोटे पूरे करने होंगे. यह आईसीसी की खेल स्थितियों से अलग है, जो केवल 20वें ओवर के शुरू होने तक के समय को ध्यान में रखता है.
कन्कशन रिप्लेसमेंट: नॉमिनेटेड सब्स्टीट्यूट में से लाइक टू लाइक रिप्लेसमेंट लिया जा सकता है. विकेटकीपर को चोट लगने की स्थिति में, उपलब्ध टीम में से रिप्लेसमेंट की अनुमति होगी. किसी विदेशी खिलाड़ी को चोट लगने की स्थिति में, टीम नॉमिनेटेड भारतीय सब्स्टीट्यूट खिलाड़ियों में से एक रिप्लेसमेंट प्राप्त कर सकती है, यदि कोई टीम पहले से ही चार विदेशी खिलाड़ियों के साथ शुरुआत कर चुकी है.
टाइम आउट के लिए नोटिफिकेशन: केवल कप्तान या विकेट पर मौजूद बल्लेबाज (बल्लेबाजी टाइम आउट के लिए) द्वारा दी जाएगी. यदि विकेट पर बल्लेबाज़ टाइम-आउट का अनुरोध करता है, तो इसे मैदान के बाहर बल्लेबाज़ कप्तान की किसी भी सलाह पर प्राथमिकता दी जाएगी. कप्तान के उपलब्ध न होने की स्थिति में कोच चौथे अंपायर से टाइम आउट का अनुरोध भी कर सकते हैं.
टीम शीट: टॉस के बाद टीम शीट वितरित की जाएंगी. कप्तान बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों पक्षों की एक-एक शीट अपने साथ रखते हैं. टॉस के नतीजे के बाद कप्तान टीम शीट मैच रेफरी को सौंप देते हैं. दोनों टीम मैनेजर आपस में आदान-प्रदान करेंगे और शेष 10 प्रतियां सहायक स्थल प्रबंधक को सौंप देंगे.
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