
Umpire Anil Chaudhary will do Commentary in IPL 2025: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 12 टेस्ट, 49 वनडे और 64 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में अंपायरिंग करने वाले अनिल चौधरी अब नए रोल में नजर आएंगे. अनिल चौधरी ने पिछले सप्ताह ही अपना 60वां जन्मदिन मनाया है. ऐसे में यह तय माना जा रहा है कि उनका अंपायरिंग करियर अब खत्म हो चुका है. हालांकि, उन्होंने क्रिकेट नहीं छोड़ने का फैसला लिया है, बस उन्होंने अपनी भूमिका बदल ली है. अनिल चौधरी को लेकर खबर है कि वह अब अंपायरिंग की नहीं बल्कि कमेंटेटर की भूमिका में नजर आएंगे.
अनिल चौधरी का आईपीएल में कमेंट्री करने का फैसला बताया है कि उन्होंने अंपायरिंग से संन्यास ले लिया है. अनिल चौधरी ने पिछले महीने नागपुर में केरल और विदर्भ के बीच रणजी ट्रॉफी फाइनल में अंपायरिंग की थी और माना जा रहा है कि यह उनका विदाई मुकाबला था. बता दें, अनिल आईपीएल के 17 सीजन में अंपयार रह चुके हैं. उन्होंने आखिरी बार 2023 में किसी अंतरराष्ट्रीय मैच में अंपायरिंग की थी.
न्यूज एजेंसी पीटीआई की मानें तो संन्यास करीब होने के कारण चौधरी ने अपने भविष्य की योजना बनानी शुरू कर दी है और वो क्षेत्रीय भाषा में कमेंट्री करते नजर आएंगे. वह 22 मार्च से शुरू होने वाले आईपीएल में हरियाणवी में कमेंट्री करेंगे और कभी-कभी हिंदी में भी हाथ आजमाएंगे.
पीटीआई ने अनिल चौधरी के हवाले से लिखा,"मैं पिछले तीन-चार महीनों से कमेंट्री कर रहा हूं. इसलिए, मैं पहले से ही बदलाव के दौर में था. मैं ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए अंपायरिंग और कमेंट्री भी सिखा रहा हूं. एक अंपायर के रूप में मैं एक सत्र में लगभग 15 मैच में अंपायरिंग करता था लेकिन यहां मुझे 50 से अधिक मैच में कमेंट्री करने का मौका मिलेगा. कमेंट्री करते हुए पूर्व क्रिकेटर खेल को अपने तरीके से देखते हैं और एक अंपायर होने के नाते मेरा खेल पर एक अलग दृष्टिकोण है. यह मजेदार है."
बता दें, दिल्ली के रहने वाले अनिल चौधरी 2008 में आईपीएल की शुरुआत के बाद से ही आईपीएल में अंपायरिंग करते रहे हैं. वहीं चौधरी ने बीते कुछ सालों में अंतरराष्ट्रीय सर्किट में अच्छे भारतीय अंपायर तैयार नहीं कर पाने को लेकर कहा,"हम मैदान पर बहुत तनाव लेते हैं. कभी-कभी, हमारे अंपायर ठीक से खाना नहीं खाते हैं. हम सिद्धांत पर बहुत अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जबकि हमें व्यावहारिक कार्य पर अधिक ध्यान देना चाहिए."
अनिल चौधरी ने आगे कहा,"कुछ लोग तकनीकी पक्ष पर बहुत अधिक ध्यान देते हैं और हर समय नियमों का हवाला देते हैं, यह अंपायरिंग के लिए सबसे अच्छा तरीका नहीं है. जो अंपायर किताबी ज्ञान पर भरोसा करते हैं, वे खेल को नुकसान पहुंचा रहे हैं. हमें नियमों की भावना को समझने की जरूरत है. सिर्फ नियमों का सहारा लेने से आप आगे नहीं बढ़ सकते हैं."
अनिल चौधरी ने अंपायरिंग करियर को लेकर कहा कि वह इससे संतुष्ट हैं. हालांकि वह कभी भी आईसीसी के एलीट पैनल में जगह नहीं बना सके. एलीट पैनल में 2020 से केवल एक भारतीय अंपायर है - नितिन मेनन. पांच रणजी फाइनल और 2022 में एशिया कप फाइनल में अंपायरिंग करने पर गर्व महसूस करने वाले चौधरी ने कहा,"मैं 12 साल से अधिक समय तक अंतरराष्ट्रीय अंपायर रहा हूं. 2008 से आईपीएल कर रहा हूं और 200 से अधिक मैचों में यह कर चूका हूं. कुछ ना कुछ तो रहता है जाता है जिंदगी में."
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