वक्त पूरी तरह बदल गया है. एक समय हालात ऐसे थे कि सेलेक्टरों के फैसले पर अगर कोई खिलाड़ी बोलता था, तो यह अनुशासनहीनता समझा जाता था. लेकिन यह वह दौर जब खिलाड़ी सीधे-सीधे मीडिया में बोल दे रहे हैं कि उन्हें नहीं बताया गया, उन्हें क्यों नहीं चुना गया, चीफ सेलेक्टर और उनके बीच कोई संवाद नहीं है, वगैरह-वगैरह. पहले मुरली विजय ने 'संवाद' को लेकर ऐस बयान दिया था. यह वह दौर है जब खिलाड़ी मीडिया के जरिए सार्वजनिक तौर पर साफ-साफ कह और पूछ रहे हैं कि क्यों उनकी अनदेखी की गई या उन्हें क्यों नहीं चुना गया. ताजा मामला केदार जाधव को है.
Announcement: #TeamIndia for last three ODIs against Windies announced. Jasprit Bumrah & Bhuvneshwar Kumar are back in the side #INDvWI pic.twitter.com/jzuJw4Sana
— BCCI (@BCCI) October 25, 2018
केदार जाधव पिछले दिनों एशिया कप के दौरान चोटिल होकर टीम इंडिया से बाहर हो गए थे. और यह पहला वाक्या नहीं था, जब जाधव हैमिस्ट्रिंग की चोट के चलते बाहर हो गए. फिट होने के बाद जाधव को देवधर ट्रॉफी के लिए भारत ए टीम में चुना गया था. जाधव ने अपनी वापसी में 35 गेंदों पर नाबाद 41 रन भी बनाए. और कुछ और गेंदबाजी भी की. जाधव सहित सभी भारतीय क्रिकेटप्रेमी यह मानकर चल रहे थे कि विंडीज के खिलाफ बाकी तीन वनडे मैचों के लिए उनका चयन औपचारिकता मात्र है
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MUST WATCH: The thrilling last over in Vizag
— BCCI (@BCCI) October 25, 2018
14 needed in 6 balls, this one went right till the last ball with the match ending in a tie.
Relive all the drama that unfolded in the final over here - https://t.co/1hN2W7LGBq #INDvWI pic.twitter.com/DQUnH2ZC9l
लेकिन जब उनका चयन नहीं हुआ, तो मीडिया के साथ केदार जाधव भी इस पर हैरान थे. जाधव ने कहा कि मुझे नहीं मालूम कि मेरा चयन क्यों नहीं हुआ. मुझे भी आपसे (पत्रकार) से जानकारी मिल रही है. मुझे यह जानना होगा कि मेरा चयन क्यों नहीं हुआ. मैं नहीं जानता कि आगे की योजना क्या है. संभवत: मैं अब रणजी ट्रॉफी में खेलूंगा. लेकिन अब चीफ सेलेक्टर एमएसके प्रसाद ने पूरी तरह से साफ कर दिया कि जाधव का चयन तीन मैचों के लिए क्यों नहीं किया गया. प्रसाद ने कहा कि हमने जाधव के फिटनेस इतिहास को देखते हुए उनका चयन नहीं किया. पहले एक नहीं कई बार ऐसा हुआ जब वह फिट होकर वापस टीम में आए, लेकिन तुरंत ही अनफिट हो गए. पिछले महीने एशिया कप में भी ऐसा ही हुआ. हम यह देखना चाहते थे कि अगर भारत ए जीतता है, तो केदार जाधव अगला मैच खेलने में सक्षम होंगे. इससे हमें उनकी फिटनेस के बारे में बेहतर आंकलन करने में सक्षम होते.
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वैसे तर्क एमएसके प्रसाद का पूरी तरह सही है. वास्तव में जाधव ने ज्यादातर मौकों पर अपनी फिटनेस से क्रिकेटप्रेमियों को बहुत ज्यादा निराश किया है. अब जाधव को चीफ सेलेक्टर की बात का जवाब लगातार फिट रहकर ही देना है
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