
पूर्व ओपनर गौतम गंभीर ने कहा है कि टीम इंडिया में किसी खिलाड़ी के चयन का बड़ा मानस उसका प्रदर्शन ही होना चाहिए. एक कार्यक्रम में गौतम गंभीर ने फिटनेस के नए मानक (यो-यो टेस्ट, 16.1 अंक) को छूने में नाकाम रहे कुछ खिलाड़ियों को पिछले दिनों टीम से ड्रॉप करने के लिए भारतीय टीम मैनेजमेंट की कड़ी आलोचना की. ध्यान दिला दें कि कि आईपीएल में धमाकेदार प्रदर्शन करने वाले अंबाती रायुडु का चयन भारतीय वनडे टीम में किया गया था, लेकिन यह मानक न छू पाने के कारण टीम में चयन के बावजूद उनका नाम हटा दिया गया था. पहले कई खिलाड़ियों के इस मुद्दे पर बीसीसीआई की आलोचना के बाद अब गौतम गंभीर ने भी इस तरीके को गलत बताया है.
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— Gautam Gambhir (@GautamGambhir) August 7, 2018
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गंभीर ने कहा कि किसी भी खिलाड़ी के राष्ट्रीय टीम में चयन का बड़ा आधार उसका प्रदर्शन ही होना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर अंबाती रायुडु जैसा कोई भी खिलाड़ी अगर फिटनेस के लिए तय मानक को नहीं छू पा रहा है, तो इसकी देखभाल का जिम्मा टीम के फिटनेस ट्रेनर का है. लेकिन इससे भी ज्यादा महत्वपर्ण बात प्रदर्शन है. गौतम ने कहा कि अगर कोई खिलाड़ी यो-यो टेस्ट में 15 का स्कोर कर रहा है, उसका स्कोर बढ़ाने और इसे 16.1, या तय मानक पर पर ले जाने की जिम्मेदारी ट्रेनर की है. अगर पूरी तरह फिट खिलाड़ियों को ही टीम में लिया जा रहा है, तो फिर ट्रेनर का टीम में क्या काम है.
Gautam Gambhir Hits Out at Team Management for Dropping Ambati Rayudu Indian southpaw batsman Gautam Gambhir has hit out at team management for dropping Ambati Rayudu. In fact, Ambati Rayudu had scored a truckload in the Indian Premier League. Therefor... https://t.co/RUWlVlr86c pic.twitter.com/riUlmdiHZH
— HAFEEZ PARDESI (@VOICE_2U) August 9, 2018
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गौतम ने कहा कि अंबाती रायुडु को सिर्फ यो-यो टेस्ट पास करने में नाकाम रहने के चलते ही टीम से बाहर नहीं किया जाना चाहिए था. राष्ट्रीय टीम में वापसी के लिए रायुडु ने बड़ी संख्या में रन बनाए थे. ऐसे में अंबाती रायुडु को यो-यो टेस्ट पास करने के लिए जरूरी स्कोर हासिल करने के लिए और ज्यादा समय दिया जाना चाहिए था. गंभीर बोले कि अगर रायुडु का स्कोर 14.5 के आस-पास था, तो टीम मैनेजमेंट को उन्हें टीम के ट्रेनर के साथ काम करने के लिए एक महीने का समय देना चाहिए था, जिससे वह अपनी फिटनेस में सुधार कर सकें. अगर वह इतने पर भी अपने स्कोर में सुधार नहीं कर पाते, तो ही रायुडु को टीम से बाहर करना बेहतर होता.
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गंभीर ने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि कौन जानता है कि अगर रायुडु भारतीय टीम के मिड्ल ऑर्डर का हिस्सा होते, तो भारत इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरलीज 2-1 के अंतर से जीत जाता
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