वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर को DDCA की समिति में स्‍थान, उठे यह सवाल...

वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर को DDCA की समिति में स्‍थान, उठे यह सवाल...

वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर को DDCA की नवगठित समिति में रखा गया है (फाइल फोटो)

खास बातें

  • वीरू-गौती को नवगठित क्रिकेट समिति में रखा गया
  • कोच, सिलेक्‍टर्स चुनने सहित अन्‍य मसलों पर फैसले का अधिकार
  • हितों के टकराव को लेकर उठे सवाल, अभी भी क्रिकेट खेल रहे गंभीर
नई दिल्ली:

क्रिकेट के मैदान पर टीम इंडिया को कई यादगार जीत दिला चुकी वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर की सलामी जोड़ी एक बार फिर साथ नजर आएगी. इन दोनों को दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ (DDCA)की नवगठित क्रिकेट समिति में रखा गया है. सहवाग और गंभीर के अलावा समिति में आकाश चोपड़ा और राहुल संघवी भी होंगे जो दिल्ली क्रिकेट की दिशा और दशा तय करेंगे. इन्हें कोचों और चयनकर्ताओं को चुनने के अलावा खेल से जुड़े अन्य मसलों पर कई अधिकार होंगे. डीडीसीए अध्यक्ष रजत शर्मा ने एक विज्ञप्ति में कहा कि नियुक्तियां लोढ़ा समिति की सिफारिशों के अनुरूप की गई है लेकिन इससे हितों के टकराव को लेकर सवाल उठने लगे हैं.

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खास बात यह है कि गौतम गंभीर ने अभी क्रिकेट से संन्यास नहीं लिया है लिहाजा वह चयनकर्ताओं का चयन कैसे कर सकते हैं, जो बदले में उन्हें चुनेंगे. गंभीर पिछले साल डीडीसीए में सरकार के प्रतिनिधि थे लेकिन पूर्व प्रशासक जस्टिस विक्रमजीत सेन ने उस फैसले पर रोक लगा दी थी. शर्मा गुट के सत्ता में आने के बाद तय था कि गंभीर को अहम भूमिका मिलेगी. सहवाग की एक क्रिकेट अकादमी है और वह इंडिया टीवी पर कमेंटेटर भी है जिसके मालिक रजत शर्मा खुद हैं.


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इसी तरह राहुल संघवी आईपीएल टीम मुंबई इंडियंस से जुड़े हैं जबकि आकाश विभिन्न चैनलों पर कमेंट्री करते हैं. दोनों मुंबई में रहते हैं. डीडीसीए सचिव विनोद तिहाड़ा ने स्वीकार किया कि यह मसला है लेकिन उनके लिए दिल्ली क्रिकेट के शीर्ष नामों को जोड़ना जरूरी था. यह पूछे जाने पर कि ये पद मानद् होंगे या वैतनिक, उन्होंने कहा,‘अभी हमने इस पर फैसला नहीं लिया है लेकिन गौतम विशेष आमंत्रित होंगे.’यह पूछने पर कि क्या उन्हें चयनकर्ताओं और कोचों के चयन में बोलने का अधिकार होगा, उन्होंने कहा,‘निश्चित तौर से, मैं हितों के टकराव पर आपका सवाल समझ सकता हूं लेकिन अगर हम लोढ़ा समिति के सुझावों पर अक्षरश: अमल करें तो क्रिकेट समिति में इतने योग्य लोग नहीं आ सकेंगे.’ (इनपुट: भाषा)