
रोहित शर्मा की अगुवाई में भारतीय क्रिकेट टीम को ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में 1-3 से हार का का सामना करना पड़ा था. इस हार से भारत के वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने का सपना टूट गया था. टीम इंडिया को मिली हार के जिम्मेदार बल्लेबाज रहे, जिन्होंने ऑस्ट्रेलियाई धरती पर पूरी तरह से सरेंडर कर दिया था. इसके बाद सुनील गावस्कर समेत कई दिग्गजों ने सीनियर खिलाड़ियों को भी रणजी में खेलने का सुझाव दिया था और बोर्ड ने भी इसको लेकर सख्त तेवर अपनाए.
जहां एक तरफ भारतीय बल्लेबाजों के फ्लॉप होने से बोर्ड चिंतित है तो दूसरी तरफ करुण नायर और देवदत्त पडिक्कल ने सेलेक्टर्स का भी सिरदर्द दे रखा है. हालांकि, इन दोनों ने लगातार शानदार प्रदर्शन से सेलेक्टरों को "स्वीट पेन" दिया है. इन दोनों से प्रदर्शन के बाद उम्मीद लगाई जा रही है कि चैंपियंस ट्रॉफी के लिए इन्हें भारतीय टीम में जगह मिल सकती है.
करुण नायर का ऐतिहासिक कारनामा
करुण नायर, जिन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ तिहरा शतक लगाकर सुर्खिया बटोरी थी, मौजूदा विजय हजारे ट्रॉफी में उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए कई रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं. उनके शानदार प्रदर्शन से विदर्भ टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पहुंचने में सफल रहा.
नायर ने छह पारियों में पांच शानदार शतकों की मदद से 120.07 की शानदार स्ट्राइक रेट के साथ 664 रन बनाए. खास बात यह है कि पूरे टूर्नामेंट में वह सिर्फ एक बार आउट हुए हैं.
करुण नायर ने अपनी पिछली छह पारियों में 122*, 112, 111, 163*, 44* और 112* के स्कोर किए हैं. उत्तर प्रदेश के खिलाफ 112 रन पर आउट होने से पहले, नायर ने बिना आउट हुए 542 रन बनाकर लिस्ट ए का नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था. नायर लिस्ट ए में बिना आउट हुए, सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज बने थे. उन्होंने न्यूजीलैंड के पूर्व ऑलराउंडर जेम्स फ्रैंकलिन को पीछे छोड़ दिया, जिन्होंने 2010 में बिना आउट हुए 527 रन बनाए थे.
टॉप ऑर्डर के बल्लेबाज करुण नायर ने चैंपियंस ट्रॉफी से पहले अपनी शानदार फॉर्म से दावेदारी पेश की है. रिपोर्ट्स की मानें तो सेलेक्टर्स नायर पर नजर रख रहे हैं. हालांकि, अगर नायर को टीम इंडिया में जगह मिलती है तो वह किस स्थान पर खेलेंगे, इसको लेकर सवाल है. क्योंकि नायर घरेलू क्रिकेट में नंबर-3 क्रम पर बल्लेबाजी के लिए आते हैं.
बात 50 ओवर क्रिकेट में नायर के रिकॉर्ड की करें तो उन्होंने 105 लिस्ट ए मैचों में 3013 रन बनाए हैं. इस दौरान उनका औसत 40.17 का रहा, जबकि स्ट्राइक रेट 87.84 का. इस फॉर्मेट में उनके बल्ले से 8 शतक और 13 अर्द्धशतक भी आए हैं.
देवदत्त पडिक्कल भी पेश कर रहे दावेदारी
विजय हजारे ट्रॉफी में कर्नाटक के बल्लेबाज देवदत्त पडिक्कल भी शतक ठोक चुके हैं. उन्होंने बुधवार को लगातार टूर्नामेंट का सातवां अर्द्धशतक जड़ा और अपनी टीम को फाइनल में पहुंचाया. पडिक्कल मौजूद टूर्नामेंट में एक शतक और एक अर्द्धशतक जड़ चुके हैं.
बड़ौदा के खिलाफ उन्होंने 102 रन बनाए थे, जबकि हरियाणा के खिलाफ उन्होंने 86 रनों की पारी खेली थी. देवदत्त पडिक्कल ने लिस्ट ए क्रिकेट की 27 पारियों में 100 से ज्यादा की औसत से 2000 रन बनाए हैं. देवदत्त पडिक्कल बाएं हाथ के टॉप ऑर्डर के बल्लेबाज हैं.
अगर वो टीम में आते हैं तो राइट-लेफ्ट कॉम्बिनेशन मिलेगा. लेकिन उन्हें जायसवाल से कड़ी टक्कर मिल रही है. हालांकि, पडिक्कल को चैंपियंस ट्रॉफी के लिए टीम में जगह मिलेगी, इसको लेकर संभावना कम है. यह देखना दिलचस्प होगा कि बोर्ड जो एक तरफ सीनियर खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट खेलने के लिए कह रहा है, वो घरेलू में शानदार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को क्या ईनाम देता है. बता दें, एक खबर यह भी है कि चयनकर्ता चैंपियंस ट्रॉफी के लिए टीम का ऐलान करने से पहले विजय हजारे ट्रॉफी के खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं.
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