सुशील के अलावा भारत के पहलवान करण मोर और सुमित मलिक को पहले दौर में शुक्रवार को अपने-अपने वर्ग में हार का सामना करना पड़ा. राष्ट्रमंडल खेलों के चैम्पियन सुमित को पुरुषों के 125 किग्रा वर्ग में दो बार के यूरोपीय चैम्पियन हंगरी के डेनिल लिगेटी से मात मिली.
वहीं, भारत के पहलवान प्रवीण राणा को दूसरे दौर में शुक्रवार को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी है. राणा ने प्रतियोगिता की शानदार शुरुआत करते हुए 92 किग्रा वर्ग के पहले दौर में दमदार जीत दर्ज की थी. दूसरे दौर में हालांकि, उन्हें यूक्रेन के लिउबोमेयर सगालीकुक ने 8-0 के बड़े अंतर से मात दी. मुकाबले की शुरुआत से ही राणा पेरशानी में नजर आए और पहले राउंड में 0-6 से पीछे रहे. राणा को मुकाबले के दूसरे राउंड में भी वापसी करने का मौका नहीं मिला. इससे पहले, राणा ने पहले दौर में टेक्निकल सुपरियोरिटी के आधार पर दक्षिण कोरिया के चांगजेई सू को 12-1 के बड़े अंतर से मात दी थी.
वहीं, सुमित मलिक विश्व चैम्पियनशिप से बाहर हो गए हैं. राष्ट्रमंडल खेलों के चैम्पियन सुमित को पुरुषों के 125 किग्रा वर्ग में दो बार के यूरोपीय चैम्पियन हंगरी के डेनिल लिगेटी से मात मिली थी. हार झेलने बावजूद सुमित को रेपचेज दौर में पहुंचने की उम्मीद थी, लेकिन लिगेटी फाइनल में पहुंचने से पहले ही हार गए और भारतीय खिलाड़ी को प्रतियोगिता से बाहर होना पड़ा. लिगेटी को प्री-क्वार्टर फाइनल में उज्बेकिस्तान के खासानबोय राखिमोव ने 5-0 से पराजित किया। इससे पहले, हंगरी के खिलाड़ी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सुमित को आसानी से 2-0 से हराया था. दो बार के ओलम्पिक पदक विजेता सुशील कुमार और करण मोर अभी प्रतियोगिता में बने हुए हैं। उनके रेपचेज राउंड पहुंचने की उम्मीदें बरकरार हैं
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स्टार पहलवान सुशील की बात करें, तो उन्होंने अपने अनुभव का पूरा इस्तेमाल करते हुए 9-4 की बढ़त बना ली थी लेकिन लगातार सात अंक गंवाकर वह 74 किग्रा क्वालीफिकेशन की बाउट हार गए, सुशील ने 0-2 से पिछड़ने के बाद चार अंक के थ्रो से वापसी कर बढ़त बना ली और चार अंक के थ्रो से फिर इसे मजबूत भी कर दिया. अजरबेजान के खेमे ने इस थ्रो को चुनौती दी, लेकिन उनकी अपील ठुकरा दी गयी जिससे भारतीय पहलवान को एक अतिरिक्त अंक मिला और ब्रेक तक सुशील ने 9-4 की बढ़त बना ली. दूसरे पीरियड में अजरबेजान के पहलवान का कब्जा रहा, जिसमें उन्होंने सुशील को धक्का दिया और उन्हें नीचे गिराकर अंक जुटा लिए.
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समय बीत रहा था लेकिन सुशील थके हुए दिख रहे थे जिससे गादजिएव ने दो और अंक जुटा लिए और फिर दो अंक के थ्रो से बाउट जीत ली. दो बार के ओलंपिक पदकधारी सुशील को अब इंतजार करना होगा क्योंकि अगर गादजिएव फाइनल में पहुंच जाते हैं तो उन्हें ओलिंपिक क्वालीफिकेशन और कांस्य पदक के लिए मौका मिल सकता है. सुशील एकमात्र भारतीय पहलवान हैं जिन्होंने 2010 में मास्को में विश्व खिताब जीता है. गैर ओलंपिक 70 किग्रा वर्ग में करण अपने क्वालीफिकेशन दौर की बाउट में उज्बेकिस्तान के इख्तियोर नावरूजोव से 0-7 से हार गए.
वहीं, अन्य मुकाबलों में लिगेटी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए आसानी से 2-0 से जीत दर्ज की. करण भी कुछ खास अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए. उन्हें 70 किग्रा वर्ग के पहले दौर में उज्बेकिस्तान के इख्तियार नवरुजोव ने 7-0 के बड़े अंतर से हराया. भारतीय खिलाड़ी शुरुआत से ही मुकाबले में अपनी पकड़ नहीं बना पाया. पहले राउंड में करण 0-3 से पीछे रहे और फिर मुकाबले में वापसी नहीं कर पाए.
सुमित और करण अब उम्मीद करेंगे कि उन्हें हराने वाले दोनों खिलाड़ी अपने-अपने वर्ग के फाइनल में पहुंच जाएं ताकि उन्हें रेपचेज राउंड खेलने का मौका मिले. इससे पहले, भारत के दिग्गज पहलवान सुशील कुमार को भी पहले दौर में 74 किग्रा वर्ग में अजरबाइजान के खादजिमुराद गधजियेव के खिलाफ 9-11 से हार झेलनी पड़ी.
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इसके बाद, गधजियेव पूरी तरह से सुशील पर हावी हो गए और दमदार वापसी करते हुए 10-8 की बढ़त बना ली और फिर मुकाबले को 11-9 से जीत लिया
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)