नई दिल्ली: ओलिंपिक रजत विजेता पहलवान सुशील कुमार और कांस्य पदक विजेता पहलवान योगेश्वर दत्त की ओलिंपिक कामयाबी में अहम भूमिका निभाने वाले राष्ट्रीय कुश्ती कोच व प्रतिष्ठित द्रोणाचार्य पुरस्कार से समम्मानित यशवीर सिंह का दिल्ली के अपोलो अस्पताल में देहांत हो गया. वह 57 साल के थे। पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि पिछले तीन साल पहले से बीमार चल रहे थे.
उनके निधन पर इंदौर के अर्जुन अवार्डी पहलवान कृपाशंकर बिश्नोई ने शोक प्रकट करते हुए कहा कि यह कुश्ती खेल की लिए बहुत बड़ी क्षति है जिसकी कोई भरपाई कभी नही की जा सकती.
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यशवीर तीन दशकों से भी अधिक समय तक फ्रीस्टाइल कुश्ती के कोच रहे थे.उनकी देखरेख में ही सुशील ने 2008 और 2012 ओलिंपिक में पदक और 2010 में विश्व चैंपियनशिप का खिताब जीता था
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बता दें कि भारतीय कुश्ती टीम के कोच यशवीर सिंह को दूसरे सहारा इंडिया खेल पुरस्कारों के लिए वर्ष 2010 में सर्वश्रेष्ठ कोच के पुरस्कार से नवाजा गया था. यशवीर सिंह ने इस पुरस्कार के लिए पीटी ऊषा (एथलेटिक्स), पुलेला गोपीचंद (बैडमिंटन) और अनूप कुमार (मुक्केबाजी) को पीछे छोड़ा था.