मुरलीधरन 2004 में सुनामी का शिकार होने से बचे थे. वह इस दौरान ईवेंट में हिस्सा लेने गॉल जा रहे थे, जहां इन लहरों ने सबसे ज़्यादा तबाही मचाई थी.
2006 में माइकल क्लार्क को स्किन कैंसर हुआ था. उन्होंने इसे मात देकर मैदान में वापसी की और 2015 में उनकी कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया विश्वविजेता बना था.
चंडीमल और उनका परिवार सुनामी की चपेट में आने से बाल-बाल बचा, लेकिन उनका घर तहस-नहस हो गया. इसके बाद भी उन्होंने क्रिकेटर बनने के सपने को पूरा किया.
ऑस्ट्रेलिया के वेड मात्र 16 साल की उम्र में टेस्टीकुलर कैंसर का शिकार हो गए थे. उन्होंने इस बीमारी को हराकर क्रिकेट की दुनिया में अपनी पहचान बनाई.
अपनी कमेंट्री के लिए मशहूर बॉयकॉट को 2003 में गले का कैंसर हो गया था. 35 रेडियोथेरेपी सेशनों के बाद उन्होंने कमेंट्री बॉक्स में वापसी की थी.
2013 में न्यूज़ीलैंड के बल्लेबाज़ राइडर पर एक बार के बाहर हमला हुआ था, जिसके चलते वह कोमा में चले गए थे. हालांकि राइडर ठीक होकर मैदान में लौटे.
महान गेंदबाज़ अकरम पर 2015 में कराची के नेशनल स्टेडियम के बाहर गन अटैक हुआ था. खुशकिस्मती से उन्हें इस हमले में कोई भी नुकसान नहीं हुआ.
युवराज 2011 वर्ल्ड कप के दौरान फेफड़े के कैंसर से जूझ रहे थे. उन्होंने इस बीमारी के बाद भी भारत को कप दिलाया और फिर इस घातक बीमारी को मात दी.
2009 में पाकिस्तान में श्रीलंका टीम की बस पर आतंकी हमला हुआ था. इसमें श्रीलंका के छह खिलाड़ी घायल हुए और छह पुलिसकर्मी सहित आठ लोगों की की मौत हुई.
2007 वर्ल्ड कप के दौरान इंग्लैंड ऑल-राउंडर फ्लिंटॉफ नशे में नाव लेकर समुद्र में चले गए थे. नाव पलट गई थी और होटल स्टाफ की मुस्तैदी से उनकी जान बची थी.
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