सानिया मिर्जा ने लिखा, नस्लवाद को किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जा सकता
भारत की मशहूर टेनिस स्टार सानिया मिर्जा ने जर्मनी के फुटबॉल स्टार मेसुत ओजिल का खुलकर समर्थन किया है. गौरतलब है कि तुर्की मूल के फुटबॉल स्टार ओजिल ने नस्लवाद का आरोप लगाते हुए इंटरनेशनल फुटबॉल से संन्यास लेने की घोषणा की है. उन्होंने जर्मन फुटबॉल महासंघ , उसके अध्यक्ष, प्रशंसकों और मीडिया की आलोचना करते हुए कहा कि तुर्की मूल के लोगों के साथ उनके बर्ताव में दोहरे मानदंड और नस्लवाद की बू आती है. तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तायिप एर्डोगन के साथ तस्वीर खिंचवाने को लेकर ओजिल को काफी आलोचना का शिकार होना पड़ा था. इन आलोचनाओं से व्यथित होकर उन्होंने न केवल जर्मनी की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम की ओर से न खेलने का फैसला किया बल्कि इंटरनेशनल फुटबॉल से संन्यास भी ले लिया.
टेनिस खेलना शुरू किया तो चाचा-चाची बोले थे 'काली हो जाएगी, कोई शादी नहीं करेगा' : सानिया
गौरतलब है कि वर्ल्डकप 2018 में जर्मनी टीम के बेहद कमजोर प्रदर्शन के बाद ही ओजिल आलोचकों के निशाने पर थे. बहरहाल, सानिया मिर्जा ने इस मामले में ओजिल का पूरा समर्थन किया है. उन्होंने एक ट्ववीट में लिखा, 'किसी खिलाड़ी और इनसान के तौर पर यह पढ़ना बेहद दु:खदायी है. ओजिल आपने सही निर्णय लिया. नस्लवाद को किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जा सकता और न किया जाना चाहिए. यदि यह बात सही है तो मैं बेहद दुखी हूं.'
वीडियो: टेबल टेनिस स्टार मनिका बत्रा से विशेष बातचीत इससे पहले, तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तायिप एर्डोगन के साथ फोटो खिंचवाने के मामले में ओजिल ने अपना पक्ष रखा था. उन्होंने कहा था,‘इस फोटो के पीछे कोई राजनीतिक मंशा नहीं थी. मैं अपने परिवार के देश के शीर्ष नेता के प्रति सम्मान व्यक्त कर रहा था.’तुर्की मूल के इस खिलाड़ी ने अपने बचाव में कहा था कि मेरे दो दिल हैं. एक जर्मन और एक तुर्किश. 29 वर्ष के इस खिलाड़ी ने कहा कि दूसरे कई लोगों की तरह मेरी वंशावली भी एक से अधिक देशों से जुड़ी है. मैं जर्मनी में पला-बढ़ा हूं जबकि मेरे परिवार की पृष्ठभूमि तुर्की से है. मेरा काम फुटबॉल खेलना है, मैं राजनेता नहीं हूं इस कारण मेरी तुर्की के राष्ट्रपति के साथ मुलाकात पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. हालांकि ओजिल की इस सफाई को जर्मनी के ज्यादातर लोगों ने महत्व नहीं दिया. एर्डोगन , ओजिल और मैनचेस्टर युनाइटेड के गुंडोगन की दो महीने पहले लंदन में हुई मुलाकात के बाद तस्वीर वायरल हुई थी जिससे जर्मनी में हंगामा मच गया था. जर्मनी के कुछ राजनेताओं ने ओजिल और गुंडोगन की जर्मनी के प्रति वफादारी पर संदेह जताया था.