कॉमनवेल्थ गेम्स 2014 में जीतू राय ने गोल्ड मेडल जीता था (फाइल फोटो)
खास बातें
- वर्ष 2022 के कॉमनवेल्थ गेम्स में शूटिंग शामिल नहीं
- इन गेम्स में अब तक भारत ने शूटिंग में किया है जोरदार प्रदर्शन
- इस बार शूटिंग इवेंट में दांव पर हैं 19 गोल्ड मेडल
नई दिल्ली: कामयाबी के लिहाज़ से इंटरनेशनल मुकाबलों में शूटिंग को भारत के नंबर 1 का खेल दर्जा हासिल रहा है.विश्व स्तर पर भारतीय जूनियर और अनुभवी शूटर दमदार प्रदर्शन करते रहे हैं. कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय शूटर्स ख़ासकर बेहद कामयाब रहे हैं. कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत की ओर से अब तक जीते 438 में से 118 मेडल (56 गोल्ड )शूटिंग से आए हैं यानी गोल्ड मेडल के लिहाज़ से भी ये भारत का नंबर 1 खेल बना हुआ है. हाल ही में खत्म हुए शूटिंग के मैक्सिको वर्ल्डकप में पहली बार भारत 9 पदक के साथ शिखर पर रहा. 2014 में ग्लासगो में हुए कॉमनवेल्थ खेलों में 64 में से 4 गोल्ड सहित 17 मैडल भारत ने शूटिंग में जीते थे. इस बार 27 खिलाड़ियों की भारतीय टीम में 15 पुरुष और 12 महिला शूटर्स शामिल हैं. एक और बात, कॉमनवेल्थ गेम्स में शूटिंग में मेडल जीतने का भारत के लिए यह आखिरी मौका होगा. वर्ष 2022 के कॉमनवेल्थ गेम्स में शूटिंग शामिल नहीं होगा. ऐसे में आखिरी बार भारतीय शूटर्स इन गेम्स में अपना जलवा जरूर दिखाना चाहेंगे.
इस बार शूटिंग में कुल 19 गोल्ड मेडल दाव पर लगे हैं. दो इवेंट में भारत हिस्सा नहीं लेता, मतलब कुल 17 गोल्ड और 51 पदकों पर भारतीय खिलाड़ी निशाना साधेंगे.मौजूदा भारतीय टीम युवा और अनुभवी खिलाड़ियों का बेहतरीन मिश्रण है. इसके तीन खिलाड़ी 20 साल से कम उम्र के हैं तो तीन 25 वर्ष से कम आयु के हैं. इनके साथ दशकों से भारतीय टीम का हिस्सा रहे अनुभवी शूटर्स भी हैं जिनमें हीना सिद्धू, मानवजीत सिंह संधू, गगन नारंग और संजीव राजपूत जैसे दिग्गज शामिल हैं.
2014 में जीतू राय, अपूर्वी चंदेला और गगन नारंग ने पदक दिलाया था, वहीं इस बार नज़रें हाल ही में वर्ल्डकप में पदक जीतने वालीं युवा मनु भाकर, मेहुली घोष और अंजुम मुदगिल पर होंगी. एक अहम बात जो भारत के पक्ष में जा सकती है वह यह कि ब्रिसबेन के बेलमॉन्ट शूटिंग सेंटर में हुई कॉमनवेल्थ शूटिंग चैंपियनशिप-2017 में भारत 6 गोल्ड और कुल 20 पदकों के साथ नंबर 1 पर रहा था