अमित ने फाइनल में कजाखस्तान के तेमिरतास जुसुपोव को हराकर स्वर्ण जीता (फाइल फोटो)
खास बातें
- कहा-मैं खुद आर्मी से हूं, इसलिए हमले को लेकर दर्द ज्यादा था
- पदक जीतकर इसे शहीद जवानों के नाम करने को बेताब था
- फाइनल में कजाखस्तान के बॉक्सर को पराजित किया
नई दिल्ली: मशहूर बॉक्सर अमित पंघाल (Amit Panghal)ने प्रतिष्ठित स्ट्रैंडजा मेमोरियल टूर्नामेंट में जीते अपने स्वर्ण पदक को पुलवामा आतंकी हमले (Pulwama Attack) में शहीद हुए CRPF जवानों को समर्पित किया है. अमित इंडोनेशिया में पिछले साल हुए एशियन गेम्स में भी देश के लिए स्वर्ण जीत चुके हैं. अमित ने कहा कि सैन्य बलों से संबंद्ध होने के कारण उन्हें इस घटना से अधिक पीड़ा पहुंची थी. उन्होंने बुल्गारिया के सोफिया में मंगलवार की रात को फाइनल में कजाखस्तान के तेमिरतास जुसुपोव को हराकर यूरोप के इस सबसे पुराने मुक्केबाजी टूर्नामेंट में लगातार दूसरा स्वर्ण जीता. अमित इस टूर्नामेंट में पदक जीतने वाले भारत के एकमात्र पुरुष बॉक्सर रहे.
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भारतीय सेना के इस 23 वर्षीय मुक्केबाज ने बुधवार को कहा कि टूर्नामेंट के दौरान पुलवामा हमला (Pulwama Attack) उनके दिमाग में घूमता रहा. इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये थे. यह हमला पिछले सप्ताह उस दिन हुआ था जिस दिन भारतीय मुक्केबाजी टीम टूर्नामेंट में भाग लेने के लिये रवाना हुई थी. पंघाल (Amit Panghal)ने फोन पर कहा, ‘मैं खुद आर्मी से हूं, दर्द इसलिए थोड़ा ज्यादा था. मैं पदक जीतने के लिये बेताब था क्योंकि मैं इसे पुलवामा में अपनी जान गंवाने वाले नायकों को समर्पित करना चाहता था.'उन्होंने कहा, ‘यहां पहुंचने के बाद जब मुझे हमले की खबर मिली तो तभी से यह बात मेरे दिमाग में थी.' भारत ने सोफिया में तीन स्वर्ण, एक रजत और तीन कांस्य पदक सहित कुल सात पदक जीते.
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महिलाओं में स्वर्ण पदक जीतने वाली निखत जरीन (51 किग्रा) ने भी अपना पदक सीआरपीएफ जवानों को समर्पित किया. पंघाल ने कहा, ‘मैं टूर्नामेंट के दौरान अपने परिवार वालों के संपर्क में था और उन्होंने मुझसे कहा कि मुझे पुलवामा शहीदों के सम्मान में पदक जीतना होगा. इस विचार से मैं दोगुना प्रेरित था.'यह प्रेरणा पंघाल के लिये अहम साबित हुई और वह वजन संबंधी दिक्कतों से भी पार पाने में सफल रहे. उन्होंने कहा, ‘ठंड के कारण यहां सही वजन नहीं आ पा रहा था. इसलिए मैंने रात को खाना नहीं खाया और अगली सुबह कड़ा अभ्यास किया ताकि मैं ड्रॉ के समय वजन कराने के लिये पूरी तरह से तैयार रहूं. यह थोड़ा मुश्किल था लेकिन आखिर में मैं जो चाहता था उसे हासिल करने में सफल रहा.'
पंघाल ने इसके साथ ही साफ किया कि 49 किग्रा में यह उनका आखिरी टूर्नामेंट था. उन्होंने कहा, ‘मेरे पास 49 के बजाय 52 किग्रा में भाग लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं है क्योंकि टोक्यो ओलिंपिक 2020 में 49 किग्रा नहीं है और मैं ओलिंपिक में खेलना चाहता हूं.'उन्होंने कहा, ‘यह 49 किग्रा में मेरा आखिरी टूर्नामेंट था और अगर मुझे एशियाई चैंपियनशिप के लिये चुना जाता है तो मैं 52 किग्रा में भाग लूंगा. यह मेरे लिये काफी मुश्किल होगा क्योंकि 49 किग्रा भार वर्ग में मैं सहज महसूस करता था. 'उन्होंने कहा, ‘‘मुझे अधिक ताकत हासिल करने की जरूरत है और यह आसान नहीं होगा लेकिन मुझे विश्वास है कि मैं इसे हासिल करने में सफल रहूंगा.'एशियाई चैंपियनिशप 19 से 27 अप्रैल के बीच बैकाक में होगी. पहली बार एशियाई चैंपियनशिप में महिला और पुरुष दोनों वर्गों की प्रतियोगिताएं एक साथ होंगी. (इनपुट: भाषा)
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