
भारत के टोक्यो ओलिंपिक्स (Tokyo Olympics) जाने वाले 8 शूटर्स (Shooting) सोमवार को क्रोएशिया के ओसिएक शहर में यूरोपीय चैंपियनशिप (European shooting event) के दौरान एक्शन में नज़र आए जहां महिला शूटर एलावेनिल वालारिवन और सौरभ चौधरी (Elavenil Valarivan, Saurabh Chaudhary) की बंदूकें गरजती नज़र आईं. तमिलनाडु की 21 साल की एलावेनिल ने MQS सेक्शन में 630.4 का स्कोर किया और सबसे आगे रहीं. दूसरे नंबर पर इरान की आर्मिना सदेघियान 629.8 का स्कोर किया. भारत की अपूर्वी चंदेला चौथे और अंजु मुदगिल सातवें नंबर पर रहीं.
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यूरोपीयन चैंपियनशिप में और भी बड़ा धमाका पुरुषों के पिस्टल वर्ग में उत्तर प्रदेश के 19 साल के स्टार शूटर सौरभ चौधरी ने किया. सौरभ ने 589 का स्कोर किया और टॉप पर रहे जबकि अभिषेक वर्मा 579 के साथ चौथे नंबर पर आए. दरअसल सौरभ चौधरी का क्वालिफ़िकेशन स्कोर टूर्नामेंट का सबसे बड़ा स्कोर रहा. इंडियन शूटिंग डॉट कॉम (www.indianshooting.com) के सीईओ और पूर्व अंतर्राष्ट्रीय शूटर शिमोन शरीफ़ विश्लेषण करते हुए कहते हैं, "सौरभ अगर ये स्कोर ओलिंपिक्स में कर लें तो यकीनन वो वहां फ़ॉाइनल में नज़र आएंगे. 585 से बड़े सेकोर का फ़ाइनल में पहुंचना तय है. वो ये भी कहते हैं, 'टोक्यो से पहले भारतीय शूटर्स के लिए खुद को आज़माने का ये शानदार मौक़ा है. ये आपको अपने हुनर को आंकने का मौक़ा तो देगा ही इसके सहारे और मानसिक रूप से भी ओलिंपिक्स के लिए बेहतर तैयार होंगे.'
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— Elavenil Valarivan (@elavalarivan) May 22, 2021
इस टूर्नामे्ट में भारतीय शूटर्स पोडियम पर नहीं पहुंच सकते थे. लेकिन इनके लिए अभ्यास का शानदार मौक़ा है. क्योंकि इन्हें MQS यानी मिनिमम क्वालिफ़िकेशन वर्ग (Minimum Qualification Score) में प्रतियोगिता में हिस्सा लेने की इजाज़त है. वैसे MQS के स्कोर का असर खिलाड़ियों की रैंकिंग पर तो पड़ता ही है. इसके अलावा इसका फ़ायदा उन्हें क्रोएशिया में द्रावा नदी के किनारे बसे ओसियेक शहर में 22 जून से होने वाले ओलिंपिक्स के पहले आख़िरी वर्ल्ड कप में भी मिल सकता है.
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राइट ट्रैक पर हैं भारतीय शूटर्स
टोक्यो ओलिंपिक्स के शुरू होने में 60 दिनों से भी कम समय बचा है. टोक्यो ओलिंपिक्स में भारत के रिकॉर्ड 15 शूटर्स हिस्सा ले रहे हैं- 8 पुरुष और 7 महिलाएं. एथेंस, बीजिंग और लंदन ओलिंपिक्स की तरह एक बार फिर भारतीय शूटर्स से बड़ी उम्मीदें जताई जा रही हैं. सबसे बड़े इम्तिहान से पहले दूसरे खेलों की तरह निशानेबाज़ों के लिए अपनी तैयारी को अंजाम देने का वक्त है. ऐसे में यूरोपीय चैंपियनशिप जैसे क्वालिटी टूर्नामेंट भारतीय एथलीटों के लिए वरदान साबित हो सकते हैं.
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