Tokyo Olympics 2020: सोनम पहले ही राउंड में हार कर हुयी बाहर, हॉकी में आयी निराशा

Tokyo Olympics 2020: भारत की पहलवान सोनम तोक्यो ओलंपिक की कुश्ती महिला फ्रीस्टाइल 62 किग्रा के पहले दौर में मंगोलिया की बोलोरतुया खुरेलखू से हारी.

Tokyo Olympics 2020: सोनम पहले ही राउंड में हार कर हुयी बाहर, हॉकी में आयी निराशा

Olympics 2020: सोनम मलिक को पहले ही राउंड में हार का सामना करना पड़ा.

तोक्यो:

तोक्यो में जारी ओलंपिक खेलों में करोड़ों भारतीय खेलप्रेमियों के लिए मंगलवार की सुबह निराशा लेकर आयी. जहां पुरुष हॉकी टीम को विश्व चैंपियन बेल्जियम के हाथों 5-3 से हार का सामना करना पड़ा, तो वहीं युवा पहलवान सोनम भी 62 किग्रा भार वर्ग में सेमीफाइनल में पहुंचने से चूक गयीं. सोनम को मंगोलिया की बोलोरतुया खुरेलखू से हार का सामना करना पड़ा. कुल मिलाकर मंगलवार खेलों के लिहाज अमंगल भरी खबर लेकर आया. अब देखने वाली बात होकी कि दिन की बाकी बचीं गिनने लायक प्रतिस्पर्धाओं में कैसा प्रदर्शन करता है. 

तोक्यो में जारी ओलंपिक खेलों में करोड़ों भारतीय खेलप्रेमियों के लिए मंगलवार की सुबह निराशा लेकर आयी. जहां पुरुष हॉकी टीम को विश्व चैंपियन बेल्जियम के हाथों 5-3 से हार का सामना करना पड़ा, तो वहीं युवा पहलवान सोनम भी 62 किग्रा भार वर्ग में सेमीफाइनल में पहुंचने से चूक गयीं. सोनम को मंगोलिया की बोलोरतुया खुरेलखू से हार का सामना करना पड़ा. चलिए संक्षिप्त रूप से बताते हैं कि 12वें दिन मंगलवार को भारत की स्थिति क्या रही. 

पहले ही दौर में हार गयीं सोनम
युवा भारतीय पहलवान सोनम मलिक को मंगलवार को यहां महिला 62 किग्रा वर्ग के पहले दौर के मुकाबले में ही मंगोलिया की बोलोरतुया खुरेलखू के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा. ओलिंपिक में पदार्पण कर रही सोनम को अब इंतजार करना होगा कि उन्हें रेपेचेज दौर में हिस्सा लेने का मौका मिलता है या नहीं. उन्नीस साल की सोनम दो ‘पुश-आउट'अंक जुटाकर 2-0 से आगे चल रही थी, लेकिन एशियाई चैंपियनशिप की रजत पदक विजेता खुरेलखू ने भारतीय पहलवान को गिराकर दो अंक हासिल करते हुए बराबरी हासिल कर ली जबकि मुकाबले में सिर्फ 35 सेकेंड का खेल बचा था. इसके बाद अंत तक स्कोर 2-2 रहा लेकिन मंगोलिया की पहलवान को अंतिम अंक जुटाने के कारण विजेता घोषित किया गया. मंगोलिया की पहलवान अगर फाइनल में जगह बनाती है तो सोनम को रेपेचेज दौर के जरिए कांस्य पदक जीतने का मौका मिलेगा.


हॉकी: आखिर में पेनल्टी स्ट्रोक पड़ा बहुत ही भारी

भारत और बेल्जियम के बीच खेले गए महामुकाबले में करोड़ों खेलप्रेमियों को निराशा का सामना करना पड़ा, जब भारतीय टीम विश्व चैंपियन बेल्जियम से 5-2 से हारकर स्वर्ण पदक की रेस से बाहर हो गयी. अब भारत महाकुंभ में कांस्य पदक के लिए खेलेगा. निर्णायक और चौथे क्वार्टर में भाग्य बेल्जियम के पक्ष में रहा, तो उन्होंने खेल भी बेहतर दिखाया. इस क्वार्टर में बेल्जियम ने दो गोल दागकर मुकाबला 5-2 से अपने नाम  कर लिया. इस क्वार्टर में एक गोल पेनल्टी स्ट्रोक से आया और इसी से सबकुछ बदल गया. इस पेनल्टी स्ट्रोक के बाद खेल खत्म होने में तकरीबन 8 मिनट का समय बचा था और बेल्जियम की बढ़त 4-2 हो चली थी. ऐसे में यह बिल्कुल गलत समय पर आया और इसने भारतीय खिलाड़ियों की बॉडी लैंग्वेज पर असर डालते हुए उन्हें हिलाकर रख दिया. बेल्जियम की ओर से  यह चौथा गोल पेनल्टी स्ट्रोक के जरिए किया गया. यह गोल हेंड्रिक्स की तरफ से किया गया, जो उनका टूर्नामेंट में 14वां गोल रहा. वहीं, बेल्जियम के लिए तीसरा गोल एक के बाद एक मिले तीन में से आखिरी पेनल्टी कॉर्नर पर आया. इससे पहले तीसरे क्वार्टर की समाप्ति के बाद भी दोनों ही टीमें 2-2 की बराबरी पर रहीं, लेकिन चौथे और निर्णायक क्वार्टर और पलों में भारत का थोड़ा दुर्भाग्य और बेल्जियम के उम्दा खेल के मिश्रण से जीत बेल्जियम के पाले में जाकर बैठ गयी.

जिम्नास्टिक: सिमोन बाइल्स ने 'बीमारी' को धता बताकर जीता पदक, की विश्व रिकॉर्ड की बराबरी

मानसिक स्वास्थ्य के कारण जारी तोक्यो ओलंपिक की कई स्पर्धआओं से नाम वापस लेने वाली अमरीका की 24 साल की जिम्नास्ट सिमोन बाइल्स ने शानदार वापसी करते हुए बैलेंस बीम कैटिगिरी में कांस्य पदक जीता. इस स्पर्धा का स्वर्ण 16 साल की चीन की गुआन चेनचेन ने जीता, जबकि रजत पदक भी चीन की एक और खिलाड़ी तैंग झिजिंग ने जीता, लेकिन आकर्षण का केंद्र रहीं अमरिका की सिमोन बाइल्स, जिनके लिए हालिया समय मानसिक स्वास्थ्य के कारण बहुत ही मुश्किल भरा रहा है. इस पदक को मिलाकर बाइल्स के पास अब कुल मिलाकर 32 ओलिंपिक और विश्व चैंपियनशिप पदक हो गए हैं. और 24 साल की उम्र में इतने पदक जीतना किसी को भी दांत तले उंगली दबाने के लिए काफी है. साथ ही, बाइल्स ने अब महिला जिम्नास्टिक की दुनिया में सबसे ज्यादा पदक जीतने वाली रूस की लारिसा लैतिनिना की बराबरी कर ली है, लेकिन बाइल्स के स्वर्ण पदकों की संख्या लारिसा से ज्यादा है. बाइल्स के खाते में अब 23 स्वर्ण, चार रजत और पांच कांस्य पदक हो गए हैं. वहीं, लैतिनिना ने 18 स्वर्ण, नौ रजत और पांच कांस्य पदक जीते हैं. 
 

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