खेल बजट में 305 करोड़ रुपये से अधिक का इजाफा, खेलो इंडिया और राष्ट्रीय युवा योजनाओं पर जोर

केंद्र सरकार ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2022-23 के लिए तीन हजार 62 करोड़ 60 लाख रुपये आवंटित किए जो पिछले साल की तुलना में 305 करोड़ 58 लाख रुपये अधिक हैं.

खेल बजट में 305 करोड़ रुपये से अधिक का इजाफा, खेलो इंडिया और राष्ट्रीय युवा योजनाओं पर जोर

पिछले वित्त वर्ष में सरकार ने खेलों के लिए 2596 करोड़ 14 लाख रुपये आवंटित किए थे.

खास बातें

  • खेल बजट में हुई बढ़ोत्तरी
  • वित्त मंत्री ने किया खेल बजट का ऐलान
  • एथलेटिक्स में गोल्ड के बाद बढ़ा बजट
नई दिल्ली:

टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympic) खेलों में देश की सफलता का प्रभाव खेल बजट (Sports Budget) में नजर आता है जब केंद्र सरकार ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2022-23 के लिए तीन हजार 62 करोड़ 60 लाख रुपये आवंटित किए जो पिछले साल की तुलना में 305 करोड़ 58 लाख रुपये अधिक हैं.

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पिछले वित्त वर्ष में सरकार ने खेलों के लिए 2596 करोड़ 14 लाख रुपये आवंटित किए थे जिसे बाद में संशोधित करके दो हजार 757 करोड़ दो लाख रुपये कर दिया गया था. भारत ने टोक्यो ओलंपिक में ट्रैक एवं फील्ड में एतिहासिक स्वर्ण पदक सहित कुल सात पदक जीते. देश में चरणबद्ध तरीके से खेल गतिविधियां बहाल हो गई हैं और बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेल तथा हांगझू एशियाई खेलों के रूप में दो वैश्विक प्रतियोगिताओं को देखते हुए 2022 काफी महत्वपूर्ण सत्र है.


इन सभी को ध्यान में रखते हुए शायद सरकार ने खेल गतिविधियों पर अधिक खर्च करने का फैसला किया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) की ओर से मंगलवर को पेश बजट में सरकार की अहम योजना खेलो इंडिया कार्यक्रम में 316 करोड़ 29 लाख रुपये का इजाफा किया गया है. खेल इंडिया कार्यक्रम के लिए पिछले बजट में 657 करोड़ 71 लाख रुपये आवंटित किए गए थे तो अब बढ़कर 974 करोड़ रुपये हो गए हैं.

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खिलाड़ियों के कुल प्रोत्साहन और पुरस्कार राशि में भी इजाफा किया गया है जो 245 करोड़ से 357 करोड़ रुपये हो गई है. भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) के बजट में सात करोड़ 41 लाख रुपये की कटौती की गई है जो अब 653 करोड़ रुपये होगा. राष्ट्रीय खेल विकास कोष में आवंटन राशि को भी नौ करोड़ रुपये घटाकर 16 करोड़ रुपये कर दिया गया है. राष्ट्रीय सेवा योजना में 118 करोड़ 50 लाख रुपये का भारी भरकम इजाफा किया गया है. इसका आवंटन 283 करोड़ 50 लाख रुपये है. राष्ट्रीय खेल महासंघों के लिए आवंटन को पहले की तरह 280 करोड़ रुपये ही रखा गया है.

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