पूर्व भारतीय कप्तान बाईचुंग भूटिया (Bhaichung Bhutia) ने शनिवार को कहा कि वह अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) के चुनावों में राजनीतिक हस्तक्षेप के ‘उच्च स्तर' को देखकर हैरान थे जिसमें उनकी इच्छानुसार परिणाम नहीं आया. अध्यक्ष पद के चुनाव (AIFF President Election) में भूटिया को भाजपा नेता और पूर्व गोलकीपर कल्याण चौबे (Kalyan Chaubey) से हार मिली.
भूटिया खुद राजनीति से जुड़ चुके हैं, वह 2014 और 2016 में तृणमूल कांग्रेस (Trinamol Congress) के टिकट पर क्रमशः लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं. इस 45 वर्षीय पूर्व खिलाड़ी ने अपने गृह राज्य में हमरो सिक्किम पार्टी भी बनाई. लेकिन उन्होंने कहा कि AIFF के चुनाव बिना किसी राजनीतिक हस्तक्षेप के पूरी तरह से फुटबॉल केंद्रित होने चाहिए थे.
भूटिया ने कहा, “मैं हैरान था क्योंकि मैंने व्यक्तिगत रूप से AIFF के चुनावों में इतने उच्च स्तर के राजनीतिक हस्तक्षेप की उम्मीद नहीं थी. मैंने सोचा कि यह एक फुटबॉल अध्यक्ष पद का चुनाव है और मैं पूरी ईमानदारी से अपना योगदान देना चाहता था.”
उन्होंने कहा, “अगर वे (उनके प्रतिद्वंद्वी) जीत के प्रति इतने आश्वस्त थे तो एक ताकतवर केंद्रीय मंत्री गुरुवार को रात नौ बजे उस होटल में क्यों आया जिसमें मतदान करने वाले ठहरे हुए थे और शुक्रवार को चुनाव के दिन सुबह दो बजे तक वहां रुके रहे और उन सभी को उस होटल में एक विशेष तल पर लेकर गए.”
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हालांकि भूटिया ने उस केंद्रीय मंत्री का नाम नहीं लिया लेकिन चुनावों में उनके नाम का प्रस्ताव रखने वाले राजस्थान राज्य संघ के अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह ने शुक्रवार को आरोप लगाया था कि कानून मंत्री किरेन रीजीजू (Kiren Rijiju) होटल में मौजूद थे और उन्होंने सदस्यों को पूर्व भारतीय कप्तान के खिलाफ मतदान करने के लिए कहा.
देश के महान फुटबॉलरों में से एक भूटिया ने कहा कि उन्हें यह बात समझ नहीं आई कि एक केंद्रीय मंत्री AIFF चुनावों से पहले की रात मतदान करने वालों के साथ इतना समय क्यों बिताएगा, हालांकि उन्होंने रीजीजू पर उनके खिलाफ प्रचार करने का आरोप नहीं लगाया.
उन्होंने कहा, “निर्वाचक मंडल में से 34 में से 33 सदस्यों (गोपालकृष्ण कोसाराजू को छोड़कर) को होटल के उस मंजिल पर ले जाया गया और पूरे तल पर प्रवेश की मनाही कर दी गई. मैं किसी से भी संपर्क नहीं कर सका क्योंकि नेटवर्क नहीं आ रहा था.”
भूटिया ने कहा, “मैंने राजस्थान संघ के सचिव को फोन करने की कोशिश की जो वोटर हैं लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका.”
उन्होंने कहा, “राजनीतिक हस्तक्षेप मेरे लिये हैरानी भरी चीज थी और यह दुर्भाग्यपूर्ण है. भारतीय फुटबॉल के लिए दुखद है.”
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