
Manu Bhaker-Sarabjot Singh Shooting Paris Olympic: मनु भाकर ने 2024 ओलंपिक में अभूतपूर्व तीसरा पदक जीतने की अपनी संभावना बरकरार रखी है क्योंकि उन्होंने शुक्रवार को यहां खेलों में 25 मीटर पिस्टल महिला फाइनल में जगह बना ली है, जो उनका तीसरा पदक दौर है. 22 वर्षीय मनु 60-शॉट क्वालिफिकेशन राउंड में 590-24x स्कोर करके दूसरे स्थान पर रहीं। प्रिसिजन चरण में उन्होंने 294 का स्कोर किया जबकि रैपिड भाग में 296 का स्कोर किया. क्वालिफिकेशन चरण में, मनु को प्रिसिजन राउंड के बाद 97, 98 और 99 के स्कोर के साथ कुल 294 के स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर रखा गया था। इस चरण में, ईशा को 95, 96 और 100 के स्कोर के साथ कुल 291 के स्कोर के साथ 10वें स्थान पर रखा गया था। रैपिड राउंड में मनु ने 100, 98 और 98 के कुल स्कोर के साथ 296 का स्कोर किया और दूसरे स्थान पर पहुंच गईं.
दूसरी ओर, ईशा 97, 96 और 97 के कुल योग तक 290 ही बना सकीं और 18वें स्थान पर खिसक गईं. अब आज यदि जीतती हैं, तो मनु ओलंपिक के एक ही संस्करण में व्यक्तिगत स्पर्धाओं में तीन पदक जीतने वाली पहली भारतीय एथलीट बन जाएंगी. हरियाणा की निशानेबाज ने ओलंपिक में अपनी दूसरी उपस्थिति में पहले ही दो कांस्य पदक हासिल कर लिए हैं - पहला महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में और दूसरा कांस्य पेरिस खेलों में 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम स्पर्धा में. वह ओलंपिक खेलों में सबसे सफल भारतीय निशानेबाज भी बन सकती हैं. अगर वह एक ही ओलंपिक में तीन पदक जीतती हैं तो यह भी एक अभूतपूर्व भारतीय रिकॉर्ड होगा.

Photo Credit: Manu Bhaker
पिस्टल इवेंट्स की क्या है खासियत
पिस्टल इवेंट्स में खिलाड़ियों को एक हाथ से बिना किसी सपोर्ट के निशाना लगाना होता है. रेंज पर पहुंचने के बाद, मैच शुरू होने के पहले से लेकर मैच खत्म होने तक रेंज ऑफिसर की कमांड फॉलो करनी होती है. बिना कमांड के न तो आप अपना पिस्टल बॉक्स के बाहर निकाल सकते हैं और न ही वापस बॉक्स में रख सकते हैं. इसके अलावा ये भी ध्यान रखना होता है कि आपका पिस्टल लोडेड न हो और उसे किसी की तरफ पॉइंट किया हुआ न हो. जब आप पिस्टल से दूर हों तो बैरल में सेफ्टी फ्लैग लगाना जरूरी है. ये नियम पिस्टल और राइफल दोनों के लिए निर्धारित किए गए हैं.
पिस्टल प्रतियोगिता में इस्तेमाल की जाने वाली पिस्टल
10 मीटर एयर पिस्टल प्रतियोगिता में इस्तेमाल की जाने वाली पिस्टल एक 4.5-मिलीमीटर कैलिबर में एक सिंगल-लोडेड बंदूक होती है, जबकि 25 मीटर की स्पर्धा में इस्तेमाल की जाने वाली 5.6 कैलिबर की पिस्टल पांच-शॉट मैगजीन के साथ एक रैपिड फायर पिस्टल है. पिस्टल स्पर्धाओं में एथलीट इनडोर शूटिंग रेंज में स्थिर टारगेट पर निशाना लगाना होता है. सभी शूटिंग निर्धारित दूरी -10 मीटर, 25 मीटर, 50 मीटर से की जाती है, जिसमें एथलीटों को एक कागज से बने लक्ष्य को टारगेट करना होता है.
इसमें सिर्फ महिला शूटर हिस्सा लेते हैं , इसमें भी 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल इवेंट की तरह 30-30 शॉट के दो क्वालीफाइंग राउंड में होते है.
पिस्टल शूटिंग स्पर्धा को तीन भाग में बांटा गया है
बता दें कि पिस्टल शूटिंग स्पर्धा को तीन हिस्सों में बांटा गया है. 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल, 25 मीटर पिस्टल और 10 मीटर एयर पिस्टल. यहां खिलाड़ियों को एक हाथ से बिना किसी सपोर्ट के शूट करनी होती है.
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