टोक्यो ओलिंपिक अगले साल 24 जुलाई से 9 अगस्त तक आयोजित किया जाएगा
नई दिल्ली: जापान दूसरी बार ओलिंपिक खेलों (Olympics Games) की मेजबानी के लिए तैयार है. जापान का दावा है कि टोक्यो में अगले साल तकनीकी रूप से अब तक के सबसे उन्नत ओलिंपिक खेलों का आयोजन होगा. जापान ने इससे पहले 1964 में ओलिंपिक की मेजबानी की थी और तब भी उसने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिहाज से कई अनुपम प्रयोग किए थे. अब 55 साल बाद जापान एक बार फिर अपनी प्रौद्योगिकी सम्बंधी ताकत को दुनिया को दिखाने के लिए तैयार है. 1964 में जब जापान ने पहली बार ओलिंपिक की मेजबानी थी, तब वह 1945 में अपनी धरती पर हुए परमाणु हमलों के प्रभाव से उबर रहा था. वह इस प्रभाव से हालांकि अब तक नहीं उबर सका है लेकिन अब वह उस घटना को भूलकर प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दुनिया में 'न्यूमरो यूनो' बन चुका है. टोक्यो-2020 (Tokyo Olympics 2020) को खिलाड़ियों और दर्शकों के लिए अधिक से अधिक सुविधाजनक और आकर्षक बनाने के लिए जापान ने आठ साल पहले ही तैयारी शुरू कर दी थी और अब उसकी अधिकांश तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. इनमें कुछ ऐसी चीजें, जिनकी परिकल्पना सिर्फ जापान ही कर सकता है.
इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स रीसाइकिल कर जापान ने बनाए टोक्यो ओलिंपिक के पदक
टोक्यो-2020 के लिए जापान ने कई ऐसी तैयारियां की हैं, जिनसे ओलिंपिक खेलों की सूरत पूरी तरह बदल जाएगी. ओलिंपिक के दौरान कुछ बातें तो अपने आप में अनूठी होंगी. जापान ने सबको हैरान करते हुए मुख्य ओलिंपिक मशाल को जलाने के लिए 'फ्लाइंग कार' के इस्तेमाल की घोषणा की थी. इसके अलावा उसने ओलिंपिक के दौरान टूरिस्ट गाइड के रूप में रोबोट्स के इस्तेमाल के अलावा खिलाड़ियों और दर्शकों को अत्यधिक गर्मी और भूकम्प के खतरे से बचाने के लिए पूरी तरह भूकम्प और ऊष्मा रोधी स्टेडियम बनाने का काम पूरा कर लिया है. वेबसाइट 'द सन' के मुताबिक जापान ने अपनी इस परिकल्पना को 'फ्यूचर आइलैंड टोक्यो 2020' नाम दिया है. जापान ने सालों तक अपनी इस परिकल्पना को छुपाए रखा लेकिन अब धीरे-धीरे चीजें सामने आने लगी हैं. इनमें सबसे चौंकाने वाली परिकल्पना फ्लाइंग कार की हो सकती है, जिसकी मदद से उद्घाटन के अवसर पर मुख्य मशाल को प्रज्जवलित किया जा सकता है. इसके लिए जापान सरकार ने अपने यहां की वाहन बनाने वाली दिग्गज कम्पनी टोयोटा के साथ करार किया है और इसे लेकर जारी काम अंतिम चरण में है. इस कार में सवार होकर एथलीट ओलिंपिक मशाल जलाएगा. टोयोटा ने इस तरह की कार डिजाइन कर ली है. 2017 में वह इस कार का नमूना दुनिया के सामने पेश कर चुका है.
जापान दुनिया के सबसे सक्रिय सेसमिक जोन में आता है. वहां भूकम्प आम बात है. 2011 में आए विनाशकारी भूकम्प के कारण जापान में रेडियोधर्मी कणों के फैलने का खतरा पैदा हो गया था. इन सब बातों से सीख लेते हुए जापान ने ऐसे स्टेडियम तैयार किए हैं, जो भयंकर से भयंकर भूकम्प को भी झेल सकते हैं. जापान ने टोक्यो एक्वेटिक एरेना, एरियाके एरेना और न्यू नेशनल स्टेडियम को पूरी तरह भूकम्परोधी बनाया है. टायर और रबर बनाने वाली दुनिया की अग्रणी कम्पनियों में से एक ब्रिजस्टोन कारपोरेशन ने स्टेडियमों के रूफ्स के नीचे लगाने के लिए 'कटिंग एज सेसमिक आइसोलेशन बीयरिंग्स' का निर्माण किया है. इनकी मदद से स्टेडियम जबरदस्त भूकम्प की स्थिति में भी सुरक्षित रहेंगे. इस तकनीक का इस्तेमाल दुनिया की कई ऊंची इमारतों में हो रहा है.
न्यू नेशनल स्टेडियम, जिसमें उद्घाटन एवं समापन समारोह के अलावा एथलेट्क्सि इवेंट्स होने हैं, में बहुत बड़े पैमाने पर लकड़ी का इस्तेमाल हुआ है. इस स्टेडियम का उद्घाटन 21 दिसम्बर को किया जाना है. इसमें थ्री-टीयर स्टैंड्स हैं और इसकी क्षमता 60 हजार है. ऐसे में जबकि गर्मियों में जापान में अधिकतम तापमान 31 डिग्री तक पहुंच जाता है, न्यू नेशनल स्टेडियम की लकड़ी की छतें इसके नीचे बैठने वालों को गर्मी का अहसास तक नहीं होने देंगी. स्टैंड्स के आसपास 185 बड़े आकार के कूलर्स लगाए जाएंगे, जो मैदान में खेल रहे खिलाड़ियों और दर्शकों की ओर ठंडी हवा फेकेंगे. इसके अलावा लोगों के आवागमन के लिए हाइड्रोजन और बैटरी से चलने वाली गोल्फ कार्ट तथा मिनी बस की आकार की बसें तैयार की गई हैं, जो इस ओलिंपिक को पूरी तरह हरित ओलिंपिक बनाएंगी. इनमें वे रोबोटिक बसें भी शामिल हैं, जिन्हें खासतौर पर खिलाड़ियों के लिए तैयार किया गया है.
वेबसाइट-टोक्यो2020 डॉट ओआरजी के मुताबिक टोक्यो ओलिंपिक के दौरान सबसे अधिक आकर्षण का केंद्र महिला रोबोटिक टूर गाइड्स होंगी, जो पांच भाषाओं में लोगों की बात समझ सकेंगी और उनकी जरूरत के हिसाब से सलाह दे सकेंगी. इन रोबोटिक टूर गाइड्स को 'एरिसा' नाम दिया गया है. एरिसा छह फुट की एक महिला रोबोट टूर गाइड होगी. एरिसा देखने में बिल्कुल इंसानों की तरह होगी. यही नहीं, जापान ने दिव्यांग लोगों का ख्याल रखते हुए उन्हें पानी तथा खाने-पीने की चीजें मुहैया कराने के लिए रोबोट्स का इस्तेमाल करने का फैसला किया है. ये रोबोट्स खाने-पीने की चीजें मुहैया कराने के अलावा लोगों को करीबी टॉयलेट और आस-पास के जगहों की जानकारी देंगी.
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