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This Article is From Feb 22, 2019

Pulwama attack: ओलिंपिक या किसी बड़े टूर्नामेंट की मेजबानी की भारत की उम्‍मीदों को लगा झटका..

Pulwama attack: ओलिंपिक या किसी बड़े टूर्नामेंट की मेजबानी की भारत की उम्‍मीदों को लगा झटका..
आईओसी ने भारत से किसी वैश्विक टूर्नामेंट की मेजबानी पर चर्चाएं स्थगित कर दी हैं
लुसाने/नई दिल्ली:

आईएसएसएफ वर्ल्‍डकप के लिये पाकिस्तानी निशानेबाजों को वीजा देने से इनकार के बाद भारत की ओलिंपिक या किसी अन्य वैश्विक टूर्नामेंट की मेजबानी की उम्मीद को करारा झटका लगा है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति (IOC) ने देश से इस तरह की सभी चर्चाओं को स्थगित करने के साथ सिफारिश की कि उसे कोई बड़े टूर्नामेंट की मेजबानी नहीं दी जाए. भारत ने पुलवामा आतंकी हमले (Pulwama attack) के बाद शनिवार से शुरू होने वाले वर्ल्‍डकप के लिये पाकिस्तानी निशानेबाजों को वीजा देने से इनकार कर दिया. इस हमले में 40 सीआरपीएफ जवानों की मौत हो गई थी. इसके परिणामस्वरूप आईओसी ने टूर्नामेंट में पुरुष 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल स्पर्धा से हासिल किए जाने वाले दो ओलंपिक कोटे हटाने का फैसला किया. हालांकि सबसे बुरा असर यह हुआ कि विश्व संस्था ने घोषणा की कि वह बड़े टूर्नामेंट की मेजबानी के लिये भारत को चर्चाओं में शामिल नहीं करेगा. भारत 2026 युवा ओलिंपिक, 2032 ग्रीष्मकालीन ओलिंपिक और 2030 एशियाई खेलों की मेजबानी करने की उम्मीद लगाए था. भारतीय ओलिंपिक संघ (आईओए) पहले ही 2032 खेलों के लिये आईओसी को मेजबानी की इच्छा भेज चुका है और 2026 की बोली लगाने की प्रक्रिया भी अगले साल शुरू होने की उम्मीद है.

आईओसी (IOC) ने कहा कि देश के खिलाफ यह फैसला तब तक बरकरार रहेगा जब तक उन्हें भारत सरकार से लिखित में स्पष्ट गारंटी नहीं मिल जाती कि इस तरह की प्रतियोगिताओं में सभी प्रतिभागियों का प्रवेश ओलिंपिक चार्टर के नियमों का पूर्ण पालन करते हुए किया जाएगा. आईओसी ने गुरूवार शाम को लुसाने में हुई कार्यकारी बोर्ड की बैठक के बाद कहा, ‘आईएसएसएफ वर्ल्‍डकप में पैदा हुए हालात ओलिंपिक चार्टर के मौलिक सिद्धांतों के खिलाफ हैं, विशेषकर भेदभाव नहीं करने के सिद्धांत. 'इसके अनुसार, ‘इसके परिणामस्वरूप, आईओसी कार्यकारी बोर्ड ने भविष्य में भारत में खेलों और ओलिंपिक संबंधित टूर्नामेंट की मेजबानी के लिये संभावित आवेदन के संबंध में भारतीय एनओसी और सरकार के साथ सभी चर्चाओं को निलंबित करने का भी फैसला किया है. '

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विश्व संस्था ने अंतरराष्ट्रीय महासंघों से भी अनुरोध किया कि जब तक गारंटी नहीं मिल जाती, भारत को कोई खेल प्रतियोगिता नहीं दे और न ही यहां इनका आयोजन करायें. भारतीय ओलिंपिक संघ ने इस पर अपनी लाचारी जाहिर की और कहा कि मौजूदा स्थिति देश में खेल के भविष्य के लिये अच्छी नहीं दिखती. आईओए महासचिव राजीव मेहता ने दिल्ली में कहा, ‘हमने अपना सर्वश्रेष्ठ करने की कोशिश की लेकिन अंत में सरकार को ही वीजा देने होते हैं. देश में सभी खेलों के लिये यह भयावह स्थिति है. 'उन्होंने कहा, ‘भारत में टूर्नामेंट की मेजबानी नहीं कर पाने के अलावा हमारे खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने में भी समस्या आएगी. हम दोबारा सरकार से बात करेंगे ताकि हालात इस स्तर तक नहीं पहुंच जायें. 'उन्होंने साथ ही कहा, ‘‘यह ओलिंपिक चार्टर का उल्लघंन है और इससे देश की छवि भी खराब होगी. अगर भारत सरकार 15 से 20 दिन के अंदर यह गारंटी नहीं देती है तो आईओसी से एक और पत्र आ सकता है. ' . पिछले साल भी देश को ऐसे ही विवाद का सामना करना पड़ा था जब महिला विश्व चैम्पियनशिप के दौरान कोसोवो की मुक्केबाज को वीजा नहीं दिया गया था और आईओसी ने शुक्रवार को आईओए को लिखे पत्र में इसका भी जिक्र किया.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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