'भारत को राष्ट्रमंडल खेलों के बायकॉट पर विचार करना चाहिए', जानिए स्टार निशानेबाज Manu Bhaker ने ऐसा क्यों कहा 

पिस्टल निशानेबाज मनु भाकर ने कहा कि भारत के राष्ट्रमंडल खेलों से हटने से कड़ा संकेत जाएगा. 

'भारत को राष्ट्रमंडल खेलों के बायकॉट पर विचार करना चाहिए', जानिए स्टार निशानेबाज Manu Bhaker ने ऐसा क्यों कहा 

कुश्ती और तीरंदाजी में भारत का अच्छा प्रदर्शन रहा है

नई दिल्ली:

पिस्टल निशानेबाज मनु भाकर (Manu Bhaker) ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रमंडल खेलों से निशानेबाजी स्पर्धा को हटाए जाने के विरोध में भारतीय टीम को इन खेलों के बहिष्कार पर विचार करना चाहिए. ऑस्ट्रेलिया में 2026 में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों (Commonwealth Games 2026) से निशानेबाजी के साथ कुश्ती और तीरंदाजी को खेलों की प्रारंभिक सूची से हटाने से भारत को बड़ा झटका लगा है. राष्ट्रमंडल खेलों के पिछले कुछ आयोजनों में भारतीय खिलाड़ियों (Indian Shooting Team) का इन खेलों में शानदार प्रदर्शन किए हैं. भाकर ने कहा कि भारत के राष्ट्रमंडल खेलों से हटने से कड़ा संकेत जाएगा. 

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निशानेबाजी में भारत का 2002 में मैनचेस्टर खेलों से लगातार अच्छा प्रदर्शन रहा है. जबकि राष्ट्रमंडल खेलों के पिछले आयोजन में भारतीय निशानेबाजों ने 16 पदक जीते थे. इस खेल को 2022 में बर्मिंघम और 2026 में विक्टोरिया (ऑस्ट्रेलिया) में होने वाले खेलों की सूची से बाहर रखा गया है.


भाकर ने कहा, "मुझे लगता है कि भारतीय टीम को साहसिक फैसला लेते हुए राष्ट्रमंडल खेलों का बहिष्कार करने पर विचार करना चाहिए. निशानेबाजी को बाहर करना उचित नहीं है. ऐसा लग रहा है कि हमें हल्के में लिया जा रहा है."

युवा ओलंपिक के साथ राष्ट्रमंडल खेलों की इस स्वर्ण पदक विजेता ने कहा, "यह उचित नहीं है. 2022 राष्ट्रमंडल खेलों से भी निशानेबाजी को हटा दिया गया. तब लगा था कि यह एक बार होगा लेकिन ऐसा नहीं है."

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विक्टोरिया राष्ट्रमंडल खेलों 2026 का आयोजन मेलबर्न, जिलॉन्ग, बेंडिगो, बल्लारेट और गिप्सलैंड सहित कई शहरों में होगा. राष्ट्रमंडल खेल महासंघ महासभा ने पिछले साल अक्टूबर में एक नए 'रणनीतिक ढांचे' को मंजूरी दी थी, जिसके तहत 2026 सत्र से सिर्फ एथलेटिक्स और तैराकी ही अनिवार्य खेल होंगे. 

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