दीपिका कुमारी ने तीरंदाजी विश्वकप फाइनल में कांस्य पदक जीता था (फाइल फोटो)
खास बातें
- कहा, इससे तैयारियों में दिक्कत पैदा होगी
- विवाद के कारण कोच तेजा दे चुके हैं इस्तीफा
- टूर्नामेंट से पहले कोच का इंतजाम नहीं कर सका था AAI
कोलकाता: हाल ही में तीरंदाजी विश्वकप फाइनल में बिना कोच के कांस्य पदक जीतने वाली भारत की महिला खिलाड़ी दीपिका कुमारी का कहना है कि टीम को विश्व चैम्पियनशिप के पहले विदेशी कोच की जरूरत नहीं है. यही नहीं, दीपिका ने कहा कि विदेशी कोच होने से उनकी तैयारियों में दिक्कत पैदा होगी. भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) के निर्देश के आधार पर काम करने के दौरान भारतीय तीरंदाजी संघ (AAI) पिछले महीने हुए विश्वकप फाइनल से पहले तीरंदाज अभिषेक वर्मा, ज्योति सुलेखा और दीपिका के लिए कोच का इंतजाम नहीं कर सका था. द्रोणाचार्य अवार्ड को लेकर हुए विवाद के कारण जीवनजोत सिह तेजा ने कोच पद से इस्तीफा दे दिया था.एएआई के इस रवैये से खिलाड़ियों को हताशा हुई थी.
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यहां नेताजी इंडोर स्टेडियम में खेले गए इंडियन ओपन इंडोर आर्चरी टूर्नामेंट के समापन समारोह से इतर दीपिका ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, "मैं इस पर टिप्पणी नहीं कर सकती (विश्वकप फाइनल में कोच न दिए जाने पर). हमें राष्ट्रीय कोच की जरूरत है, लेकिन अभी भारत में हमारे पास ज्यादा कोच नहीं हैं. अच्छे कोच उभरते खिलाड़ियों को तैयार करने में लगे हुए हैं."दीपिका से जब पूछा गया कि क्या विदेशी कोच के आने से समस्या हल हो जाएगी तो महिला तीरंदाज ने कहा, "अगर हम इस समय विदेशी कोच रखते हैं और वह हमें नई चीजें सिखाएंगे तो इससे मदद नहीं मिलेगी."
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उन्होंने कहा, "हमने पहले ही कुछ तय तकनीकों पर काम किया है और आप अचानक से उसे बदल देंगे तो उनमें महारत हासिल करने में तीन-चार साल का समय लग जाएगा. हमें अपनी फॉर्म को बेहतर करने की जरूरत है और साथ ही मानसिक तौर पर मजबूत होने की भी." (इनपुट: एजेंसी)