
Tokyo Olympic 2020 (July 31th): चक्काफेंक खिलाड़ी कमलप्रीत कौर ने ओलिंपिक (Olympic 2020) में भारत के लिये सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन में से एक करते हुए तोक्यो क्वालीफिकेशन दौर में दूसरे स्थान पर रहकर फाइनल में जगह बना ली जबकि अनुभवी सीमा पूनिया चूक गईं. 25 वर्ष की कमलप्रीत ने अपने तीसरे प्रयास में 64 मीटर का थ्रो फेंका जो क्वालीफिकेशन मार्क भी था. क्वालीफिकेशन में शीर्ष रहने वाली अमरीका की वालारी आलमैन के अलावा वह 64 मीटर या अधिक का थ्रो लगाने वाली अकेली खिलाड़ी रहीं. इस स्पर्धा का फाइनल दो अगस्त को होगा. कमलप्रीत पहली ऐसी भारतीय एथलीट हैं, जिन्होंने ओलिंपिक में इस स्पर्धा में फाइनल में जगह बनायी है. फैंस उम्मीद पूनिया से कर रहे थे, लेकिन वह चूक गयीं.
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दोनों पूल में 31 खिलाड़ियों में से 64 मीटर का मार्क पार करने वाले या शीर्ष 12 ने क्वालीफाई किया. कमलप्रीत मौजूदा चैम्पियन क्रोएशिया की सैंड्रा पेरकोविच (63.75 मीटर) और विश्व चैम्पियन क्यूबा की येइमे पेरेज (63.18 मीटर) से आगे रही. पेरकोविच तीसरे और पेरेज सातवें स्थान पर रहीं. सीमा पूनिया पूल ए में 60. 57 के थ्रो के साथ छठे स्थान पर और कुल 16वें स्थान पर रही. आखिरी मौके पर ओलिंपिक में जगह बनाने वाली सीमा अपना व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी नहीं दोहरा सकी. सीमा का पहला प्रयास अवैध रहा. दूसरे प्रयास में उन्होंने 60. 57 और तीसरे में 58 . 93 मीटर का थ्रो फेंका.
कमलप्रीत ने पूल बी में पहले प्रयास में 60.29 , दूसरे में 63 . 97 और आखिर में 64 मीटर का थ्रो फेंका. इस साल शानदार फॉर्म में चल रही कमलप्रीत ने दो बार 65 मीटर का आंकड़ा पार किया. उन्होंने मार्च में फेडरेशन कप में 65 . 06 मीटर का थ्रो फेंककर राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ा. वह 65 मीटर पार करने वाली पहली भारतीय हैं. इसके बाद जून में इंडियन ग्रां प्री 4 में अपना ही राष्ट्रीय रिकॉर्ड बेहतर करते हुए उन्होंने 66 . 59 मीटर का थ्रो फेंका.
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हरियाणा की 38 वर्ष की पूनिया ने 29 जून को पटियाला में राष्ट्रीय अंतर प्रांत चैम्पियनशिप में 63. 72 मीटर के जरिए ओलंपिक के लिये क्वालीफाई किया था. उनका व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 64 . 84 मीटर है, जो उन्होंने 2004 में बनाया था. जकार्ता में 2018 एशियाई खेलों में कांस्य जीतने के बाद वह इसी सत्र में लौटी थीं. उन्होंने अधिकांश अभ्यास रूस और करीबी देशों में किया और अपने निजी कोच अलेक्जेंडर सिनितसिन के साथ आई थी. पूनिया ने 2006 से चारों राष्ट्रमंडल खेलों में तीन रजत और एक कांस्य पदक जीता है. उन्होंने 2014 और 2018 एशियाई खेलों में क्रमश: स्वर्ण और कांस्य जीता था.
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