भारतीय टीम के इस समय दो मैचों में चार अंक हैं (फाइल फोटो)
खास बातें
- दो मैचों के बाद भारतीय हॉकी टीम के हैं 4 अंक
- बेल्जियम के भी 4 अंक लेकिन भारत का गोल औसत बेहतर
- कनाडा के खिलाफ भारतीय टीम को रिकॉर्ड है बेहतर
भुवनेश्वर: दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 5-0 की प्रभावी जीत के साथ शानदार शुरुआत करने वाली भारतीय हॉकी टीम (Indian Hockey team) शनिवार को हॉकी वर्ल्डकप (Hockey world cup 2018) के पूल 'सी' के अपने आखिरी मैच में शनिवार को कनाडा के खिलाफ उतरेगी.भारतीय टीम की कोशिश इस मैच को जीतकर ग्रुप में शीर्ष पर रहते हुए क्वार्टर फाइनल में स्थान पक्का करने की होगी. मनप्रीत सिंह के नेतृत्व वाली भारतीय हॉकी टीम के इस समय दो मैचों के बाद चार अंक हैं. टीम ने अपने पहले मैच में दक्षिण अफ्रीका को 5-0 से हराया था जबकि बेल्ज्यिम के साथ उसका दूसरा मुकाबला 2-2 से बराबर रहा था. दुनिया की पांचवें नंबर की टीम भारत पूल 'सी' में चार अंक लेकर शीर्ष पर है. भारत के ही पूल में मौजूद ओलिंपिक रजत पदक विजेता बेल्जियम के भी चार अंक हैं लेकिन भारत का गोल औसत बेहतर है.
भारतीय टीम ने धमाकेदार जीत के साथ की शुरुआत, दक्षिण अफ्रीका को 5-0 से रौंदा
भारत का गोल औसत +5 है जबकि बेल्जियम का +1 है . कनाडा और दक्षिण अफ्रीका के दो मैचों में एक-एक अंक है लेकिन बेहतर गोल औसत के आधार पर कनाडा तीसरे स्थान पर है. पूल में अभी भी सभी टीमों के लिए दरवाजे खुले हैं लिहाजा मेजबान टीम कोई कोताही नहीं बरतते हुए जीत दर्ज करके सीधे अंतिम आठ में पहुंचना चाहेगी. दूसरे और तीसरे स्थान की टीमें दूसरे पूल की दूसरे और तीसरे नंबर की टीमों से क्रॉसओवर खेलेंगी जिससे क्वार्टर फाइनल के बाकी चार स्थान तय होंगे. रिकॉर्ड और फॉर्म को देखते हुए भारत का पलड़ा भारी लग रहा है लेकिन गुरुवार को दुनिया की 20वें नंबर की टीम फ्रांस ने ओलिंपिक चैम्पियन अर्जेंटीना को पूल 'ए' के मुकाबले में हरा दिया. ऐसे में कहा जा सकता है कि आधुनिक हॉकी में कुछ भी संभव है.
वीडियो: भारतीय हॉकी टीम के कोच हरेंद्र सिंह से खास बातचीत
भारतीय टीम रियो ओलिंपिक 2016 का पूल मैच नहीं भूली होगी जिसमें कनाडा ने पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए उससे ड्रॉ खेला था. इसके अलावा लंदन में पिछले साल हॉकी विश्व लीग के सेमीफाइनल में कनाडा ने भारत को 3-2 से हराकर पांचवां स्थान हासिल किया था. कनाडा के खिलाफ भारत ने 2013 से अब तक पांच मैच खेले हैं, तीन जीते, एक हारा और एक ड्रा रहा है. कनाडा ने वैसे पहले मैच में बेल्जियम को जीत के लिए नाकों चने चबवा दिये थे. भारतीय फारवर्ड पंक्ति मनदीप सिंह, सिमरनजीत सिंह, आकाशदीप सिंह और ललित उपाध्याय पर अच्छे प्रदर्शन का दबाव होगा . कप्तान मनप्रीत सिंह की अगुवाई में भारतीय मिडफील्ड ने अभी तक अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन डिफेंस को अधिक चौकस होने की जरूरत है. आखिरी क्षणों में गोल गंवाने की आदत से भी भारत को पार पाना होगा. बेल्जियम के खिलाफ आखिरी चार मिनट में गोल गंवाने के कारण भारत को ड्रॉ खेलने पर मजबूर होना पड़ा. चोट के बाद वापसी करने वाले पीआर श्रीजेश पुराने फॉर्म में नहीं लग रहे हैं. भारतीय कोच हरेंद्र सिंह ने कहा,‘पिछली नाकामियां सबक होती है जिससे हम वर्तमान को बेहतर बनाते हैं. कनाडा के खिलाफ मैच से पूल में हमारा भाग्य तय होगा. मैं हॉकी विश्व लीग सेमीफाइनल या रियो ओलिंपिक के बारे में नहीं सोच रहा.'उन्होंने कहा,‘कनाडा के सामने हमें मौकों के लिये इंतजार करना होगा. हम आक्रामक हॉकी ही खेलेंगे जो हमारी आदत बन चुकी है. इसमें कोई बदलाव नहीं होगा.'पूल सी के एक अन्य मैच में बेल्जियम का सामना दक्षिण अफ्रीका से होगा. (इनपुट: भाषा)