ओजिल में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि मेरी तुर्की के राष्ट्रपति के साथ मुलाकात पर राजनीति नहीं होनी चाहिए
खास बातें
- तुर्की मूल के फुटबॉलर हैं मेसुत ओजिल, जर्मनी की ओर से खेले
- जर्मनी के वर्ल्डकप से बाहर होने के बाद हुई थी आलोचना
- कहा, जर्मन फुटबॉल संघ के बर्ताव से नस्लवाद की बू आती हैं
बर्लिन: स्टार फुटबॉलर मेसुत ओजिल ने जर्मनी की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम का साथ छोड़ने का फैसला किया है. तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तायिप एर्डोगन के साथ तस्वीर खिंचवाने को लेकर ओजिल को काफी आलोचना का शिकार होना पड़ा था. इन आलोचनाओं से व्यथित होकर उन्होंने न केवल जर्मनी की राष्ट्रीय फुटबाल टीम की ओर से न खेलने का फैसला किया बल्कि इंटरनेशनल फुटबॉल से संन्यास भी ले लिया. ट्विटर पर सिलसिलेवार बयान में आर्सनल के इस स्टार ने इंटरनेशनल फुटबॉल को अलविदा कहने का ऐलान किया.
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उन्होंने जर्मन फुटबॉल महासंघ , उसके अध्यक्ष, प्रशंसकों और मीडिया की आलोचना करते हुए कहा कि तुर्की मूल के लोगों से उनके बर्ताव में दोहरे मानदंड और नस्लवाद की बू आती है. एर्डोगन , ओजिल और मैनचेस्टर युनाइटेड के गुंडोगन की दो महीने पहले लंदन में हुई मुलाकात के बाद तस्वीर वायरल हुई थी जिससे जर्मनी में हंगामा मच गया था. जर्मनी के कुछ राजनेताओं ने ओजिल और गुंडोगन की जर्मनी के प्रति वफादारी पर संदेह जताया था. उन्होंने यह तक कहा था कि वर्ल्डकप के लिये इन्हें टीम में नहीं रखा जाना चाहिए.
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मामले में अपना पक्ष रखते हुए ओजिल ने कहा,‘इस फोटो के पीछे कोई राजनीतिक मंशा नहीं थी. मैं अपने परिवार के देश के शीर्ष नेता के प्रति सम्मान व्यक्त कर रहा था.’तुर्की मूल के इस खिलाड़ी ने अपने बचाव में कहा था कि मेरे दो दिल हैं. एक जर्मन और एक तुर्किश. 29 वर्ष के इस खिलाड़ी ने कहा कि दूसरे कई लोगों की तरह मेरी वंशावली एक से अधिक देशों से जुड़ी है. मैं जर्मनी में पला-बढ़ा हूं जबकि मेरे परिवार की पृष्ठभूमि तुर्की से है. उन्होंने कहा कि मेरा काम फुटबॉल खेलना है, मैं राजनेता नहीं हूं इस कारण मेरी तुर्की के राष्ट्रपति के साथ मुलाकात पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. हालांकि ओजिल की इस सफाई को जर्मनी के ज्यादातर लोगों ने महत्व नहीं दिया. जर्मनी के पूर्व कप्तान और महान फुटबॉलर रहे लोथार मथायस ने तो यह तक कह दिया कि ओजिल जर्मन टीम की जर्सी पहनकर खेलते हुए कभी भी सहज नहीं रहे.(इनपुट: एजेंसी)