FRA vs URU: उरुग्वे को 2-0 से हराकर फ्रांस सेमीफाइनल में

FRA vs URU: उरुग्वे को 2-0 से हराकर फ्रांस सेमीफाइनल में

गोल दागने के बाद जश्न मनाते फ्रांस के खिलाड़ी

खास बातें

  • वेराने ने 40वें मिनट में किया पहला गोल
  • ग्रेजमैन ने 60वें मिनट में स्कोर 2-0 किया
  • ग्रेजमैन की दोनों गोलों में भूमिका, बने मैन ऑफ द मैच
निझनी नोवोगोरोड (रूस):

रूस में खेले जा रहे 21वें फीफा विश्व कप के पहले क्वार्टरफाइनल में पूर्व चैंपियन फ्रांस, उरुग्वे को 2-0 से हराकर प्रतियोगिता के सेमीफाइनल में पहुंचने वाली पहली टीम बन गया है. हाफ टाइम तक यह बढ़त 1-0 की की थी, जिसे खेल के 61वें मिनट में ए. ग्रेजमैन ने 2-0 कर दिया है. फ्रांस के लिए यह गोल खेल के 40वें मिनट में आर वैराने ने ए ग्रेजमैन के भेजे पास पर बहुत ही खूबसूरत हेडर से किया. वैराने ने बिजली जैसी तेजी से हेडर जड़ कोण बनाते हुए गेंद को ऐसे गोलपोस्ट में डाला कि उरुग्वे के डिफेंडर बस देखते ही रह गए. ए. ग्रेजमैन को ही मैन ऑफ द मैच चुना गया. 

ए. ग्रेजमैन ने फ्रांस के लिए किए गए दोनों गोलों में अहम भूमिका निभाई. उरुग्वे की टीम फ्रांस के मुकाबले पचास फीसद ही मुकाबले में दिखाई नहीं पड़ी. तय 90 मिनट तक यही स्कोर रहा. और इसके बाद पांच मिनट के इंजुरी टाइम में भी उरुग्वे कोई गोल दागने में नाकाम रहा. और उसके पिछले लागातर चार मैचों की जीत का शानदार सिलसिला क्वार्टरफाइनल में दुखद अंत के साथ खत्म हो गया.  

ग्रेजमैन ने पहले गोल में एक बेहतरीन पास दिया, तो दूसरे हाफ में उन्होंने शानदार किक से उरुग्वे गोलची को जोर का झटका देते हुए स्कोर को 2-0 कर दिया. इससे पहले फ्रांस की टीम ने शुरुआत से ही बहुत ही आक्रामक फुटबॉल खेली और कई हमले किए. लेकिन फ्रांसिसी खिलाड़ी 40वें मिनट से पहले तक गोल करने में नाकाम रहे थे. लेकिन हाफ टाइम से कुछ देर पहले ही वैराने ने फ्रांस को फ्रंटफुट पर ला खड़ा किया. पहले हाफ में फ्रांस के दबदबे का स्तर यह था कि करीब 70 प्रतिशत गेंद पर उसके खिलाड़ियों का कब्जा रहा.  


शुरुआती मिनटों की बात करें, तो फ्रांस और उरुग्वे की टीमें ज्यादा मौके नहीं बना पाईं और जो मौके बने, वो भी ज्यादा करीबी नहीं थे. हालांकि, फ्रांस लगातार हमले करता रहा और उसने उरुग्वे के डिफेंस को ज्यादा आजमाया. फ्रांस के खिलाड़ी उरुग्वे के घेरे में जाने की कोशिशें कर रहे थे, लेकिन डिएगो गोडिन के नेतृत्व वाला डिफेंस दीवार की तरह खड़ा थो जो मौकों को फिनिश नहीं होने दे रहा था. खेल के 15वें मिनट में फ्रांस के कीलियन एमबापे ने गोल के सामने से गेंद को नेट में डालने का मौका गंवा दिया. 35वें मिनट में भी फ्रांस के पास मौका था और इस बार उसके लिए अच्छी बात यह थी कि उरुग्वे के खिलाड़ी पेनल्टी एरिया में ज्यादा करीब नहीं थे पॉल पोग्बा ने बाएं तरफ से गेंद को पेनल्टी एरिया में डाला लेकिन एंटोनी ग्रीजमैन और ओलिविएर जिरोड वहां गेंद को लेने के लिए मौजूद नहीं थे.

आखिरकार 40वें मिनट में डिफेंडर राफेल वारने ने उरुग्वे के डिफेंस को चालाकी से भेद दिया. इस मिनट में फ्रांस को फ्री किक मिली जिसे ग्रीजमैन ने बॉक्स में डालाय वराने ने उरुग्वे के डिफेंडरों के सामने से आकर हेडर के जरिए गेंद को नेट में डाल फ्रांस को 1-0 से आगे कर दिया. इसके बाद बराबरी का मौका उरुग्वे को भी मिला था. 44वें मिनट में उरुग्वे के हिस्से कॉर्नर आया. टोरेरिया की किक पर काकेरस ने हेडर लगाया, लेकिन, फ्रांस के गोलकीपर ह्यूगो लोरिस ने डाइव मार उरुग्वे से यह मौका छीन लिया.

उरुग्वे की टीम गोल करने की कोशिश में लगी थी. इसी बीच उरुग्वे के गोलकीपर फर्नाडो मुसलेरा की गलती ने फ्रांस को दूसरा गोल दिया. ग्रीजमैन ने बॉक्स के बाहर से शॉट लिया जो सीधा मुसलेरा के हाथों में गया लेकिन उनके हाथ झटक गए और गेंद नेट में चली गई और इसी के साथ 61वें मिनट में 1998 की विजेता 2-0 से आगे हो गई. फ्रांस के लिए अब जरूरी था कि वह समय निकाले और गेंद को अपने पास ज्यादा रखे। आखिरी के 10 मिनट फ्रांस ने यही किया। उसने अपने डिफेंस को और मजबूत करते हुए उरुग्वे को एक भी गोल नहीं करने दिया.

वहीं, उरुग्वे को अपने स्टार खिलाड़ी कवानी की भी बहुत ज्यादा कमी खली, जो चोट के कारण इस अहम मुकाबले का हिस्सा नहीं बन सके. और उनकी उनुपस्थिति का साफ असर उरुग्वे खिलाड़ियों की शारीरिक भाषा पर साफ तौर पर दिखाई पड़ा. 

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फ्रांस के सामने उरुग्वे की टीम बिल्कुल भी मुकाबले में दिखाई नहीं पड़ी. अपने सितारा खिलाड़ी कवानी की अनुपस्थिति में उरुग्वे की टीम फ्रांस के सामने छिप कर रह गई. फ्रांस का खेल उच्च स्तर का रहा. और इस टीम ने दिखाया कि वह अंतिम चार में पहुंचने की सच्ची हकदार है.