
रूस में खेले जा रहे 21वें फीफा विश्व कप का ग्रुप राउंड खत्म हो गया है. बहुत ही शानदार फुटबॉल खेली गई, कुछ रिकॉर्ड भी बने. वहीं, मौजूदा विश्व चैंपियन जर्मनी टीम का ग्रुप स्टेज में न पहुंच पाना बहुत ही चौंकाने वाला रहा. बहरहाल, हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस टीम का डिफेंस अभी तक सबसे मजबूत साबित हुआ है. साथ ही हम यह भी बताएंगे कि कौन सी टीम सबसे कम आक्रामक साबित हुईं.
#POL earn their first points, but #JPN squeeze into knock-out phase. #JPNPOL pic.twitter.com/ZU0pCSxelt
— FIFA World Cup (@FIFAWorldCup) June 28, 2018
आपको बता दें कि ग्रुप स्टेज तक 13 टीमें ऐसी रहीं, जो सबसे कम गोल कर पाईं. ये टीमें सऊदी अरबिया, मिस्र, ईरान, मोरक्को, डेनमार्क, पेरू, ऑस्ट्रेलिया, आइसलैड, सर्बिया, कोस्टा रिका, जर्मनी, पनामा और पोलैंड रहीं. यहां हम आक्रामकता का पैमाना गेंद का अपने कब्जे में होना नहीं, बल्कि इस बात को मान कर चल रहे हैं कि इन टीमों ने कितने गोल किए. गोल करने के पैमाने पर ये 13 टीमें सबसे कम आक्रमक साबित हुईं. ये टीमें प्रतिद्वंद्वी टीम पर सिर्फ दो-दो गोल ही कर सकीं.
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अब बात कर लेते हैं कि किस टीम ने ग्रुप स्टेज में सबसे कम गोल अपने ऊपर खाए. इस लिहाज से फ्रांस, डेनमार्क, क्रोएशिया और ब्राजील एक ही कैटिगिरी में आती हैं. इन चारों टीमों का डिफेंस संयुक्त रूप से दूसरे नंबर पर रहा. इन चारों टीमों के खिलाफ सामने वाली टीम सिर्फ एक-एक ही गोल कर सकी, लेकिन यहां एक टीम ऐसी भी रही, डिसने अपने डिफेंस से साबित किया कि उसका दुनिया में कोई मुकाबला नहीं है. और जब भी विरोधी टीम का कोई खिलाड़ी गोलपोस्ट की तरफ बढ़ता है, तो इसके रक्षक मानो किसी चट्टान में तब्दील हो जाते हैं.
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ग्रुप स्टेज तक उरुग्वे इकलौती ऐसी टीम रही, जिसके खिलाफ कोई भी टीम एक भी गोल नहीं कर सकी. और यह बताता है कि अभी तक सभी टीमों में दुनिया का सबसे बेहतरीन डिफेंस उरुग्वे का है. देखते हैं कि नॉकआउट राउंड में क्या होता है.
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