बेल्जिम के कप्तान और गोल्डेन बॉल अवार्ड से नवाजे गए लुका मोड्रिक
खास बातें
- बेल्जियम को नहीं मिला भाग्य का साथ
- ये तीन टीम एक भी मैच नहीं हारीं
- सबसे ज्यादा गोल खाए पनामा ने
नई दिल्ली: रूस में रविवार को खेले गए फाइनल (मैच रिपोर्ट) में फ्रांस की खिताबी जीत के बाद मानो पिछले एक महीने से चले आ रहे 64 मैचों के तूफान के बाद खामोशी सी छा गई, लेकिन फुटबॉलप्रेमियों के बीच टूर्नामेंट को लेकर, इसमें बने कई रिकॉर्डों, नए सितारे जैसों एमबापी को लेकर अभी भी चर्चा चल रही है. वास्तव में कई best of World cup 2018 के तहत कई पहलुओं की चर्चा हो रही है. यह चर्जा अभी यहीं खत्म होने जा रही है. भारत में युवा हो रहे बच्चों को इस विश्व कप ने खेल के प्रति प्यार पनपाने में बहुत मदद की है. बहरहाल, हम आपके लिए best of World cup 2018 के तहत कुछ खास बातें आपके लिए लेकर आए हैं, जो आपको कहीं और पढ़ने को नहीं ही मिलेंगी. चलिए बारी-बारी से नजर दौड़ाइए इन खास बातों पर.
-रिकॉर्डप्रेमी प्रशंसकों सहित सभी को बता दें कि टूर्नामेंट में कुल मिलाकर 169 गोल हुए. इसमें फाइनल के क्रोएशिया के पहले गोल को मिलाकर कुल 12 आत्मघाती गोल हुए. अभी तक पहले किसी टूर्नामेंट में इतने आत्मघाती गोल नहीं ही हुए. प्रति मैच गोल का औसत 2.6 रहा.
- वहीं टूर्नामेंट टीमों को कुल 28 पेनल्टी मिलीं, जिनमें से 21 किक गोल में तब्दील हुईं. और आठ किक पर खिलाड़ी चूक गए. इसमें फुटबॉलप्रेमी अर्जेंटीना के लियोनेल मेसी के फ्री-किक के ना भुना पाने की अभी भी चर्चा करते हैं.
- टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा गोल बेल्जियम ने किए, जो दुर्भाग्यशाली रही और जिसका सफर सेमीफाइनल में ही खत्म हो गया. बेल्जियम ने 16 गोल तो किए ही, साथ ही सबसे ज्यादा 6 जीत भी उसी के खाते में आईं. वहीं सबसे ज्यादा गोल 11 गोल पनामा ने खाए.
- सबसे ज्यादा हार मिस्र, पनामा और इंग्लैंड के हिस्से में आईं. इन तीनों ही टीमों ने तीन-तीन ही मैच गंवाए
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- टूर्नामेंट में तीन टीमें ऐसी भी रहीं, जिन्होंने एक भी मैच नहीं गंवाया, ये टीमें डेनमार्क, फ्रांस, स्पेन रहीं
- टूर्नामेंट के 64 मैचों में 219 येलो, तो सिर्फ 4 रेड कार्ड दिखाए गए. इसके अलावा 49,651 पास खिलाड़ियों द्वारा दिए गए.
- टूर्नामेंट में सभी मैचों की दर्शक सख्या, 29,53,757 रही
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बेल्जियम को इस बात का मलाल रहेगा कि सबसे ज्यादा गोल करने और जीत होने के बावजूद वह खिताब अपने नाम नहीं कर सका. यह आंकड़ा बताता है कि यह प्रदर्शन भी खिताब जीतने की गारंटी नहीं है. मैच दर मैच आगे बढ़ने के साथ ही महत्व इस बात का है कि दिन विशेष पर आप कैसा प्रदर्शन करते हैं. और 10 जुलाई को फ्रांस के खिलाफ खेले गए सेमीफाइनल में भाग्य उसके साथ नहीं था.