
पिछले दिनों टी20 विश्व कप (T20 World Cup 2024) जीतकर करोड़ों भारतीयों को जश्न में डुबो देनने वाली भारतीय टीम ने शनिवार को तब बड़ा झटका दिया, जब हरारे में शुरू हुई पांच मैचों की टी20 सीरीज के पहले मुकाबले में मेजबान जिंबाब्वे ने उसे 13 रन से हराकर सभी को हैरान कर दिया, तो वहीं इस जीत के बाद दर्शकदीर्घा में जमा हजारों स्थानीय फैंस और खिलाड़ियों की खुशी देखने लायक थी. जाहिर है कि विश्व चैंपियन टीम को हराना इस टीम के लिए विश्व कप जीतने से कम नहीं है. मैच के बाद प्लेयर ऑफ द मैच सिकंदर रजा ने कहा कि भारत को हराकर मैं और हमारे खिलाड़ी बहुत ही खुश हैं. हमें एक समय में एक मैच के बारे में सोचने की जरुरत है. हमारा काम अभी खत्म नहीं हुआ है और सीरीज खत्म नहीं हुई है. जीत के बावूजद पूरी तरह से अपनी बातों में सतर्क रजा ने कहा कि विश्व चैंपियन एक विश्व चैंपियन की तरह ही खेलते हैं. ऐसे में हमें अगले मैच के लिए तैयार रहने की जरुरत है.
सिकंदर रजा ने संक्षिप्त छोटी पारी खेलते हुए अहम विकेट चटकाए. और इस ऑलराउंडर प्रदर्शन के साथ वह प्लेयर ऑफ द मैच बने

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पिच को लेकर किए सवाल पर रजा बोले कि यह ऐसी पिच नहीं है, जहां आप 115 रन पर आउट हो सकते हैं. इसके लिए दोनों ही टीमों के गेंदबाज श्रेय के हकदार हैं. यह साफ संकेत है कि हमें अपनी बल्लेबाजी में सुधार करने की जरुरत है. उन्होंने कहा कि जब तक हम अपने फैंस और ड्रेसिंग रूम के प्रति ईमानदार हैं, तब तक मैं परिणाम की परवाह नहीं करता. हमारे पास अपनी रणनीति थी. हम इससे जड़ रहे और हमने अपने खिलाड़ियों का पूरी तरह समर्थन किया. हमारी कैचिंग और फील्डिंग बहुत ही शानदार थी, लेकिन हमने कुछ गलतियां कीं. यह दिखाता है कि हमें कहां सुधार करने की जरुरत है. हम जानते थे कि मैदान पर जमा दर्शक हमें ऊर्जा प्रदान करेंगे और ऐसे चाहने वालों को जीत का श्रेय जाता है.
इस मैच में भारत ने तीन खिलाड़ियों को डेब्यू कराया. डेब्यू करने वाले अभिषेक शर्मा (शून्य) खाता भी नहीं खोल सके और पारी के पहले ही ओवर में ब्रायन बेनेट की गेंद पर डीप स्क्वायर लेग पर वेलिंगटन मास्काद्जा को कैच देकर आउट हुए. ऋतुराज गायकवाड (07) ने नौ गेंद खेलकर एक चौका ही लगाया था कि ब्लेसिंग मुजारबानी की गुडलेंथ गेंद उनके बल्ले के किनारे से लगकर इनोसेंट काइया के हाथों में समां गयी. चतारा ने रियान पराग (02) और रिंकू सिंह (शून्य) दोनों को पांचवें ओवर में आउट किया जिससे भारतीय टीम का स्कोर चार विकेट पर 22 रन हो गया.
कप्तान शुभमन गिल (31 रन) एक छोर पर डटे थे और दूसरे छोर पर लगातार विकेट गिरते देख रहे थे. विकेटकीपर बल्लेबाज ध्रुव जुरेल (06) के 10वें और कप्तान गिल के 11वें ओवर में आउट होते ही पूरे ओवर तक टिकने की उम्मीद भी खत्म हो गई. पर आवेश खान (16 रन) और वाशिंगटन सुंदर (27 रन) ने आठवें विकेट के लिए 23 रन जोड़कर भारत को 84 रन तक पहुंचाया. अंतिम ओवर में भारत को 16 रन चाहिए थे और एक विकेट बाकी था जिसके गिरते ही पारी खत्म हो गई.

इससे पहले बिश्नोई (13 रन देकर चार विकेट) को ऑफ स्पिनर वाशिंगटन (11 रन देकर दो विकेट) का अच्छा साथ मिला जिससे जिम्बाब्वे की टीम बल्लेबाजी का न्योता मिलने के बाद उछाल भरी पिच पर कोई मजबूत साझेदारी करने में जूझती नजर आयी. जिम्बाब्वे ने हालांकि तेज शुरुआत की और पावरप्ले में उसने दो विकेट पर 40 रन बना लिये थे. इनोसेंट काइया के मुकेश कुमार की गेंद पर आउट होने के बाद वेस्ली मधेवेरे (21 रन) और ब्रायन बेनेट (22 रन) ने तेजी से 34 रन जोड़े.
इन दोनों ने बायें हाथ के तेज गेंदबाज खलील अहमद पर पांचवें ओवर में 17 रन जुटाये। बेनेट ने इसमें लगातार दो चौके जड़े जिससे ऐसा लग रहा था कि जिम्बाब्वे शुरूआती झटके से उबर रहा है. पर छठे ओवर में बिश्नोई ने बेनेट को अपनी गुगली पर आउट कर जिम्बाब्वे की पारी का रुख ही बदल दिया. फिर जिम्बाब्वे के तीन और बल्लेबाज पवेलियन लौट गये जिसमें मधेवेरे के अलावा ब्लेसिंग मुजारबानी और ल्यूक जोंगवे शामिल थे. कप्तान सिकंदर रजा (17 रन) के संयम से टीम ने संभलने की कोशिश की लेकिन लय खोने के कारण 41 रन पर छह विकेट गंवा बैठी.

टीम में हड़बड़ाट साफ दिख रही थी. जिम्बाब्वे के पूर्व कप्तान एलिस्टेयर कैंपबेल के बेटे जोनाथन कैंपबेल (शून्य) आवेश खान की गेंद को कवर्स की ओर भेजकर एक रन लेना चाहते थे और उनके साथी डियोन मायर्स भी तैयार थे. लेकिन कैंपबेल अचानक मन बदलकर रूक गये और रन आउट हो गये. अब जिम्बाब्वे की उम्मीदें कप्तान रजा पर लगी थीं, उन्होंने आवेश पर सिर के ऊपर से छक्का जड़कर उम्मीद जगाई. पर आवेश ने अतिरिक्त उछाल का पूरा फायदा उठाते हुए रजा को जल्द ही आउट कर दिया. रजा गेंद को सही तरह से टाइम नहीं कर सके और गेंद डीप में बिश्नोई के हाथों में पहुंच गयी.
वाशिंगटन ने लगातार दो गेंदों पर दो विकेट झटके. उन्होंने मायर्स (23 रन) और वेलिंगटन मास्काद्जा (शून्य) को पवेलियन भेजा. तमिलनाडु के इस गेंदबाज ने इस तरह टी20 में अपने 100 विकेट भी पूरे किये. क्लाइव मदांडे के नाबाद 29 रन की बदौलत जिम्बाब्वे 100 रन का आंकड़ा पार कर पायी.
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