
NZ vs ENG: इंटरनेशनल क्रिकेट परिषद (ICC) ने शनिवार को इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच हुए वर्ल्डकप 2019 (World Cup 2019) के फाइनल मुकाबले में ओवरथ्रो पर छह रन दिए जाने के लिए अंपायर कुमार धर्मसेना (Kumar Dharmasena) और माराइस इरासमस (Marais Erasmus) का बचाव किया है. ICC के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि ओवरथ्रो पर निर्णय लेते वक्त निश्चित रूप से सही प्रक्रिया का पालन किया गया था. फाइनल मैच में इंग्लैंड (England Cricket team) को अंतिम तीन गेंदों पर नौ रनों की दरकार थी. क्रीज पर जमे बेन स्टोक्स (Ben Stokes) ने चौथी गेंद पर शानदार शॉट लगाया लेकिन गेंद बाउंड्री पर न जाकर मैदान में लेग साइड पर खड़े मार्टिन गप्टिल (Martin Guptill) के पास चली गई. गुप्टिल ने जोरदार तरीके से गेंद फेंकी लेकिन वह स्टोक्स के बल्ले से टकराकर दूसरी ओर चार रन के लिए चली गई. इस दौरान दोनों बल्लेबाज दो रन ले चुके थे. चार बाउंड्री और दो विकेट के बीच दौड़ने के लिए इंग्लैंड को कुल छह रन दिए गए. इसके बाद दो गेंद पर मेजबान को तीन रन की जरूरत थी जो उसने आसानी से बना लिए और मैच टाई हो गया.
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Kumar Dharmasena "There were too many things on our plate. We had to watch the batsmen complete the 1st run, ball being fielded, whether the batsmen completed the 2nd run & where the throw would come from. We were all happy that the batsmen had completed the 2nd run" #CWCFinal19 pic.twitter.com/4rwgzDKKdT
— Saj Sadiq (@Saj_PakPassion) July 21, 2019
मैच के बाद पूर्व अंपायर साइमन टफेल (Simon Taufel) सहित दूसरे अन्य विशेषज्ञों ने अंपायर धर्मसेना (Kumar Dharmasena) के इस फैसला पर सवाल उठाए थे और कहा था कि इंग्लैंड को छः नहीं पांच रन दिए जाने चाहिए थे क्योंकि बॉल फेंके जाने तक दोनों खिलाड़ी क्रीज पर ही थे. हालांकि वर्ल्डकप समाप्त होने के दो सप्ताह बाद ICC अपने अंपायरों के समर्थन में आई और उनके फैसले का बचाव किया. इस संबंध में ICC के महाप्रबंधक ज्यॉफ एलार्डिस ने कहा, 'उन्हें उस दिन एक निर्णय लेना था कि क्या बल्लेबाज़ ने क्रीज को बॉल फेंके जाने के बाद पार किया गया था.' उन्होंने कहा, 'गेंद फेंके जाने के दौरान जो कुछ भी हुआ उसके बाद वे कॉम्ब्स सिस्टम से जुड़ गए और अपना फैसला किया. निर्णय लेते समय उन्होंने निश्चित रूप से सही प्रक्रिया का पालन किया.
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उन्होंने कहा, 'उन्हें उस समय कानून के बारे में पता था. खेलने की स्थिति उन्हें तीसरे अंपायर को इस तरह के निर्णय का उल्लेख करने की अनुमति नहीं देती है. मैच रेफरी हस्तक्षेप नहीं कर सकता है जब मैदान पर अंपायरों को उस तरह से एक निर्णय करना पड़ता है.' इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि बल्लेबाजों ने अपने दूसरे रन के लिए गुप्टिल द्वारा बॉल फेंके से पहले क्रीज को पार नहीं किया था तो ऐसे में दूसरे रन को नहीं गिना जाना चाहिए था. अगर अंपायरों ने क्लॉज को ठीक से लागू किया होता तो इंग्लैंड को तीन की बजाय आखिरी दो गेंदों पर चार रनों की जरूरत होती. इस बीच कुमार धर्मसेना (Kumar Dharmasena) ने स्वीकार किया था कि हड़बड़ी से छह रन देने में एक निर्णायक त्रुटि हुई थी. लेकिन इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि वह अपने इस निर्णय पर कभी पछतावा नहीं करेंगे.'
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