इंग्लैंड रवाना होने से पहले युजवेंद्र चहल साथी खिलाड़ियों के साथ
नयी दिल्ली: ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने भारत के खिलाफ पिछली एकदिनी सीरीज में स्पिनरो के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाया लेकिन युजवेंद्र चहल को लगता है कि उस सीरीज पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत नहीं है. न्यूजीलैंड में अच्छे प्रदर्शन के बाद चहल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिर्फ एक ही मैच खेल सके थे. खराब क्षेत्ररक्षण के कारण किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया और फिर एश्टोन टर्नर ने उनके खिलाफ बड़े शाट लगाए. वहीं, युजवेंद्र चहल ने यह भी साफ कर दिया कि वह वर्ल्ड कप (World Cup 2019) इंग्लैंड की पिचों को लेकर बिल्कुल भी चिंतित नहीं है, जिनके बारे में कहा जा रहा है कि वे बल्लेबाजों के अनुकूल साबित होंगी.
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चहल ने इंग्लैंड जाने से पहले कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि हमें ऑस्ट्रेलिया सीरीज को लेकर बहुत अधिक चिंता करने की आवश्यकता है. हमने उनके खिलाफ काफी मैच खेले हैं. जाहिर है, आप हर मैच को नहीं जीत सकते. जिस तरह से ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने हमारे खिलाफ खेला, वे जीत के हकदार थे. हमें उनकी तारीफ करनी चाहिए और अगली बार जब हम उनका सामना करेंगे तो अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश करेंगे' ध्यान दिला दें कि भारतीय टीम ने इस सीरीज को 3-2 से गंवा दिया था लेकिन टीम के लिए चिंता की बात ये रही कि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने कुलदीप और चहल की गेंदबाजी को अच्छे से पढ़ रहे थे. इसके बाद टीम प्रबंधन दोनों को एक साथ खिलाने से परहेज कर रहा था। चहल की जगह रविन्द्र जडेजा को मौका दिया गया था.
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चहल से जब पूछा गया कि क्या पिछले कुछ महीने पहले 18 महीने से अलग थे तो उन्होंने सकारात्मक तरीके से जवाब दिया. उन्होंने कहा,‘पिछले छह महीने में जब मैं या कुलदीप अंतिम 11 में शामिल रहे और इस दौरान मुझे ज्यादा बदलाव नजर नहीं आता है. मुझे लगता है ज्यादातर मौके पर हम दोनों से साथ गेंदबाजी की. यह टीम संयोजन पर निर्भर करता है और उस परिस्थिति में क्या जरूरी है.' इंग्लैंड की सपाट पिचें गेंदबाजों के लिए किसी बुरे सपने की तरह हो सकती है लेकिन हरियाणा के 28 साल का यह लेग स्पिनर इससे ज्यादा परेशान नहीं है.
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उन्होंने कहा, ‘मैं इस बात को लेकर बिल्कुल भी चिंतित नहीं हूं कि इंग्लैंड में पिचें सपाट होगी क्योंकि मैं ऐसी पिचों पर खेलने का आदी हूं. यह मत भूलिए की मैं साल में ज्यादातर मैच चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेलता हूं जो बल्लेबाजी के लिए सबसे अच्छी पिचों में से एक है.'एकदिनी में 41 मैचों में 72 विकेट लेने वाले इस गेंदबाज ने कहा, ‘जब हम सपाट पिचों की बात करते है तो एक गेंदबाज के तौर पर अगर मैं दबाव में रहूंगा तो विपक्षी टीम का गेंदबाज भी इतने ही दबाव में रहेगा.' चहल की सबसे बड़ी ताकत निडर होकर गेंदबाजी करना है जिससे आंद्रे रसेल और डेविड वार्नर जैसे बल्लेबाजों के खिलाफ उन्हें इस मानसिकता से फायदा होता है.
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चहल ने कहा, ‘दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों के खिलाफ आप रक्षात्मक नीति नहीं अपना सकते. जब आप रसेल और वॉर्नर जैसे बल्लेबाजों के खिलाफ गेंदबाजी करते है तो आप उन्हें रोकने के बारे में नहीं सोचते है. वे ऐसे खिलाड़ी है जिसके खिलाफ आपको आक्रामक होना होगा और हर गेंद विकेट लेने के लिए करना होगा, मैं उनके खिलाफ हर बार सर्वश्रेष्ठ गेंद फेंकने की कोशिश करता हूं'