
क्रिकेट में कुछ बातें ऐसी होती हैं, जिन्हें भले ही रिकॉर्डबुक में जगह न मिलती हो, लेकिन वे हमेशा और हमेशा के लिए यादगार बन जाती हैं. मोहम्मद अजहरुद्दीन की कप्तानी में साल 1990 में इंग्लैंड दौरे में कुछ ऐसा हुआ, जो हमेशा के लिए यादगार बन गया और आज भी इसकी जोर-शोर से चर्चा होती है. और यह मामला जुड़ा है पूर्व कप्तान कपिल देव (#KapilDev) से. कपिल देव (#KapilDev) ने इस टेस्ट में वह कर दिखाया, जो पहले भारतीय क्रिकेट में कभी नहीं हुआ और कपिल का यह कारनामा अभी भी बरकरार है.
दरअसल यह लॉर्ड्स में खेला गया पहला टेस्ट था. भारत ने टॉस जीतकर पहले इंग्लैंड को बल्ला थमाया. ग्राहम गूच ने 333 रन बनाए. एलन लैंब और रॉबिन स्मिथ ने शतक जड़े और इंग्लैंड ने 4 विकेट पर 653 रन बनाकर पारी घोषित कर दी. भारतीय पारी में रवि शास्त्री और अजहरुद्दीन ने शतक जड़े, लेकिन जब संजीव शर्मा के रूप में 430 पर नौवां विकेट गिरा, तो टीम इंडिया डर गई. एक छोर पर जमकर खेल रहे कपिल देव भी डर गए. वजह यह थी कि भारत को फॉलोऑन बचाने के लिए 24 रन की दरकार थी. फॉलोऑन बचाने के लिए 454 रन बनाने थे. यहं कपिल को डर के साथ यह पूरा भरोसा भी था कि आखिरी बल्लेबाज नरेंद्र हिरवानी खाता भी नहीं खोल पाएंगे.
ऐसे में जब ऑफ स्पिनर एंडी हैमिंग्स जब 114वां ओवर लेकर आए, तो कपिल देव ने बड़ा निर्णय लिया. कपिल ने हैमिंग्स के इस ओवर में लगातार चार गेंदों पर छक्के जड़ डाले. फॉलोऑन बच गया, लेकिन कपिल देव का डर एकदम सही साबित हुआ. एगेंस फ्रेजर के फेंके गए 115वें ओवर की पहली ही गेंद पर नरेंद्र हिरवानी बोल्ड हो गए. अब आप समझ सकते हैं कि कपिल देव लगातार चार छक्के नहीं जड़ते, तो फिर क्या होता...
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