वकार यूनुस की खरी-खरी, 'शीर्ष समय निकलने के बावजूद पाकिस्‍तान टीम में बने हुए हैं कुछ सीनियर खिलाड़ी'

वकार यूनुस की खरी-खरी, 'शीर्ष समय निकलने के बावजूद पाकिस्‍तान टीम में बने हुए हैं कुछ सीनियर खिलाड़ी'

पूर्व तेज गेंदबाज Waqar Younis पाकिस्‍तान टीम के कोच भी रह चुके हैं

खास बातें

  • कहा, फिटेनस-सीनियरिटी मामले में किया जा रहा समझौता
  • इस मामले में पीसीबी नहीं बरते किसी भी तरह की रियायत
  • हमें आकलन करना होगा, कहां गलत साबित को रहे हैं

Pakistan Cricket Team: पाकिस्‍तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्‍तान और कोच वकार यूनुस (Waqar Younis)ने टीम के उन सीनियर प्‍लेयर्स को आड़े हाथ लिया है जो क्रिकेट में अपना शीर्ष समय गुजारने के बावजूद टीम में बने हुए हैं. वकार की राय में वर्ल्‍डकप 2019 (World Cup 2019) में पाकिस्‍तान क्रिकेट टीम (Pakistan Cricket Team) के खराब प्रदर्शन का कारण ऐसे सीनियर प्‍लेयर्स का टीम से 'चिपके' रहना ही रहा. इसके साथ ही उन्‍होंने खिलाड़ियों की फिटनेस और फॉर्म को लेकर कोई भी रियायत नहीं देने का आग्रह पाकिस्‍तान क्रिकेट बोर्ड से किया है. गौरतलब है कि वर्ल्‍डकप 2019 में पाकिस्‍तान की टीम सेमीफाइनल में स्‍थान नहीं बना सकी थीं.

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पाकिस्‍तान के अखबार 'डेली जंग' से बातचीत करते हुए वकार यूनुस ( Waqar Younis)ने हालांकि किसी सीनियर खिलाड़ी का नाम तो नहीं लिया लेकिन उनका इशारा मोहम्‍मद हफीज, शोएब मलिक जैसे खिलाड़ि‍यों को लेकर था. हालांकि वर्ल्‍डकप के फौरन बाद शोएब मलिक ने वनडे इंटरनेशनल से संन्‍यास लेने का फैसला किया है लेकिन वे टी20 इंटरनेशनल में अभी खेलते रहेंगे. पाकिस्‍तान टीम के वर्ल्‍डकप में प्रदर्शन को लेकर टिप्‍पणी करते हुए वकार ने कहा, 'अफगानिस्‍तान के खिलाफ मैच में ही हमें जीत के लिए आखिरी ओवर तक संघर्ष करना पड़ा, ऐसा नहीं होना चाहिए था. हमारी बड़ी समस्‍या यह है कि हम चयन के दौरान फिटनेस, सीनियरिटी और अन्‍य मामलों में समझौता कर लेते हैं. '


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वर्ल्‍डकप में टीम के खराब प्रदर्शन के बाद पाकिस्‍तान ने क्रिकेट और टीम के ढांचे में आमूलचूल बदलाव की बात कही है. इस बारे में वकार (Waqar Younis) ने कहा, 'हर वर्ल्‍डकप के बाद ऐसी बातें होती हैं लेकिन केवल लोग बदलते हैं, हालात नहीं बदलते.' आगे बढ़ने का यह रास्‍ता नहीं है. हमें इस बात का आकलन करने की जरूरत है कि हम कहां गलत साबित हो रहे हैं. हर चार वर्ष में हम म कप्‍तान बदलते हैं, कोच और मुख्‍य चयनकर्ता को हटाते हैं. घरेलू क्रिकेट ढांचे को खराब प्रदर्शन के लिए दोषी ठहराया जाता है, लेकिन ऐसा करके तो हम पुरानी गलतियों को ही दोहरा रहे हैं.

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