नई दिल्ली: अब आप वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) की आदत तो जानते ही हैं! जब मुंह खोलते हैं, तो फिर वैसे ही बेखौफ बल्लेबाजी करते हैं जैसे मैदान पर गेंदबाजों की धुनाई करते थे. अब वीरू ने टीम विराट के मैनमेंज पर बड़ा आरोप तो जड़ा ही है, वहीं उन्होंने सालों बाद एमएस धोनी (MS Dhoni) के उस विवाद पर मुंह खोला है, जिसने भारतीय क्रिकेट में एक समय तूफान ला दिया था. साल 2012 में हुए इस विवाद के बाद सहवाग ने पहले कभी इतनी मुखर होकर बात नहीं की. लेकिन अब करीब आठ साल बाद सहवाग (Sehwag Revelation) ने बड़ा खुलासा किया है. उस समय इस घटना को लेकर अखबारों के पन्ने इस विवाद से रंगे होते थे, तो घंटो इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर चर्चा होती थी, लेकिन मामले की परतें तब नहीं ही खुली थीं. सहवाग (Sehwag alleged to MS Dhoni ) ने टीम इंडिया से खिलाड़ियों को बाहर करने को लेकर मैनेजमेंट पर संवादहीनता का आरोप लगाया है. इस दिग्गज खिलाड़ी ने कहा कि इस विषय पर भारतीय मैनजेमेंट खिलाड़ी तक अपनी बात सही तरीके से पहुंचाने में नाकाम रहा है. वीरू ऋषभ पंत को लगातार बेंच पर बैठाने के फैसले को लेकर भी नाराज दिखाई पड़े.
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सहवाग ने साल 2012 में हुए विवाद को लेकर बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि एमएस धोनी के साथ भी कुछ ऐसा ही होता था. वीरू ने उदाहरण देते हुए कहा कि तब शीर्ष क्रम में मैं, सचिन और गंभीर को रोटेट किया जा रहा था. उस समय कहा गया कि हम तीनों मैदान पर धीमे हैं, लेकिन इस बात ड्रेसिंग रूम में हमसे कभी भी बात नहीं की गई. सहवाग ने कहा कि ड्रेसिंग रूम में तो चर्चा यह हो रही थी कि रोटेशन इसलिए हो रहा है कि रोहित शर्मा को और ज्यादा अवसर दिए जाने की जरूरत है, लेकिन एमएस धोनी ने मीडिया में कुछ और बात बोली.
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सहवाग ने एक निजी वेबसाइट से बातचीत में कहा कि जब एमएस धोनी ने ऑस्ट्रेलिया में मीडिया में यह कहा कि शीर्ष तीन खिलाड़ी धीमे हैं, तो न तो हमारे साथ ड्रेसिंग रूम में इस विषय पर बात की गई और न ही विचार-विमर्श ही किया गया. हमें ये तमाम बातें मीडिया के जरिए पता चलीं. धोनी ने ये तमाम बातें प्रेस कॉन्फ्रेंस में तो कहीं, लेकिन उन्होंने कभी ड्रेसिंग रूम में इस विषय को लेकर हमसे चर्चा नहीं की. ध्यान दिला दें कि सहवाग साल 2012 में ऑस्ट्रेलिया में खेली गई ट्राई सीरीज का हवाला दे रहे थे. इसी सीरीज में धोनी ने शीर्ष तीन बल्लेबाज सचिन, गंभीर व सहवाग को रोटेट करने का फैसला किया था.
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सहवाग ने कहा कि हमारे समय में कप्तान (नाम नहीं लिया) खिलाड़ियों से बात करते थे, लेकिन मुझे नहीं बता कि कोहली ऐसा करते हैं या नहीं, लेकिन लोग कहते हैं कि जब रोहित शर्मा एशिया कप में बतौर कप्तान गए, तो वह सभी खिलाड़ियों से बात करते थे.