गांगुली से उलट एमएस धोनी ने विराट कोहली के लिए मैच विजेता नहीं छोड़े, गंभीर ने कहा

गंभीर ने कहा कि दिग्गज खिलाड़ियों के संन्यास के बाद  भारतीय टीम में केवल विराट कोहली और रोहित शर्मा ही थे, जबकि गांगुली ने अपने संन्यास के बाद कई विश्व स्तरीय और मैच जिताऊ खिलाड़ी भारत को दिए.

गांगुली से उलट एमएस धोनी ने विराट कोहली के लिए मैच विजेता नहीं छोड़े, गंभीर ने कहा

गौतम गंभीर की फाइल फोटो

खास बातें

  • हाल ही में एमएस को लेकर मुखर रहे हैं गौतम गंभीर
  • सौरव ने कई मैच विजेता एमएस के लिए छोड़े-गंभीर
  • गंभीर के बयानों पर चुप्पी साधे हुए हैं एमएस
नई दिल्ली:

सौरव गांगुली और महेंद्र सिंह धोनी दो ऐसे शख्सियत हैं, जिनका योगदान भारतीय क्रिकेट में बहुत ही ज्यादा बड़ा है. दादा ने मुश्किल दौर में भारत की कमान संभाली थी, तो एमएस धोनी ने कई आईसीसी ट्रॉफियां भारत को जितायीं. हालिया सालों में गांगुली और एमएस के बीच तुलना भी होती रही है. इन दोनों को लेकर क्रिकेट पंडित और क्रिकेटर अलग-अलग विचार रखते रहे हैं. अब अब धोनी के आलोचक रहे गौतम गंभीर ने कहा है कि एमएस धोनी ने अपने उत्तराधिकारी विराट कोहली को स्तरीय खिलाड़ी नहीं दिए. 

गंभीर ने कहा कि दिग्गज खिलाड़ियों के संन्यास के बाद  भारतीय टीम में केवल विराट कोहली और रोहित शर्मा ही थे, जबकि गांगुली ने अपने संन्यास के बाद कई विश्व स्तरीय और मैच जिताऊ खिलाड़ी भारत को दिए. हाल ही में एमएस धोनी को लकी कप्तान करार देने वाले गंभीर ने कहा कि एमएस ने अपने उत्तराधिकारी विराट कोहली को पर्याप्त स्तरीय खिलाड़ी प्रदान नहीं किए. इस टीम में विराट और रोहित के अलावा जसप्रीत बुमराह ही हैं. वर्तमान टीम में वैसे खिलाड़ी नहीं हैं, जो आपको टूर्नामेंट जिताते हैं. 

गंभीर ने कहा कि लेकिन आप जरा गांगुली को देखिए कि उन्होंने भारतीय क्रिकेट को क्या दिया. युवराज सिंह दो वर्ल्ड कप में मैन ऑफ द सीरीज थे. उनके अलावा हरभजन सिंह, जहीर खान, वीरेंद्र सहवाग ऐसे खिलाड़ी थे,  जो आपको मैच ही नहीं बल्कि टूर्नामेंट जिताते थे. हाल ही में गंभीर ने एमएस धोनी को लकी कप्तान करार दिया था क्योंकि एमएस के पास सचिन, सहवाग, विराट सहित कई दिग्गज खिलाडी थे. इस बात ने धोनी के काम को कहीं आसान बना दिया.


वहीं, धोनी की तुलना में गांगुली को बतौर कप्तान कड़ा परिश्रम करना पड़ा. गंभीर ने कहा कि साल 2011 वर्ल्ड कप में कप्तानी करना बहुत आसान था क्योंकि धोनी के पास सचिन, सहवाग, मैं खुद, युवराज और विराट कोहली थे और उनके पास सर्वश्रेष्ठ टीम थी. वहीं, गांगुली को काफी कड़ी मेहनत करनी पड़ी थी और यह एक बड़ा अंतर रहा जिससे एमएस ने ज्यादा आईसीसी ट्रॉफियां जीतीं. 

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